कौन है ”पुष्पम प्रिया चौधरी” जिसकी चर्चा हो रही है बिहार से लेकर दिल्ली तक….हमेशा पहनती हैं ब्लैक ड्रेस…. नीलम-पुखराज जैसे रत्नों की शौकीन हैं… 27 लाख बैंक बैलेंस; ऐसी है लाइफस्टाइल

Update: 2020-10-16 06:46 GMT

पटना 16 अक्टूबर 2020. पुष्पम प्रिया चौधरी ये वो नाम है, जिसकी चर्चा सिर्फ बिहार में ही नहीं, बल्कि दिल्ली तक हो रही है. पढ़ाई करके लंदन से भारत लौटने के बाद 8 मार्च को हर अखबार के पहले पेज पर विज्ञापन छपा, जिसमें लिखा था ‘मैं बिहार बदलना चाहती हूं और इस बार के बिहार की सीएम बनूंगी’. ऐलान इतना जोरदार था कि लोगों को ये समझने में कई दिन लगे कि ‘फिल्मी एंट्री’ करने वाली ये लड़की आखिर है कौन? पुष्पम प्रिया चौधरी हमेशा ब्लैक ड्रेस में नजर आती हैं. आखिर उनकी ब्लैक ड्रेस पहनने की वजह क्या है? ये कोई टोटका है, या फिर बात कुछ और ही है. मार्च 2020 में खुद को बिहार का सीएम कैंडिडेट घोषित करने के बाद चर्चा में आईं पुष्पम प्रिया की प्लूरल्स पार्टी ने अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतार दिया है.

पुष्पम प्रिया चौधरी के नए प्रयोग उन्हें सुर्खियों में रखे हुए हैं. हाल ही में जब उनके प्रत्याशियों ने नामां​कन किया, तो नामांकन पत्र में जाति के स्थान पर पॉलिटीशियन और धर्म के स्थान पर बिहारी लिखा गया. हालांकि इसके पीछे पुष्पम प्रिया का मानना है कि राजनीति जाति और धर्म के आधार पर नहीं, बल्कि विकास के लिए होनी चाहिए.
लंदन से पढ़कर लौटीं पुष्पम प्रिया चौधरी का जन्म बिहार के दरभंगा में हुआ. उनके पिता विनोद चौधरी बिहार के सीएम नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं और वे जेडीयू से विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं. पुष्पम प्रिया चौधरी का दावा है कि वे बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव चाहती हैं.
उन्होंने बताया कि यहां पर अच्छी आर्थिक नीतियां नहीं हैं. वे लंदन से इकोनॉमिक्स पॉलिसी की ट्रेनिंग लेकर आई हैं. बिहार में इकॉनामिक अपॉर्चुनिटीज लाना चाहती हैं. पुष्पम प्रिया से जब हमेशा ब्लैक ड्रेस में रहने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि काले कपड़े इसलिए पहनती हैं, क्योंकि देश के बाकी नेता उजले कपड़े पहनते हैं.
साथ ही भारतीय संविधान में नेताओं के लिए कोई ड्रेस कोड नहीं है. हाल ही में एक इंटरव्यू में पुष्पम ने खुद को नेताजी कहने पर भी ऐतराज उठा‌या. उन्होंने कहा वह नेताजी नहीं हैं. वो सिर्फ पॉलिसी मेकर बनना चाहती हैं. पुष्पम प्रिया ने कहा कि असली नेताजी तो सुभाष चंद्र बोस, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और जयप्रकाश नारायण थे. पुष्पम प्रिया बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में मधुबनी जिले की बिस्फी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रही हैं.
पुष्पम प्रिया चौधरी नीलम-पुखराज जैसे रत्नों की शौकीन हैं. द प्लुरल पार्टी की बांकीपुर से उम्मीदवार पुष्पम के पास 13 लाख रुपये कीमत की नीलम और पुखराज की अंगूठियां हैं. उनके शपथ पत्र में दिये ब्यौरे के मुताबिक इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट स्टडीज, बर्मिंघम से पढ़कर लौटीं पुष्पम अभी अपना एजुकेशन लोन भी नहीं चुका पाई हैं. पुष्पम प्रिया चौधरी पर 4 लाख 91 हजार रुपए का एजुकेशन लोन बकाया है.
दिलचस्प बात यह है कि पिछले छह-सात महीनों से बिहार के गांवों और बस्तियों का दौरा कर रहीं पुष्पम प्रिया चौधरी के पास कोई बाइक, कार और जमीन नहीं है. पुष्पम ने अपने नामांकन फॉर्म में बताया कि उनके पास सिर्फ 8 हजार रुपए कैश है। इसके अलावा पुष्पम ने 5 लाख से अधिक का इंश्योरेंस भी कराया हुआ है.
नामांकन फॉर्म भरने के बाद उन्होंने वहां मौजूद लोगों के साथ फोटो भी खिंचवाई. इसके बाद पुष्पम ने कहा कि पिछले 30 सालों में बिहार में विकास नहीं हुआ है। हमें बिहार को विकास ही राह पर आगे ले जाना है. पुष्पम और उनकी प्लुरल्स पार्टी ने लॉकडाउन के दौरान सोशल मीडिया पर ’30 ईयर्स ऑफ़ लॉकडाउन इन बिहार’ का कैंपेन चलाया था.
पुष्पम प्रिया चौधरी ने एक बाहुबली के भाई के सामने अपनी पार्टी की ओर से एक हाउसवाइफ को टिकट दिया है. पुष्पम प्रिया चौधरी ने बनियापुर सीट से हाउसवाइफ चिंकी सिन्हा को टिकट दिया है. प्लूरल्स कमेटी द्वारा उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए कहा गया है कि चिंकी सिन्हा सोशल एक्टिविस्ट है और वे बनियापुर से चुनाव लड़ेगी. बता दें कि इस सीट पर बाहुबली प्रभुनाथ सिंह और उनके परिवार का कब्ज़ा रहा है. वर्तमान में 2010 से ही केदार सिंह इस सीट से जीत रहे हैं.

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