वनधन केंद्रों पर अब तक 6 हज़ार क्विंटल से अधिक वनोपज का क्रय, बिहान और लघु वनोपज संघ के संयुक्त पहल से समर्थन मूल्य पर खरीदी

Update: 2020-04-03 13:21 GMT

रायपुर 3 अप्रैल 2020। राज्य के वनांचलों मैं रहने वाले ग्रामीणों तथा वन उत्पादों पर अपनी आजीविका चलाने वाले वनवासियों द्वारा एकत्र किए गए वनोत्पाद को समर्थन मूल्य पर क्रय प्रारम्भ कर दिया गया है। राज्य में अब तक एक करोड़ 47 लाख रुपये का 6326 क्विंटल लघु वनोपज खरीदा जा चुका है। गौरतलब है कि पूर्व के वर्षों में ग्रामीणों द्वारा एकत्र किए जाने वाले लघु वनोपज को क्रय करने एवं उसका नगद मूल्य संग्राहक को देने हेतु शासन स्तर पर कोई समुचित व्यवस्था नही थी, जिसके चलते संग्राहक अपनी सामग्री को ग्राम या उसके आसपास मौजूद स्थानीय व्यापारियों को औने पौने दामों में बेचने को मजबूर होता था।

परंतु इस वर्ष से राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान और लघु वनोपज संघ द्वारा साझा प्रयास करते हुए संग्रहित सामग्री को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने के लिए सराहनीय पहल की है। राज्य में लगभग 3500 स्थानों में बिहान के स्व सहायता समूह के माध्यम से वनोपज समितियों द्वारा इन सामग्री की खरीदी होनी है। इन वनोपज में मुख्य रूप से इमली, महुआ, हर्रा, बहेड़ा, चरोटा, नागरमोथा, धवाईफूल, गिलोय आदि शामिल है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक बलरामपुर जिले में 136 क्विंटल, दंतेवाड़ा में 524 क्विंटल, राजनांदगांव में 940 क्विंटल, कोरिया में 196 क्विंटल, बिजापुर में 964 क्विंटल, धमतरी में 160 क्विंटल, बस्तर में 2303 क्विंटल, कोरबा में 559 क्विंटल एवं कबीरधाम में 539 क्विंटल वनोपज का क्रय किया जा चुका है।

वर्तमान में कोरोना महामारी के चलते लागू लॉक डाउन के दौरान खरीदी के समय इन समूहों द्वारा सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन किया जा रहा है। बिहान के महिला स्व सहायता समूहों द्वारा वनोपज का मूल्य नगद दिया जा रहा है। इससे जहाँ एक ओर वनोपज पर निर्भर समुदाय को सहूलियत हो रही है वहीं दूसरी ओर इससे जुड़े समूहों को भी आजीविका के साधन उपलब्ध हो रहे हैं जिसकी ग्रामीणो द्वारा भी सराहना की गयी है।

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