रहाणे को मिला मुलाग अवॉर्ड, 152 साल पुराना है इतिहास….

Update: 2020-12-29 07:33 GMT

नईदिल्ली 29 दिसंबर 2020. बॉक्सिंग-डे टेस्ट में 12वां शतक जमाने वाले अजिंक्य रहाणे के सिर पर इस ऐतिहासिक जीत का सेहरा बांधा गया। विराट कोहली की गैरमौजूदगी में टीम इंडिया की कमान संभालते हुए कार्यवाहक कप्तान रहाणे ने हर क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया, जिससे भारत ने दूसरा टेस्ट जीता और चार मैच की सीरीज 1-1 से बराबरी पर खड़ी है। इसी के साथ क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने रहाणे को मुलाग मेडल से सम्मानित किया।

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पहले विदेशी दौरे पर कप्तानी करने वाले जॉनी मुलाग के नाम पर यह अवॉर्ड दिया गया। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने बॉक्सिंग-डे टेस्ट की शुरुआत से पहले ही इस खास सम्मान की घोषणा कर दी थी। मुलाग विदेशी दौरे पर जाने वाली पहली आस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान थे। उनकी अगुवाई में 1868 में टीम ने ब्रिटेन का दौरा किया था।

मुलाग का असली नाम उनारिमिन था और उन्होंने 1868 में क्षेत्रीय टीम का नेतृत्व किया था। इस दौरे में उन्होंने 47 में से 45 मैच खेले थे तथा लगभग 23 की औसत से 1698 रन बनाए थे, उन्होंने 1877 ओवर भी किए, जिसमें से 831 ओवर मेडन थे तथा 10 की औसत से 245 विकेट लिए। अपने करियर में उन्होंने कामचलाऊ विकेटकीपर की भूमिका भी निभाई और चार स्टंपिंग की। सोमवार को मुलाग ऑस्ट्रेलियाई हॉल ऑफ फेम में शामिल होने वाले स्थानीय आदिवासी मूल के पहले खिलाड़ी बने।

ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट हॉल ऑफ फेम के अध्यक्ष पीटर किंग ने कहा, ‘जॉनी मुलाग और स्थानीय आदिवासियों की टीम ने 1868 में भविष्य के ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए विश्व स्तर पर अपने कौशल और प्रतिभा का प्रदर्शन करने का मार्ग प्रशस्त किया।

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