SSP का मुख्यमंत्री को विस्फोटक लेटर :….SP के जिलों में पोस्टिंग में 30 लाख से 80 लाख रुपये की लगती है बोली….जिलों के हिसाब से रेट भी बताये…. 5 IPS अफसर ही चला रहे हैं प्रदेश में ट्रांसफर-पोस्टिंग गिरोह…. ब्यूरोक्रेसी में मचा बवाल… DGP ने बैठायी जांच

Update: 2020-01-03 15:17 GMT

लखनऊ 3 जनवरी 2019। नोएडा के SSP के एक लेटर से बवाल मच गया है। ये लेटर ऐसे गिरोह का खुलासा कर रहा है, जिसमें आरोप सूबे के कई सीनियर IPS अफसरों पर ही लगा है। लेटर में खुलासा किया गया है कि प्रदेश में पोस्टिंग के लिए लाखों की बोली लगती है, ये रकम 30 लाख से लेकर 80 लाख रुपये तक की होती है। इस लेटर बम के सामने आने के बाद ब्यूरोक्रेसी में तूफान मच गया है। नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्णा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ये चिट्ठी भेजी है। चिट्ठी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में जिला कप्तान की पोस्ट के लिए 50 लाख से 80 लाख रुपये तक की बोली लगायी जाती है। नोएडा एसएसपी ने गिरोह में शामिल यूपी कैडर के कम से कम पांच भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों के नामों का भी जिक्र किया है।

वैभव कृष्ण ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव के नाम लिखे एक गोपनीय पत्र में पांच IPS अधिकारियों की मोबाइल फोन रिकॉर्डिग का खुलासा किया है, जिसमें व्हाट्सएप मैसेज की जानकारी भी शामिल है. इससे पता चलता है कि SSP मेरठ की पोस्ट के लिए एक IPS अधिकारी और एक पावर-ब्रोकर के बीच 80 लाख रुपये में सौदा हुआ.

SSP नोएडा द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए सनसनीखेज पत्र में और भी खुलासे हुए हैं. इसमें बताया गया है कि यूपी कैडर के एक अन्य IPS अधिकारी ने SSP आगरा के पद के लिए 50 लाख रुपये की पेशकश की. इसके अलावा SSP बरेली के पद के लिए 40 लाख रुपये की राशि बताई गई. इसी तरह बिजनौर में एसपी पद के लिए 30 लाख रुपये की पेशकश की गई.

वैभव कृष्णा ने यूपी के डीजीपी और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के नाम खत लिखा है जिसमें उन्होंंने 5 आईपीएस अफसरों की मोबाइल फोन रिकॉर्डिंग का खुलासा किया है। दी गई जानकारी में एसएसपी मेरठ की पोस्टिंग के लिए एक आईपीएस अफसर और एक पावर-ब्रोकर के बीच व्हाट्सएप मैसेज के आदान-प्रदान का जिक्र है, जो 80 लाख रुपये की घूस को लेकर थी।

चिट्ठी के मुताबिक डील का खुलासा अगस्त, 2019 में नोएडा से गिरफ्तार 4 लोगों के केस की तफ्तीश के दौरान हुआ। एसएसपी वैभव कृष्णा ने आईएएनएस को बताया कि ट्रांसफर पोस्टिंग के हाई-प्रोफाइल रैकेट की जानकारी उन्होंने सरकार को पिछले महीने दी थी।

वैभव कृष्णा ने कहा, “मुख्यमंत्री को इस रैकेट की जानकारी देने के बाद से सिंडिकेट मेरे पीछे पड़ा हुआ है। हाल में उन्होंने मेरी छवि खराब करने के लिए 3 वीडियो क्लिप्स पर मेरी तस्वीरें लगाकर एक ‘मॉर्फ्ड वीडियो’ जारी किया है।”

नोएडा के एसएसपी ने अपनी इस चिट्ठी में कई और जिलों में पोस्टिंग के लिए पेश की गई घूस की जानकारी भी दी है। इसके मुताबिक यूपी काडर के एक दूसरे पुलिस अफसर ने लाखों रुपयों की पेशकश की। एसएसपी आगरा के पद के लिए 50 लाख रुपये की पेशकश की गई। वहीं बरेली के लिए 40 लाख रुपये और एसपी बिजनौर पद के लिए 30 लाख रुपये ऑफर किए गए।

एसएसपी नोएडा के मुताबिक ये पूरा रैकेट ताकतवर ब्यूरोक्रेट और नेता मिलकर चलाते हैं जिसमें कुछ पत्रकार भी शामिल हैं। तमाम सौदेबाजियों का खुलासा तब हुआ जब पुलिस की साइबर टीम ने कई फोन कॉल्स और मैसेज की जांच की।

 

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