डॉ0 अंबेडकर ने देश को एक माला में पिरोए रखने वाला यशस्वी और संतुलित संविधान दिया-कुलपति प्रो0 चक्रवाल

Update: 2021-12-06 15:34 GMT

बिलासपुर, 6 दिसंबर 2021। गुरुघासीदास विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने आज कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने हम सभी को देश को एक माला में पिरोए रखने वाले यशस्वी संविधान दिया है। अपना संपूर्ण जीवन उन्होंने सामाजिक समानता और न्याय के लिये समर्पित किया, तथा देश और समाज के प्रति अपने दायित्वों को पूरी निष्ठा से निभाया।


गुरू घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय में आज बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. निर्मल कुमार शुक्ला रहे। विशिष्ट अतिथि के रूप में बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री रतनलाल डांगी मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की।

कुलपति ने कहा कि आजादी के बाद अनेक देशों में कई बार सैनिक विद्रोह हुए लेकिन भारत में ऐसा कभी नहीं हुआ। इसका पूरा श्रेय डॉ. भीमराव अंवेडकर को जाता है, जिन्होंने ऐसा संविधान बनाया जिसमें न्यायपालिका, कार्यपालिका एवं व्यवस्थापिका में बेहतर संतुलन है। ऐसा संतुलन विश्व के अन्य किसी देश में देखने को नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि हमारा देश डॉ. अंबेडकर के आदर्शों एवं सिद्धांतों पर चलते हुए उनके सपनों को साकार कर रहा है।

सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा परिसर स्थित डॉ. बी.आर. अंबेडकर जी की भव्य प्रतिमा पर पूजा अर्चना कर पुष्प अर्पित किये। इसके बाद रजत जयंती सभागार के हाल क्रमांक एक में आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर मां सरस्वती एवं बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किये गये। तत्पश्चात नन्हें पौधे से मंचस्थ अतिथियों का स्वागत किया गया। अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. एम.एन. त्रिपाठी ने स्वागत उद्बोधन दिया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. निर्मल कुमार शुक्ला ने कहा कि मेरा गुरु घासीदास विश्वविद्यालय से आत्मीय संबंध रहा है। डॉ. अंबेडकर को संविधान का पिता कहा जाता है। उन्होंने सभी के लिए समान न्याय और समान अवसर की वकालत की। मौलिक अधिकारों की सुरक्षा एवं सुनिश्चितता से लेकर नागरिक स्वतंत्रता के मुखर पक्षधर रहे। कानूनी फैसलों में बाबा साहब के वचनों एवं आदर्शों का आज स्पष्ट उल्लेख नजर आता है। सामाजिक न्याय के मसीहा के रूप में सदैव याद रहेंगे।

विशिष्ट अतिथि श्री रतनलाल डांगी पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज ने कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन आदर्श होने के साथ युवाओं के लिए प्रेरणास्पद है। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर का जीवन सीख देता है कि परिस्थितियां व्यक्ति का निर्माण करती हैं। जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा लक्ष्य केन्द्रित रहना चाहिए। सभी को बेहतरी के लिए निरंतर प्रयास करना चाहिए कि हम किस प्रकार समाज में सृजनात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

इस अवसर पर अतिथियों द्वारा विश्वविद्यालय की भंडार शाखा द्वारा तैयार वाहन पास का अनावरण किया गया है। अतिथियों का शॉल, श्रीफल एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया गया। कार्यक्रम के अंत में प्रभारी कुलसचिव श्री सूरज कुमार मेहर ने धन्यवाद ज्ञापन एवं संचालन डॉ. एस.के. निराला, सहायक प्राध्यापक ग्रामीण प्रौद्योगिकी एवं सामाजिक विकास विभाग ने किया।

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