Wrestler Protest: प्रदर्शनकारी पहलवान गंगा में बहाएंगे अपने मेडल, इंडिया गेट पर शुरू होगा आमरण अनशन

Wrestlers Protest: यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई (रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने कहा है कि वह आज शाम 6 बजे हरिद्वार में गंगा नदी में अपने पदक प्रवाहित कर देंगे।

Update: 2023-05-30 11:02 GMT

Wrestlers Protest: यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई (रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने कहा है कि वह आज शाम 6 बजे हरिद्वार में गंगा नदी में अपने पदक प्रवाहित कर देंगे। प्रदर्शनकारी पहलवानों की तरफ बजरंग पुनिया ने ट्विटर पर एक बयान जारी किया है। बयान में कहा गया है कि पदक हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। इनके गंगा में बहन जाने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। इसलए इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।

बीते 28 मई को नए संसद भवन के उद्घाटन के दिन अपने साथ हुए पुलिसिया कार्रवाई को लेकर पहलवानों ने पीड़ा व्यक्त की है। बजरंग पुनिया ने जारी बयान में कहा है कि 28 मई को जो हुआ वह आप सबने देखा। पुलिस ने हम लोगों के साथ क्या व्यवहार किया। हमें कितनी बर्बरता से गिरफ्तार किया। हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। हमारे आंदोलन की जगह को भी पुलिस ने तहस नहस कर हमसे छीन लिया और अगले दिन गंभीर मामलों में हमारे ऊपर ही एफ़आईआर दर्ज कर दी गई। 

साक्षी ने बयान में कहा, "मेडल हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। हम इन्हें गंगा में बहाने जा रहे हैं। इनके गंगा में बहने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा, इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।" 

विनेश फोगाट ने भी इस बयान को शेयर किया। मंगलवार को हरिद्वार में गंगा दशहरा है और ये ऐसा दिन है, जब बड़ी संख्या में लोग वहां पूजा करने आएंगे। रविवार को दिल्ली पुलिस ने साक्षी के साथ विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता विनेश फोगाट और एक और ओलंपिक मेडल विजेता बजरंग पूनिया को हिरासत में लिया और बाद में उनके खिलाफ कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के लिए FIR दर्ज की।

जंतर-मंतर पर ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं को दिल्ली पुलिस ने जबरदस्ती बस में डाला, जब रविवार को पहलवानों और उनके सामर्थकों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ (Mahila Mahapanchayat) के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की।

पहलवानों को नए संसद भवन की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं थी। इसी दिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को इसका उद्घाटन करना था और पुलिस ने जब पहलानों और उनके समर्थकों को रोका तो उनके बीच धक्का-मुक्की भी हुई। विरोध करने वाले पहलवानों और उनके समर्थकों को राष्ट्रीय राजधानी में अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया और बाद में रिहा कर दिया गया।

पहलवानों को बसों में डालने के बाद पुलिस अधिकारियों ने धरना स्थल पर मौजूद चारपाई, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल की छत समेत बाकी सभी सामान को हटा दिया। दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह पहलवानों को प्रदर्शन स्थल दोबारा आने की स्वीकृति नहीं देगी।

क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं पहलवान?

दरअसल पहलवानों ने इस महीने की शुरुआत में अपना विरोध प्रदर्शन दोबारा शुरू कर दिया था, जो पहले जनवरी में शुरू हुआ था। मुद्दा कुश्ती महासंघ यानि WFI प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों का था, जिसके कारण बजरंग पुनिया, विनेश फोगट और बाकी पहलवान जंतर-मंतर पर विरोध स्थल पर लौट आए। पहलवानों ने मांग की कि सरकार दावों की जांच करने वाले पैनल के नतीजों को सार्वजनिक करे।

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साक्षी मलिक और रवि दहिया सहित पहलवानों ने जनवरी में इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ मैराथन बातचीत के बाद अपना तीन दिन का धरना खत्म कर दिया था। इसी कड़ी में महान मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यों की एक निगरानी समिति बनाने की घोषणा की गई थी, जिसे इन आरोपों की जांच का जिम्मा सौंपा गया था।

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