खबर का असर – 5 साल से रुका हुआ 8 महीने का वेतन 5 घंटे में पहुंचा शिक्षाकर्मी के खाते में , शिक्षाकर्मी नेता विवेक दुबे की पहल से फिर मिली एक महिला शिक्षाकर्मी को बड़ी राहत , महिला शिक्षाकर्मी ने न्यू पावर गेम को भी दिया धन्यवाद
रायपुर 17 अक्टूबर 2020। 5 साल से एक महिला शिक्षाकर्मी अपने ही वेतन के लिए ऑफिसों के चक्कर लगा रही थी और वह भी उस काल के वेतन की जिस समय उसे पैसों की सबसे ज्यादा जरूरत थी और अधिकारी उसी समय उसके वेतन पर कुंडली मारकर बैठ गए और वह भी कोई एक-दो माह की नहीं बल्कि 8 माह के वेतन के ऊपर । अंत में थक हार कर महिला शिक्षाकर्मी शांत बैठ गई थी लेकिन जब एक अन्य महिला शिक्षाकर्मी जिसे सरनेम परिवर्तन के लिए घुमाया जा रहा था की जानकारी उन्हें न्यूपावरगेम के खबर के माध्यम से लगी तो उन्होंने तत्काल संविलियन अधिकार मंच के प्रदेश संयोजक विवेक दुबे को अपनी समस्या बताई और बताया कि उन्हें भी सरनेम परिवर्तन के लिए सीएमओ ने आदेश जारी करके न्यायालय से आदेश की कॉपी लाने को कहा है, यही नहीं 2015 में उन्होंने मातृत्व अवकाश लिया था उस समय के भी 8 महीने का वेतन भुगतान उन्हें नहीं हुआ है जिसे वह लगभग भूल चुकी है ।
इसके बाद शिक्षाकर्मी नेता विवेक दुबे ने प्रयास करना शुरू किया और सबसे पहले मामले की जानकारी उन्होंने पूरे प्रमाण के साथ नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक सौमिल रंजन चौबे को दी , वह भी नगर पंचायत जरही, जिला – सूरजपुर के सीएमओ की कार्यप्रणाली देखकर आश्चर्यचकित रह गए और उन्होंने तत्काल संयुक्त संचालक सरगुजा को पूरे मामले की जांच करने को कहा जिसके बाद तत्काल मामले में जांच शुरू हुई और आनन-फानन में सीएमओ ने महिला शिक्षाकर्मी के खाते में रोके गए 8 माह के वेतन का भुगतान कर दिया। 8 महीने के 1 लाख 27 हजार 262 रु महिला शिक्षाकर्मी के खाते में एक साथ अब जमा कर दिया गया है। , इससे यह भी साबित होता है कि वास्तव में शिक्षाकर्मियों को निचले स्तर पर विभाग के अधिकारियों द्वारा बेवजह घुमाया जाता है ।
इधर वेतन भुगतान होने के बाद महिला शिक्षाकर्मी की खुशी का ठिकाना ही नहीं है और उन्होंने इसके लिए संविलियन अधिकार मंच के प्रदेश संयोजक विवेक दुबे , नगरीय प्रशासन विभाग के अपर संचालक सौमिल रंजन चौबे और इस खबर को प्रमुखता से छापने वाले न्यू पावर गेम को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया है ।