अर्थी पर था शहीद भाई का शव, बहन ने ओढ़नी फाड़कर बांधी राखी…..रोते हुए मासूम बेटा बोला- पापा चिंता मत करना अब आपका बेटा लड़ेगा पाकिस्तानी आतंकवादी से…. सीमा पर शहीद हुआ था ये लाल….15 किलोमीटर के अंतिम सफर में हजारों की भीड़ नम आंखों से करती रही कदमताल

Update: 2020-02-11 08:27 GMT

जयपुर 11 फरवरी 2020। शहीद भाई राजीव को जैसे ही बहन सीमा ने बिलखते हुए अपनी ओढ़नी फाड़ कलाई पर राखी बांधकर अंतिम सफर पर विदा किया….पूरी फिजां चित्कार कर उठी। जम्मू कश्मीर में शहीद हुए राजस्थान के लाल राजीव का पार्थिव शरीर रात को दिल्ली से प्रागपुरा लाया गया था। वहां से रविवार सुबह शहीद के पार्थिव देह को लुहाकना खुर्द स्थित घर ले जाया गया। प्रागपुरा से लुहाकना खुर्द तक 15 किमी तक के सफर में लोग मौजूद रहे। इस दौरान लोग राजीव सिंह अमर रहे, भारत माता की जय, वन्देमातरम के नारे लगाते रहे।

शहीद राजीव को उनके 10 साल के बेटे अधिराज सिंह ने मुखाग्नि दी। रोते हुए पिता के सर पर हाथ फेरते हुए उन्होंने कहा- सेना में भर्ती होकर पाकिस्तान को सबक सिखाऊंगा। मेरे दादा भी सेना में थे। पिताजी ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिये। राजीव सिंह कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर अग्रिम चौकी पर तैनात थे। 8 फरवरी को पाकिस्तानी सेना ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया। इस दौरान हुई गोलीबारी में राजीव सिंह शहीद हो गए थे।

इस दौरान बहन सीमा ने अपने शहीद भाई की कलाई पर राखी बांधने की इच्छा जताई.बेहद भावुक कर देने वाले दृश्य में बहन सीमा ने अपनी ओढ़नी का हिस्सा फाड़कर शहीद भाई की कलाई पर राखी बांधी. इस दौरान पूरे राजकीय सम्मान के साथ हजारों लोगों की मौजूदगी में अंतिम संस्कार किया गया.

36 साल के राजीव सिंह 2002 में सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में सेना के 5 राजपूत ग्रुप में नायक के पद पर तैनात थे। ग्रामीणों ने बताया कि राजीव सिंह दिसम्बर माह में छुट्टी पर घर आए थे। आठ जनवरी को ड्यूटी पर लौटे थे। ठीक एक महीने बाद उनकी शहादत की खबर मिली। राजीव सिंह जनवरी में ही श्रीगंगानगर से जम्मू कश्मीर में पदस्थापित हुए थे। शहीद के परिवार में पिता शंकर सिंह, मां पुष्पा कंवर, पत्नी उषा कंवर और 10 साल का बेटा अधिराज है।

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