Begin typing your search above and press return to search.

अरुण साव, गोमती सहित कई सांसदो ने दिया इस्तीफा, चुनाव जीतकर बने हैं विधायक, बन सकते हैं मुख्यमंत्री या मंत्री!...

अरुण साव, गोमती सहित कई सांसदो ने दिया इस्तीफा, चुनाव जीतकर बने हैं विधायक, बन सकते हैं मुख्यमंत्री या मंत्री!...
X
By Sandeep Kumar

रायपुर/भोपाल। तीन राज्यों के कई सांसदों ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। ये सभी सांसद विधानसभा में जीतकर विधायक बने हैं। इस्तीफा देने वाले सांसदों में छत्तीसगढ़ से अरुण साव,गोमती साय मध्यप्रदेश से नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह, रीती पाठक, उदय प्रताप सहित पांच सांसद के नाम शामिल है।

वहीँ, राजस्थान से राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी और किरोड़ी लाल मीना शामिल हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जिन सांसदों ने इस्तीफा दिया हैं उनके नाम मुख्यमंत्री और मंत्री की रेस में चल रहा है। फिलहाल दोंनो राज्यों में अभी मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नामों पर मुहर नहीं लगी है।

BJP Government in CG: छत्‍तीसगढ़ में मुख्‍यमंत्री और कैबिनेट का फार्मूला तय, कभी हो सकती है घोषणा....पढ़ि़ये खबर विस्तार से

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में भाजपा की अगली सरकार में मुख्‍यमंत्री कौन होगा यह सस्‍पेंस कल तक खत्‍म हो जाएगा। दिल्‍ली में पार्टी की उच्‍च स्‍तरीय बैठक में मुख्‍यमंत्री का नाम और सरकार का पूरा स्‍वरुप फाइनल कर लिया गया है। पार्टी नेताओं के अनुसार राज्‍य में सरकार का स्‍वरुप जातिगत और सामाजिक समीकरण के साथ ही 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्‍यान में रखकर तैयार किया गया है।

पार्टी नेताओं ने बताया कि छत्‍तीसगढ़ में सरकार का जो फार्मूला तय किया गया है वह थोड़ा सा चौंकाने वाला है। चुनाव परिणाम आने के बाद से रेणुका सिंह के समर्थक उनका नाम मुख्यमंत्री के रुप में चला रहे हैं। आज दिन में सोशल मीडिया में यहां तक खबर चल गई कि रेणुका सिंह के घर पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पार्टी संगठन के एक वरिष्‍ठ नेता ने दो टूक कहा कि रेणुका को मुख्‍यमंत्री बनाए जाने का सवाल ही नहीं उठता है। उन्‍होंने कहा कि 2003 में प्रदेश में बनी पहली भाजपा सरकार में रेणुका सिंह को महिला बाल विकास मंत्री बनाया गया था, लेकिन दो-ढाई साल में ही उनकी जगह लता उसेंडी को मंत्री बना दिया गया। ऐसे में उन्‍हें इस बार सीधे मुख्‍यमंत्री कैसे बना दिया जाएगा। वो भी तब जब मार्च के फर्स्ट वीक में लोकसभा चुनाव का ऐलान हो जाएगा। जाहिर है, अगले महीने से लोकसभा चुनाव की तैयारी पार्टी शुरू कर देगी। ऐसे में, बीजेपी ऐसे नेता को राज्य की कमान सौंपेंगी, जो लोकसभा चुनाव में दमदारी से पार्टी का नेतृत्व करें। और 11 में से कम-से-कम नौ-दस सीटें दिला दे।

इन 20 नामों में से ही सब कुछ

छत्‍तीसगढ़ में भाजपा के कुल 54 विधायक जीत कर आए हैं। पार्टी ने इसमें से 20 नाम छांट कर निकाला है। इनमें कुछ पहली बार के भी विधायक शामिल हैं। इनमें 8 एसटी, 2 एससी और बाकी 10 सामान्‍य वर्ग से हैं। 10 सामान्‍य में 4 ओबीसी हैं। इन 20 नामों में डॉ. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, अमर अग्रवाल, विष्णुदेव साय, धरमलाल कौशिक, अरुण साव, अजय चंद्राकर, ओपी चौधरी, रेणुका सिंह, राम विचार नेताम, राम कुमार टोप्‍पो, विजय शर्मा, पुन्नुलाल मोहले, धर्मजीत सिंह, अनुज शर्मा, राजेश मूणत, दयालदास बघेल, विक्रम उसेंडी, नीलकंठ टेकाम, लता उसेंडी और केदार कश्यप का नाम शामिल है।

मंत्रिमंडल में सीएम सहित 13 और विधानसभा में 2

छत्‍तीसगढ़ विधानसभा में कुल 90 सदस्‍य हैं। ऐसे में यहां कैबिनेट का आकार 13 सदस्‍यों से ज्‍यादा नहीं हो सकता। इसमें मुख्‍यमंत्री भी शामिल हैं। इसके बाद विधानसभा अध्‍यक्ष और एक उपाध्‍यक्ष। इस तरह 20 में से 15 लोगों को ही पद मिल पाएगा। ऐसे में पहली बार के विधायकों को संसदीय सचिव का पद देकर संतुष्‍ट करने की योजना है। बाकी वरिष्‍ठों को कैबिनेट में स्‍थान दिया जाएगा।

सीजी का मुख्‍यमंत्री और कैबिनेट, नजर 2024 पर

मुख्‍यमंत्री और कैबिनेट छत्‍तीसगढ़ के लिए बनना है, लेकिन पार्टी की नजर 2024 के चुनाव पर है। लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी, ऐसे में मात्र 3 से 4 महीने का वक्‍त है। ऐसे में पार्टी किसी भी वर्ग को नाखुश करना नहीं चाह रही है। मुख्‍यमंत्री पद की दौड़ में जो नाम हैं उनमें डॉ. रमन सिंह, राम विचार नेताम, अरुण साव, रेणुका सिंह और विष्‍णु देव साय मुख्‍य हैं। पार्टी के बेहद भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार पार्टी ने राज्‍य कैबिनेट का फार्मूला तय किया है उसमें एक सीएम के साथ 2 डिप्‍टी सीएम बनाए जा सकते हैं। मुख्‍यमंत्री पद के लिए सबसे पहला नाम प्रदेश के 15 साल तक सीएम रहे डॉ. रमन सिंह का है। डॉ. रमन को लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्‍व को भी कोई आपत्ति नहीं होगी। इस सूत्र ने बताया कि 2 में से एक डिप्‍टी सीएम आदिवासी और दूसरे ओबीसी वर्ग से हो सकते हैं। दोनों को बड़ा पोर्टफोलियो दिया जा सकता है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए भी एसटी के साथ ओबीसी नाम पर विचार किया गया है। उपाध्‍यक्ष सामान्‍य वर्ग से होंगे। रमन सिंह का पलड़ा भारी रहने की एक बड़ी वजह यह है कि उनके अलावे बाकी जितने नाम हैं, वे स्टेट लेवल के लीडर नहीं हैं। विधानसभा चुनाव में भी सिर्फ रमन सिंह की सबसे अधिक डिमांड प्रचार के लिए रही। बाकी सारे नेता अपनी सीट बचाने में लगे रहे। रमन पूरे छत्तीसगढ़ का दौरा करते रहे। फिर छत्तीसगढ़ की स्थिति को पटरी पर लाने के लिए रमन सिंह का 15 साल का अनुभव काम आएगा, ऐसा सियासी पंडितों का मानना है। रमन सिंह सारे नेताओं को स्वीकार्य भी होंगे।

CG-बृजमोहन अग्रवाल प्रोटेम स्पीकर होंगे! पूर्व सीएम रमन सिंह बोले, बृजमोहनजी सबसे सीनियर विधायक

रायपुर। पूर्व मंत्री और लगातार सात बार के विधायक बृजमोहन अग्रवाल प्रोटेम स्पीकर हो सकते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पत्रकारों ने जब प्रोटेम स्पीकर के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, विधानसभा के सबसे सीनियर विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है। इस समय बृजमोहन जी सबसे वरिष्ठ विधायक हैं...उन्होंने सबसे ज्यादा विधानसभा चुनाव जीता है। पढ़ें पूरी खबर....

Sandeep Kumar

संदीप कुमार कडुकार: रायपुर के छत्तीसगढ़ कॉलेज से बीकॉम और पंडित रवि शंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी से MA पॉलिटिकल साइंस में पीजी करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं। पिछले 10 सालों से विभिन्न रीजनल चैनल में काम करने के बाद पिछले सात सालों से NPG.NEWS में रिपोर्टिंग कर रहे हैं।

Read MoreRead Less

Next Story