श्रीलंका डिफॉल्टर: आर्थिक संकट से गुजर रहे देश की कर्ज ने लगाई 'लंका', कर्ज चुकाने से खड़े किए हाथ

वित्त मंत्रालय ने कहा- दूसरे देशों की सरकारों व अन्य सभी कर्जदाताओं का कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं हैं

Update: 2022-04-12 07:45 GMT

NPG डेस्क, 12 अप्रैल 2022। भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने डिफॉल्टर होने का ऐलान कर दिया है। मंगलवार को देश के वित्त मंत्रालय ने विदेशी कर्ज चुकाने में असमर्थता जताते हुए डिफॉल्टर बनने की घोषणा कर दी।

श्रीलंका के वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वे दूसरे देशों की सरकारों के साथ ही अन्य सभी कर्जदाताओं का कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं हैं। यह भी कहा गया है कि ये कर्जदाता उससे मंगलवार दोपहर से अपने कर्ज पर ब्याज ले सकते हैं या श्रीलंकाई रुपए में कर्ज राशि वापस ले सकते हैं। इसका मतलब है कि श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग सूख गया है और वह डॉलर में भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। श्रीलंकाई रुपए का पहले ही डॉलर के मुकाबले काफी अवमूल्यन हो चुका है। ऐसे में कर्जदाता संभवत: इसमें भुगतान वापसी के लिए तैयार नहीं होंगे।

बता दें कि श्रीलंका में बीते पिछले सप्ताह से आर्थिक और सियासी संकट चल रहा है। इसी बीच श्रीलंका सरकार ने मंगलवार को देश पर हो चुके 51 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज को चुकाने में लाचारी प्रकट कर दी है। श्रीलंका कर्ज चुकाना तो दूर 2.20 करोड़ देशवासियों के लिए आवश्यक वस्तुओं का आयात भी नहीं कर पा रहा है।

डिफॉल्टर बनने का ही अंतिम विकल्प: श्रीलंका सरकार ने कहा है कि उसके पास कर्ज डिफॉल्टर बनने का ही अंतिम विकल्प बचा था। देश आजादी के बाद का सबसे भयावह आर्थिक संकट भोग रहा है। खाने पीने के सामान व ईंधन की भारी किल्लत हो गई है। श्रीलंका घनघोर बिजली संकट का भी सामना कर रहा है।

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