Bharat Sarkar ki nai SIM Binding guidelines: बिना एक्टिव सिम के अब नहीं चलेगा WhatsApp, लैपटॉप में भी हर 6 घंटे में करना पड़ेगा लॉगिन! जानिए भारत सरकार का क्या है यह नया नियम?
Bharat Sarkar ki nai SIM Binding guidelines: अक्सर कई लोग अपने फोन में बिना सिम कार्ड के व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग का इस्तेमाल करते रहते हैं और साथ ही इसे लैपटॉप पर एक बार लॉगिन करने के बाद हमेशा use किया जा सकता है। लेकिन भारत सरकार के इस नए फैसले से व्हाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य मैसेजिंग ऐप के यूजर्स को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
Bharat Sarkar ki nai SIM Binding guidelines: अक्सर कई लोग अपने फोन में बिना सिम कार्ड के व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग का इस्तेमाल करते रहते हैं और साथ ही इसे लैपटॉप पर एक बार लॉगिन करने के बाद हमेशा use किया जा सकता है। लेकिन भारत सरकार के इस नए फैसले से व्हाट्सएप, टेलीग्राम और अन्य मैसेजिंग ऐप के यूजर्स को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। दूरसंचार विभाग द्वारा जारी किए गए इस निर्देश के तहत अब इन ऐप्स को इस्तेमाल करने के लिए आपके फोन में एक्टिव सिम कार्ड का होना अनिवार्य हो जाएगा। यह साइबर अपराधों को रोकने और डिजिटल सुरक्षा बनाए रखने के लिए किया जा रहा है। आइए समझते है कि यह नियम क्या है और कैसे काम करता है?
SIM Binding का मतलब क्या है?
सिम बाइंडिंग एक टेक्निकल प्रोसेस है जिसमें आपका मैसेजिंग ऐप लगातार यह जांचता रहेगा कि जिस सिम कार्ड से आपने अकाउंट बनाया था, वह आपके फोन में मौजूद है या नहीं। अभी तक जो नियम था, उसमें आप एक बार अपना नंबर वेरिफाई करते थे और उसके बाद सिम कार्ड को निकाल देने पर भी ऐप काम करता रहता था। यह एक लूपहोल है जिसका उपयोग फ्रॉड करने के लिए किया जा सकता है। जैसे कि एक व्यक्ति ने भारत में अपना अकाउंट बनाया, फिर सिम कार्ड को फोन से निकालकर विदेश ले गया और वहां से भी उसी भारतीय नंबर का इस्तेमाल करके धोखाधड़ी किया जा सकता है। नए नियम के तहत अब यह सुविधा अब खत्म हो जाएगी। यह जांच IMSI यानी इंटरनेशनल मोबाइल सब्सक्राइबर आइडेंटिटी के जरिए की जाएगी।
Whatsapp वेब के लिए छह घंटे का नियम
जो लोग अपने कंप्यूटर या लैपटॉप पर WhatsApp Web का इस्तेमाल करते हैं, उनके लिए भी बड़ा बदलाव आने वाला है। नए निर्देश के मुताबिक वेब वर्जन हर छह घंटे में अपने आप लॉग आउट हो जाएगा। इसका मतलब है कि अगर आप ऑफिस में अपने कंप्यूटर पर WhatsApp चला रहे हैं तो हर छह घंटे बाद आपको दोबारा QR कोड स्कैन करके लॉग इन करना होगा।
यह नियम सिर्फ WhatsApp तक सीमित नहीं है बल्कि सभी मैसेजिंग ऐप्स के वेब और डेस्कटॉप पर लागू होगा। ऐसा करने के पीछे सरकार का यह मानना है कि अगर कोई फ्रॉड व्यक्ति आपका अकाउंट लॉगिन कर लेता है तो उसके सिस्टम से भी 6 घंटे में आपका अकाउंट लॉगआउट हो जाएगा। इससे वह ज्यादा कुछ हानि नहीं पहुंचा सकता। हालांकि इससे उन लोगों को असुविधा होगी जो पूरे दिन लगातार अपने कंप्यूटर पर मैसेजिंग ऐप का इस्तेमाल करते हैं।
कौन-कौन ऐप होंगे इससे प्रभावित
यह नियम केवल WhatsApp तक सीमित नहीं है। इसमें WhatsApp के अलावा Telegram, Signal, Snapchat, Arattai, Sharechat, JioChat और Josh शामिल हैं। ऐसा कोई भी ऐप जो मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके यूजर्स की पहचान करता है उसे इस नियम का पालन करना होगा। कंपनियों के पास इन बदलावों को लागू करने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है।