Chhattisgarh News: डिप्‍टी सीएम के शपथ पर बवाल: पूर्व मंत्री ने साव व शर्मा के शपथ पर उठाया सवाल, जवाब में बीजेपी ने जारी किया शिवकुमार का वीडियो

Chhattisgarh News: नवंबर- दिसंबर 2023 में देश के 5 राज्‍यों में हुए विधानसभा चुनावों में 3 राज्‍यों में बीजेपी को बहुमत मिला है। तीनों ही राज्‍यों छत्‍तीसगढ़, मध्‍य प्रदेश और राजस्‍थान में बीजेपी ने 2-2 डिप्‍टी सीएम बनाए हैं। कांग्रेस डिप्‍टी सीएम के पद की संवैधानिक वैधता पर प्रश्‍न खड़ा कर रही है।

Update: 2023-12-28 06:47 GMT

Chhattisgarh News: रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में विष्णुदेव साय ने 13 दिसंबर को राज्‍य के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ अरुण साव और विजय शर्मा ने भी शपथ ग्रहण किया। इन दोनों नेताओं को राज्‍यपाल ने उप मुख्‍यमंत्री (डिप्‍टी सीएम) पद की शपथ दिलाई। कांग्रेस अब डिप्‍टी सीएम के पद की वैधानिकता पर प्रश्‍न खड़ा कर रही है। पार्टी के वरिष्‍ठ नेता और पूर्व मंत्री मोहम्‍मद अकबर ने का कहना है कि उप मुख्‍यमंत्री जैसा कोई पद संविधान में नहीं है। इस वजह से उप मुख्‍यमंत्री पद की शपथ लेकर काम कर रहे साव और शर्मा के कार्यों का कोई औचित्‍य नहीं है। अकबर के इस आरोप के जवाब में छत्‍तीसगढ़ बीजेपी ने कर्नाटक के डिप्‍टी सीएम डीके शिवकुमार के शपथ ग्रहण का वीडियो जारी किया है। शिवकुमार ने भी उप मुख्‍यमंत्री के पद का शपथ लिया है।

बता दें कि इससे पहले राजस्‍थान में भी कांग्रेस डिप्‍टी सीएम के पद को लेकर सवाल खड़ा कर चुकी है। वहां मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है। जयपुर के वकील ओम प्रकाश सोलंकी ने डिप्टी सीएम पद को असंवैधानिक बताते हुए, वहां डिप्‍टी सीएम पद की शपथ लेने वाले दोनों नेताओं दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है।

इधर, छत्‍तीसगढ़ में पूर्व मंत्री अकबर ने कहा है कि संवैधानिक प्रावधान यह है कि मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा व अन्य मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल करेंगे। संविधान में उप मुख्यमंत्री का पद नहीं है इसलिए उप मुख्यमंत्री के पद व गोपनीयता की शपथ का कोई औचित्य नहीं है।ऐसी शपथ विधि की दृष्टि में शून्य है। संविधान की तृतीय अनुसूची में पद व गोपनीयता की शपथ का स्पष्ट प्रारूप है। अकबर ने कहा कि चूंकि साव और शर्मा ने मंत्री पद की शपथ नहीं ली है इसलिए उप मुख्यमंत्री के रूप में इनके द्वारा किया गए कार्य औचित्यहीन है।


बताते चले कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में टीएस सिंहदेव को डिप्‍टी सीएम बनाया गया था, लेकिन उन्‍होंने मंत्री पद की शपथ ली थी। कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि यही सही प्रक्रिया है। शपथ मंत्री पद का ही लेना पड़ता है बाद में किसी को डिप्‍टी सीएम का पद दिया जा सकता है।

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