विकास दुबे की ऐसे शुरू हुई थी प्रेम कहानी, दोस्त की बहन को दिया दिल…. पत्नी और उसके भाई ने रची थी खौफनाक साजिश, पढ़िए गैंगस्टर की अनोखी प्रेम कहानी

Update: 2020-07-08 07:03 GMT

नईदिल्ली 8 जुलाई 2020। उत्तर प्रदेश का टॉप मोस्ट वांटेड बन चुका ढाई लाख रुपये का इनामी कुख्यात बदमाश विकास दुबे के कई चेहरे हैं। यही वजह है कि उसे 90 के दशक से आज तक कोई पहचान नहीं पाया। वह किसी को भी अपना नहीं समझता था, यही वजह है कि दुश्मनी निभाने में उसने अपने सबसे करीबी रिश्तेदारों और संबंधियों को भी नहीं छोड़ा। विकास अपराध की दुनिया में इतना समाहित हो गया था कि उसने ना सिर्फ अपने चचेरे भाई की हत्या करवा दी, बल्कि एक समय प्रेमिका से पत्नी बनी युवती और उसके भाई के जान का भी दुश्मन बन गया था। दोनों की हत्या करवाने के लिए उसने कई चालें चली, हालांकि वह अपने मिशन में कामयाब नहीं हो पाया। मगर विकास के डर की वजह से बाद में युवती उसकी शरण में आ गई और भाई हमेशा के लिए यूपी छोड़कर भाग गया।

वर्ष 1995 के विकास व राजू संपर्क में आए

दरअसल, शास्त्री नगर का बदमाश राजू खुल्लर की बहन सोनू को 8 पुलिसकर्मियों का आरोपी विकास दुबे एक समय अपना दिल दे बैठा था। कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद शातिर बदमाश राजू खुल्लर और गैंगस्टर विकास दुबे साल 1995 के आसपास एक दूसरे के संपर्क में आए। कुछ ही समय में राजू और विकास एक दूसरे के गहरे दोस्त बन गए।

यह कहानी है शास्त्री नगर के शातिर बदमाश राजू खुल्लर और उसकी बहन सोनू की। आपराधिक घटनाओं को अंजाम देते हुए राजू खुल्लर और विकास दुबे वर्ष 1995 के आसपास एक दूसरे के संपर्क में आए। कुछ ही समय में राजू विकास का जिगरी हो गया। विकास के तमाम गैर कानूनी धंधे संभालने लगा। घर में आने जाने की वजह से उसकी बहन सोनू से विकास के प्रेम संबंध हो गए। बाद में विकास ने सोनू से शादी की तो राजू साला हो गया। इन वर्षों में विकास में बेशुमार दौलत कमाई। सब की सब सोनू के नाम करता गया।
काफी समय तक राजू बहन संग गायब रहा

विकास के साथ राजू खुल्लर की भी ताकत बढ़ती गई। वर्ष 2000 में ताराचंद्र इंटर कालेज के सेवानिवृत्त प्रिंसिपल सिद्धेश्वर पांडेय और वर्ष 2001 में दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री की हत्या के बाद विकास कभी जेल में रहा तो कभी फरार रहा। अगले पांच वर्ष इसी लुकाछिपी में बीते। इस दौरान विकास की सारी सत्ता काफी हद तक राजू खुल्लर और उसकी बहन सोनू के पास रही। इसी बीच सोनू के संबंध विकास के एक बहुत ही खास शख्स से हो गए। तीनों ने विकास से दूरी बनाने का प्रयास किया। राजू बहन सोनू को लेकर काफी समय तक गायब रहा।

विकास की जमीनें बेचने की फिराक में था

राजू सोनू के नाम विकास की खरीदी हुई जमीनों को बेचने की फिराक में था। इसी बीच संतोष शुक्ला हत्याकांड में विकास बरी हो गया। राजू और सोनू की कारस्तानी का पता चलने पर वह आग बबूला हो गया। उसे सोनू के बेवफा होने से ज्यादा अपनी संपत्तियों के जाने का डर था। अपने दर्जनों गुर्गे राजू खुल्लर और सोनू को जिंदा या मुर्दा पकड़कर लाने के लिए लगा दिए। उस दौर के प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि सोनू की तलाश में विकास दुबे ने शास्त्री नगर स्थित उसके घर पर धावा बोला था। तब उसने मोहल्ले के कई घरों की तलाशी ली थी। मगर सोनू नहीं मिली। इस बेवफाई से विकास इतना बौखला गया था कि राजू का यूपी में रहना मुश्किल कर दिया।

पत्नी को विकास के आगे सरेंडर करना पड़ा

भाई के फरार होने और विकास के नजदीकी व्यक्ति के साथ देने से मना करने पर सोनू ने विकास के सामने सरेंडर कर दिया। बताते हैं कि उसके बाद फिर से सोनू ने नाम बदलकर विकास का काम संभाल लिया। चर्चाएं तो यहां तक हैं कि विकास दुबे के लखनऊ आवास में बतौर पत्नी साथ रहने वाली महिला रिचा दुबे ही सोनू है। अपराध की दुनिया में वह विकास की हर कदम पर सहयोगी रही है। यहां तक कि वह घरों के सीसीटीवी कैमरे अपने मोबाइल से आपरेट करती है। घर पर दबिश की सूचनाएं विकास तक पहुंचाती है।

 

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