Ganesh Chaturthi 2023 Kab Hai Date: गणेश चतुर्थी कब है 2023?, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और महत्व

Ganesh Chaturthi 2023 Kab Hai Date: गणेश उत्सव हर साल भाद्रपद में मनाई जाती है।गणेश जी का जन्मोत्सव भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है। जानते हैं गणेश चतुर्थी का शुभ मुहूर्त-विधि

Update: 2023-08-08 11:36 GMT

Ganesh Chaturthi 2023 Kab Hai गणेश चतुर्थी कब है?  गणेश चतुर्थी इस साल 19 सितंबर से मनाई जाएगी। गणेश जी का जन्मोत्सव हर साल धूम धाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है। भगवान श्री गणेश जी को प्रथम पूज्य माना जाता है। श्री गणेश जी की पूजा करने से कोई भी शुभ कार्य निर्बिघ्न रूप से संपन्न हो जाता है। महाराष्ट्र में  गणेश चतुर्थी का त्यौहार काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।गणेश चतुर्थी का त्यौहार  भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। अर्थात भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को  गणेश चतुर्थी का पूजन किया जाता है। इस दिन गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है।

गणेश चतुर्थी 2023 में कब मनाई जायेगी? (Ganesh Chaturthi 2023 Date)

गणेश पूजा भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यानी की 2023 में यह तिथि 19 सितम्बर 2023 को होगी। अर्थात इस साल यानी की 2023 में गणेश चतुर्थी का त्यौहार या गणेश पूजन मंगलवार, 19 सितम्बर 2023 को मनाई जायेगी।

गणेश चतुर्थी प्रारंभ 19 सितम्बर 2023, मंगलवार

गणेश प्रतिमा का विसर्जन -28 सितम्बर 2023, गुरुवार

गणेश चतुर्थी 2023 गणेश पूजा मुहूर्त

 गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है। यहाँ हमने टेबल के माध्यम से भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि के प्रारंभ और समाप्त होने के समय की जानकारी दी हुई है।

भाद्रपद शुक्ल पक्ष गणेश चतुर्थी के दिन मध्याह्न पूजा मुहूर्त सुबह 11 बजे से दोपहर 01 . 26 मिनट के बीच रहेगा। वहीं इस विशेष दिन पर रवि योग का निर्माण हो रहा है जो सुबह 06 . 08 मिनट से दोपहर 03 .18 मिनट तक रहेगा। इसके साथ इस दिन स्वाती नक्षत्र का निर्माण हो रहा है जो दोपहर 03. 18 मिनट तक रहेगा तिथि प्रारंभ-18 सितम्बर 2023, सोमवार 12:39 pm

भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि समाप्त- 19 सितम्बर 2023, मंगलवार

गणेश पूजा 2023 शुभ मुहूर्त- 19 सितम्बर 2023, मंगलवार 11:15 am से

19 सितम्बर 2023, मंगलवार 01:16 pm


गणेश चतुर्थी-पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्र दर्शन वर्जित किया गया है. ऐसी मान्यता है की गणेश चतुर्थी यानी की भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि को चन्द्र दर्शन करने से मनुष्य को मिथ्या कलंक लगता है। इस संबंद्ध में कई सारी कथाएँ प्रचलित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चन्द्र दर्शन नहीं करना चाहिए। जो मनुष्य ऐसा करता है उसे मिथ्या कलंक लग सकता है। ऐसा मानना है की चन्द्र देव को  गणेश जी का श्राप है की भाद्रपद मॉस की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को जो कोई भी चन्द्र देव का दर्शन करेगा उसे मिथ्या कलंक लगेगा। परन्तु अगर सम्पूर्ण विधि विधान का साथ गणेश जी का पूजन करने के पश्चात हाथ में कोई फल आदि लेकर श्री चन्द्र देव का दर्शन किया जाए तो यह दोष नहीं लगता है।

गणेश चतुर्थी पूजा विधि 

गणेश चतुर्थी पर्व के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और पूजा स्थल की साफ-सफाई करें।इसके बाद भगवान गणेश की विधिवत उपासना करें।फिर शुभ मुहूर्त में पूजा की चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं और मंत्रोंच्चारण के साथ भगवान गणेश को स्थापित करें।इसके बाद भगवान गणेश को हल्दी, चंदन, सिंदूर, रोली, मौली, दूर्वा, फल, फूल और माला अर्पित करें।भोग के रूप में भगवान गणेश को मोदक या लड्डू अर्पित करें और अंत में आरती के साथ पूजा संपन्न करें।

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