Review of Congress's defeat in CG: सीजी में कांग्रेस की हार की दिल्‍ली में समीक्षा: राहुल गांधी की मौजूदगी में हुई बैठक, सैलजा ने कहा...

Review of Congress's defeat in CG: विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार की समीक्षा शुरू हो गई है। इसको लेकर दिल्‍ली में बैठक चल रही है।

Update: 2023-12-08 13:18 GMT

Review of Congress's defeat in CG: रायपुर। 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद छत्‍तीसगढ़, मध्‍य प्रदेश और राजस्‍थान तीन राज्‍यों में कांग्रेस बनी थी। एमपी में कांग्रेस एक-डेढ़ साल ही सत्‍ता में रह पाई। वहां पार्टी के विधायकों ने पलटी मार दी। राजस्‍थान में भी पूरे समय सरकार जाने का खतरा मंडराता रहा। एक मात्र छत्‍तीसगढ़ ही था जहां पूरे पांच साल तक कांग्रेस सरकार को कोई खतरा नजर नहीं आया। वजह यह था कि चुनाव में कांग्रेस 90 में से 68 सीटें जीती थी। इसके बाद उप चुनाव में कांग्रेस ने विपक्षी पार्टी की 3 और सीटों पर कब्‍जा कर लिया। इस तरह पार्टी के 72 विधायक हो गए थे।

2023 का चुनाव कार्यक्रम जारी होने तक छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार की वापसी का दावा किया जा रहा था। कांग्रेस का प्रदेश और राष्‍ट्रीय नेतृत्‍व ही नहीं, आम लोग और विपक्षी पार्टी भी मान कर चल रहे थे कि कांग्रेस फिर से सत्‍ता आ जाएगी। भूपेश बघेल के नेतृत्‍व में प्रदेश में छत्‍तीसगढ़‍ियावाद के साथ कर्जमाफी, गोबर खरीदी, भूमिहिनों को नगद राशि जैसी आकर्षक योजनाएं चलाई गई। इनमें से कई योजनाएं देशभर में लोकप्रिय हुई। इसके बावजजूद कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल नहीं कर पाई। छत्‍तीसगढ़ में कांग्रेस को मिली इस हार की आज नई दिल्‍ली में समीक्षा हुई।


राहुल गांधी की मौजूदगी में राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने हार की समीक्षा की। बैठक में पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, चंदन यादव, सप्तगिरि उल्का के साथ कार्यवाहक मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ दीपक बैज, टीएस सिंहदेव, ताम्रध्‍वज साहू, वरिष्‍ठ नेता धनेंद्र साहू, सत्‍यनारायण शर्मा, मोहम्‍मद अकबर, उमेश पटेल, फूलोदवी और मोहन मरकाम सहित अन्‍य नेता मौजूद थे।

बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि चुनाव से पहले सभी मीडिया रिपोट्रर्स और सर्वे में कांग्रेस की जीत बताई जा रही थी। यह बात काफी हद तक सही भी साबित हुई। हमारा वोट शेयर उतना ही रहा। हमारी सरकार की योजनाओं ने लोगों के मन में भरोसा पैदा किया। हमारी भरोसे की सरकार रही। इसके बावजूद हम चुनाव हार गए। इस हार से हम निराश हुए हैं लेकिन हताश नहीं हुए हैं।


कुमारी सैलजा ने कहा कि हार के कारणें की हम डिटेल में समीक्षा कर रहे हैं। सभी साथियों ने मिलकर पार्टी हाईकमान को विश्‍वास दिलया है। वोट कम हुआ है लेकिन हमने लोगों का विश्‍वास नहीं खोया है। अब लोकसभा का चुनाव आ रहा है। लोकसभा का चुनाव हम सभी मिलकर लड़ेंगे।

विधानसभा चुनाव में हमारा प्रदर्शन अच्‍छा रहा है। कहीं भी एकतरफा चुनाव नहीं हुआ है। हमारे कार्यकर्ता नेता हर जगह हर कोने में जाएंगे और फिर से लोगों को और ज्‍यादा विश्‍वास ज्‍यादा से ज्‍याद सीटे लेकर आएंगे।

कुमारी शैलजा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि अभी हमारे छत्तीसगढ़ के नेताओं के साथ हमारे राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष खरगे  ने, हमारे नेता राहुल ने और जनरल सेक्रेटरी (ऑर्गेनाइजेशन) वेणुगोपाल  ने मी‍टिंग ली; हमारे ट्रेज़रर साथ में थे, स्‍टेट के सीनियर नेतागण साथ में थे। सबने इस चुनाव के बारे में समीक्षा की, अपने विचार रखे, अपनी बातें कहीं, बहुत स्‍पष्‍ट रूप से सबने अपने-अपने व्‍यूज़ यहां पर दिए। ये बात ज़रूर है कि हम चुनाव हारे, लेकिन साथ में मैं ये भी कहूंगी कि कोई भी सर्वे... चाहे आपका नेशनल मीडिया हो, चाहे रीजनल मीडिया हो... कोई भी एजेंसी हो, हर एक ने ये कहा था कि छत्तीसगढ़ में हम चुनाव जीतने जा रहे हैं और शायद किसी हद तक आप सही साबित भी हुए, क्‍योंकि हमारा वोट परसेंटेज विशेष कम नहीं हुआ, हमारा वोट परसेंटेज पिछली बार के मुकाबले उतना ही रहा है, जो कि कोई छोटी बात नहीं होती।

पांच साल सरकार में रहने के बाद वोट परसेंटेज बरकरार रहना एक बहुत बड़ी बात होती है, बहुत बड़ी उपलब्धि होती है और इसी कारण से हमें विश्‍वास था, हमें भरोसा था कि हमारी सरकार ने जो काम किया खरगे जी के नेतृत्‍व में... राहुल  के, सोनिया  के दिशानिर्देश में हमारी सरकार...प्रियंका  के सहयोग से हमारी सरकार जो स्‍कीमें लेकर आई, बेहतरीन स्‍कीमें लेकर आई... उसका नतीजा हमने ज़मीन पर देखा है, लोगों का विश्‍वास हमने हासिल किया है। हमारी भरोसे की सरकार रही, हमने लोगों का भरोसा भी जीता। चुनाव हम हारे, सरकार हम नहीं बना पाए; हम निराश तो हुए हैं लेकिन हताश नहीं हुए। कारण कई हैं, उनकी हम डीटेल में समीक्षा कर रहे हैं और सभी लोग… सभी साथियों ने मिलकर हाई कमान को, हमारे शीर्ष नेताओं को ये विश्‍वास दिलाया है कि बेशक हमारी उम्‍मीद से थोड़ा कम रहना… कि सरकार न बने, लेकिन लोगों का विश्‍वास हमने खोया नहीं है और लोगों ने अभी भी हमारे ऊपर नज़र डाली है।

आने वाले समय में लोकसभा का चुनाव आ रहा है, सभी साथियों ने विश्‍वास दिलाया है कि हम आगे मिलकर फिर से चुनाव लड़ेंगे, लोकसभा में चुनाव लड़ेंगे, हमारे लोगों ने प्रदर्शन भी अच्‍छा किया। हम कारण देखेंगे कि कई जगह वोट मार्जिन बहुत ज्‍यादा रहा, लेकिन कई जगह वोट मार्जिन बहुत ज्‍यादा हमारे पक्ष में भी रहा... तो कोई एक ऐसी बात नहीं है पैटर्न कि बिल्कुल इकतरफा कोई चुनाव हुआ हो, ये कहीं देखने में नहीं आ रहा है।

तो इन चीजों को देखते हुए डीटेल्‍ड एनालिसिस किया जाएगा इन बातों का। महिलाओं की बात जहां तक है, ये पहली बार हुआ है कि विपक्ष में इतनी महिलाओं को हम जिताकर लाए हैं... क्‍योंकि अब विपक्ष में हो गए हैं, इसलिए कह रहे हैं। 18 महिलाओं को टिकट दिया था सभी ने मिलकर, उनमें से 11 महिलाएं जीतकर आई हैं। इसी तरह से कुछ एरिया में थोड़ी कमजोरी रही और किसी जगह हमको बहुत ज्‍यादा समर्थन मिला... किसान ने, ग़रीब ने हमारा साथ दिया है। जो जहां हमें लग रहा है कि कुछ कमियां रहीं, उन कमियों को आने वाले समय में अब हमने... आप ये मत समझ लीजिए कि ये चुनाव ख़त्‍म हो गया तो हमारा काम ख़त्‍म हो गया। हमारे साथी, हमारे वर्कर, हमारे नेतागण हर जगह, हर कोने में जाएंगे और फिर से लोगों का और ज्‍यादा विश्‍वास बढ़ाएंगे और लोकसभा में हम ज्‍यादा से ज्‍यादा सीटें जीतकर, लेकर आएंगे।  

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