जानिए कौन हैं राजस्थान की Deputy CM दीया कुमारी | Rajsthan Diya Kumari biography:

दीया कुमारी जयपुर के महाराजा सवाई भवानी सिंह व पद्मिनी देवी की बेटी है। दीया कुमारी अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। दीया कुमारी के दादा मानसिंह द्वितीय जयपुर के अंतिम महाराज थे।

Update: 2023-12-12 16:24 GMT

Rajsthan Diya Kumari biography जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री तय होने के बाद दीया कुमारी को उपमुख्यमंत्री बनाया गया हैं। वे दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुई हैं। दीया कुमारी जयपुर की राजकुमारी है। उन्होंने जयपुर के ही विद्यानगर सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट से जीत हासिल की है। 2013 में पहली बार विधायक बनी। दीया कुमारी लोकसभा सांसद का भी चुनाव जीत चुकी है। वे खुद को भगवान राम के पुत्र कुश का वंशज बताती हैं।

दीया कुमारी जयपुर के महाराजा सवाई भवानी सिंह व पद्मिनी देवी की बेटी है। दीया कुमारी अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। उनकी दादी राजमाता गायत्री देवी ने उन्हें अपनी देख रेख में पाला पोसा हैं। दीया कुमारी के दादा मानसिंह द्वितीय जयपुर के अंतिम महाराज थे। आजादी के बाद उनके साम्राज्य का भारत सरकार में विलय हो गया। मुगल सम्राट अकबर के नवरत्नों में जयपुर के महाराजा मानसिंह भी शामिल थे। जयपुर को पहले आमेर के नाम से जाना जाता था। दीया कुमारी के पिता भवानी सिंह 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध में पश्चिमी पैराशूट रेजीमेंट के पैरा कमांडो के लेफ्टिनेंट कर्नल और कमांडिंग ऑफिसर थे।

दीया की प्रारंभिक शिक्षा जयपुर के महारानी गायत्री देवी गर्ल्स पब्लिक स्कूल फिर दिल्ली के मॉर्डन स्कूल से हुई। फिर उन्होंने लंदन जाकर मेंडेकोरेटिव आर्ट्स में अपनी पढ़ाई चेल्सी स्कूल आफ आर्ट्स से पूरी की। दीया की शादी अगस्त 1997 में सिवाड़ के कोठड़ा ठिकाने के नरेंद्र सिंह राजावत से हुई। उनके दो बेटे पद्नाभ सिंह व लक्ष्यराज सिंह है। व उनकी एक बेटी गौरवी है। उनके बड़े बेटे पदमनाभ सिंह को महाराजा भवानी सिंह ने अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया हैं। 2018 में दीया कुमारी ने अपने पति से तलाक ले लिया।

दीया कुमारी के नाम पर प्रदेश में कई व्यवसाय है। वह दो स्कूलों, दो ट्रस्टों, संग्रहालयों, होटलों और एनजीओ की मालकिन हैं। उनके नाम पर जयपुर का सिटी पैलेस, जयगढ़ दुर्ग, आमेर और दो ट्रस्ट महाराजा सवाई सिंह द्वितीय संग्रहालय ट्रस्ट, जयपुर एवं जयगढ़ पब्लिक ट्रस्ट शामिल हैं। उनके पास 19 करोड़ 19 लाख की संपत्ति हैं।

दीया कुमारी खुद को राम का वंशज बताती है। उनका दावा है कि राम के बड़े बेटे कुश के वंशज के परिवार की वह है। भगवान राम के बड़े बेटे कुश के नाम से क्या कच्छवाहा/कुशवाहा वंश के वंशज है। वे अपने पिता भवानी सिंह को भगवान राम के 307 में वंशज के रूप में बताती हैं।

दिया कुमारी ने 10 सितंबर 2013 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की उपस्थिति में जयपुर में भाजपा की सदस्यता ली थी। भाजपा का सदस्य बनने के तुरंत बाद ही भाजपा ने उन्हें सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने किरोड़ीमल मीणा को हराकर चुनाव जीता था। चुनाव जीतने के बाद भी पारिवारिक कारणों का हवाला दे दीया ने चुनाव नही लड़ा। हां अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में इन्होंने राजसमंद सीट से चुनाव लड़कर जीत हासिल की। उन्हें कुल हुए मतदान का 70% वोट मिला था। दीया कुमारी को चुनाव में 8 लाख 63 हजार 39 वोट मिले थे। 2023 के चुनाव में उन्होंने जयपुर की विद्याधर नगर सीट से चुनाव लड़कर कांग्रेस के प्रत्याशी सीताराम अग्रवाल को 71368 वोटो से शिकस्त दी।

वैवाहिक जीवन | Rajsthan Diya Kumari biography

लंदन से पढ़कर वो भारत लौटीं और यहां पर परिवार का बिजनेस संभाला। इस दौरान उनके ही राजमहल में अकाउंटेंट के तौर पर काम करने वाले नरेंद्र सिंह राजावत से प्रेम हुआ। इसके बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया, लेकिन जब दीया ने अपनी मां को यह बात बताई तो उन्हें झटका लगा। दीया की मां पद्मिनी देवी उनकी शादी राजघराने में करवाना चाहती थीं। परिवार के विरोध के बाद 1994 में दिल्‍ली के एक कोर्ट में दीया ने नरेंद्र से गुपचुप तरीके से शादी कर ली। 2 साल तक दीया ने घर में शादी की बात नहीं बताई। अगस्त 1997 को दीया कुमारी की नरेंद्र सिंह के साथ भव्य शादी हुई।

साल 2018 में दीया और नरेंद्र ने तलाक लेने का फैसला किया। इसके बाद दोनों ने जयपुर के फैमिली कोर्ट में तलाक का आवेदन किया। कोर्ट ने साल 2019 में दोनों की सहमति से उन्हें तलाक दे दिया। दीया और नरेंद्र सिंह के दो बेटे और एक बेटी है।

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