110 प्रवासी श्रमिकों के कैंप में टीव्ही और कैरम पहुँचा.. कैंप के पंद्रह बच्चों को पढ़ाने की क़वायद भी शुरु..कैंप के ही शिक्षित सत्येंद्र ने लिया पढ़ाने का ज़िम्मा..

Update: 2020-04-14 16:15 GMT

अंबिकापुर,14 अप्रैल 2020। लॉक डाउन के तीन मई तक बढ़ जाने के बाद, उन प्रवासी श्रमिकों की अकुलाहट बढ़ गई जिन्हे ये लग रहा था कि, पहले लॉक डाउन की अवधि और दूसरे लॉकडाउन के बीच कुछ समय मिलेगा और वे गाँव घर पहुँच पाएंगे। बिशुनपुर स्थित इस कैंप में इन प्रवासी श्रमिकों को जिला प्रशासन ने टीव्ही, कैरम, लूडो उपलब्ध कराया है ताकि, उनकी अकुलाहट कम हो और वे यह ना सोचें कि ‘फँस गए’ बल्कि यह महसूस करें क़ि वे बेहतर जगह पर हैं और सुरक्षित हैं।

जिला प्रशासन ने कैंप में मौजुद बच्चों की पढ़ाई भी शुरु कराई है। कैंप में ही मौजुद सत्येंद्र ने आगे आकर इनकी पढ़ाई की जवाबदेही ली है। पढ़ाई के लिए किताबें, ब्लैक बोर्ड भी उपलब्ध कराया गया है।सरगुजा के इस राहत कैंप में नियमित चिकित्सकों का दल भी पहुँचता है, और इन सभी का चेकअप होता है।

कलेक्टर सारांश मित्तर ने NPG से कहा
“उनके भीतर घर जाने की अकुलाहट थी, जो स्वाभाविक है, हमने कोशिश की है कि, उन्हें घर जैसा माहौल दे सकें.. खाना हो दवा हो यह हम उपलब्ध करा ही रहे थे, मनोरंजन के लिए साधन टीव्ही कैरम लूडो भी आज दे दिए गए है, और बच्चों को पढ़ाने की भी व्यवस्था शुरु हो चुकी है”

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