रणजीत बच्चन हत्याकांड, दूसरी पत्नी ने ही प्रेमी के साथ मिलकर रची थी साजिश… प्रेमी के साथ करना चाहती थी शादी, पढ़िए पूरी खबर

Update: 2020-02-06 12:48 GMT

नईदिल्ली 6 फरवरी 2020। आखिरकार पुलिस ने विश्व हिंदू महासभा के अध्यक्ष रंजीत बच्चन की हत्या का खुलासा कर ही दिया। इस मामले में कत्ल की साजिश के पीछे कोई और नहीं बल्कि रंजीत की दूसरी पत्नी स्मृति और उसके ब्वॉयफ्रेंड देवेन्द्र का हाथ था। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। स्मृति रंजीत की दूसरी पत्नी है। इन दोनों के बीच तलाक का मामला सुलझ नहीं रहा था। स्मृति इस बात से परेशान चल रही थी, क्योंकि देवेंद्र और स्मृति शादी करना चाहते थे जिसमें रणजीत बच्चन बाधा बन रहे थे। इसी दौरान उसने अपने प्रेमी के साथ मिलकर खौफनाक साजिश रच डाली।

महिला के मोबाइल से मिला सुराग

क्राइम ब्रांच ने जब रणजीत की पहली पत्नी कालिन्दी व गोरखपुर में कई रिश्तेदारों से पूछताछ की तो एक महिला का नाम सामने आया। इस महिला को लेकर रणजीत का कुछ लोगों से विवाद भी हुआ था। इस महिला की कॉल डिटेल से कुछ संदिग्ध लोग के नाम सामने आये। फिर गुत्थी सुलझती चली गई। मंगलवार को पता चला कि एक संदिग्ध युवक घटना के दिन लखनऊ में था, फिर हत्या के दूसरे दिन यानी सोमवार को उसकी लोकेशन मुम्बई में निकली।

पुलिस कमिश्नर लखनऊ सुजीत पांडेय ने प्रेस कांफ्रेंस कर पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वारदात में शामिल स्मृति श्रीवास्तव, देवेंद्र और संजीत गौतम को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि वारदात को अंजाम देने वाला शूटर जीतेंद्र फरार है।

पुलिस कमिश्नर के अनुसार, रणजीत बच्चन की हत्या के लिए स्मृति के प्रेमी देवेंद्र ने उकसाया था। स्मृति की गिरफ्तारी लखनऊ के विकास नगर स्थित उसके आवास से हुई जबकि देवेंद्र को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया है। रात तक उसे लखनऊ ले आया जाएगा।

संजीत गौतम को मोहनलालगंज के जबरौली से बृहस्पतिवार दोपहर गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि संजीत वही शख्स है जो कार चलाकर शूटर जीतेंद्र को हजरतगंज भाजपा मुख्यालय के पास छोड़ देता है। जहां से जीतेंद्र रणजीत के पीछे ग्लोब पार्क तक जाता है और उसकी हत्या कर देता है। शूटर जीतेंद्र अभी भी फरार है।

पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पूछताछ में पता चला कि स्मृति और देवेंद्र शादी करना चाहते थे लेकिन रणजीत स्मृति को तलाक नहीं दे रहे थे। ये मामला 2016 से कोर्ट में लंबित था। जिससे देवेंद्र ने स्मृति के साथ मिलकर रणजीत बच्चन को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। इसमें संजीत गौतम भी शामिल था।

थप्पड़ मारने पर जान से मारने का किया फैसला

लखनऊ पुलिस कमिश्नर के अनुसार, 17 जनवरी को स्मृति और रणजीत की मैरिज एनवर्सरी थी। दोनों लखनऊ के सिकंदरबाग चौराहे पर मिले थे। रणजीत स्मृति को लेकर एनवर्सरी सेलीब्रेट करने के लिए होटल जाना चाहता था पर स्मृति के इंकार पर भड़के रणजीत ने उसे थप्पड़ मार दिया। इसे जानकर, देवेंद्र आग बबृला हो गया और रणजीत को जान से मारने का फैसला कर लिया।

कॉल डिटेल, सीसीटीवी से मिले सुराग

हजरतगंज के ग्लोब पार्क के सामने रविवार सुबह छह बजे रणजीत की गोली मारकर हत्या की गई थी। हमलावर ने उनके साथी आदित्य के हाथ में भी गोली मारी थी, जिससे वह घायल हो गया था। रविवार से अब तक पुलिस की आठ टीमों ने रणजीत के ओसीआर स्थित आवास से ग्लोब पार्क तक 40 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले।

यहीं नहीं कॉल डिटेल के आधार पर 87 मोबाइल नंबर को ट्रेस किया। जनपथ मार्केट के पास मिले सीसीटीवी कैमरे की फुटेज से करीबी पर शक गहराने लगा। पुलिस इसे लेकर परिवारजनों पर भी संदेह कर रही थी। इनसे सख्ती से पूछताछ शुरू हो गई है।

ओसीआर में हवन व शांति पाठ
ओसीआर के बी ब्लॉक स्थित 604 नंबर फ्लैट पर रणजीत बच्चन की आत्मा की शांति के लिए बुधवार दोपहर हवन व शांति पाठ हुआ। इसमें परिवारीजन व रिश्तेदार शामिल हुए। इस दौरान वहां पुलिस टीम भी मुस्तैद रही।

दो और युवक उठाये गए

इस शूटर से कई जानकारियां हाथ लगते ही पड़ोस के दो जिलों में क्राइम ब्रांच और हजरतगंज पुलिस की दो टीमों ने दबिश दी। वहीं पुलिस अधिकारी अभी यही कह रहे हैं कि मुम्बई में एक हमलावर के होने का पता चला है।

परिवारीजनों से पूछताछ और सख्त हुई

मुम्बई में शूटर के हिरासत में आते ही पुलिस की एक टीम फिर से ओसीआर बिल्डिंग पहुंची। उसने कालिन्दी व अन्य परिवारीजनों से कई तथ्यों पर फिर पूछताछ की। इस दौरान पुलिस का रवैया थोड़ा सख्त दिखा। इसके बाद एक रिश्तेदार के माध्यम से गोरखपुर में मौजूद दो करीबियों से भी पुलिस ने सवाल जवाब किए।

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