Chhattisgarh News: CG सबसे कमजोर विपक्ष..! कम अनुभवी विपक्ष के सामने सदन में बेखौफ रहेगी सरकार, जानिए...कितना अनुभवी है विपक्ष
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई है। पार्टी के केवल 35 प्रत्याशी ही जीत पाए हैं। पार्टी के ज्यादातर अनुभवी इस बार चुनाव हार गए हैं।
Chhattisgarh News: रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा में इस बार विपक्ष में कुल 36 विधायक हैं। इनमें एक गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के एक और बाकी 35 कांग्रेस के हैं। कांग्रेस के ज्यादातर दिग्गज चुनाव हार गए हैं। आलम यह है कि सदन में नेता प्रतिपक्ष के लायक भी कोई दमदार नेता मौजूद नहीं हैं। कांग्रेस के 35 विधायकों में 14 पहली बार सदन में पहुंचे हैं। जो 12 विधायक दूसरी बार चुनाव जीते हैं, उनमें दो पिछली बार उपचुनाव जीतकर सदन में पहुंचे थे। 6 विधायक तीसरी बार चुनाव जीतकर पहुंचे हैं। चौथी, पांचवीं और छठवीं बार के एक-एक विधायक हैं। कांग्रेस यानी विपक्ष में सबसे अनुभवी भूपेश बघेल ही हैं। फिलहाल विपक्ष में प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा विपक्ष में कोई अनुभवी और आक्रामक नेता नहीं है।
राजनीतिक विश्लेषकों की राय में चुनाव जीकर विधानसभा पहुंचना अलग बात है और सदन में सरकार को घेरना और बहस में शामिल होना अलग बात है। चुनावी अनुभव और संसदीय अनुभव में काफी अंतर हैं। सदन में सरकार को घेरने के लिए संसदीय नियमों का ज्ञान बेहद जरुरी है। इसके साथ ही विधायक की भाषा शैली भी बहुत महत्वपूर्ण होती है।विपक्ष में ऐसे विधायकों की संख्या बेहद कम है। इसी वजह से जानकार इस बार के विपक्ष को बेहद कमजोर मान रहे हैं।
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ी बहुमत मिली थी। 68 विधायक कांग्रेस के चुने गए थे। वहीं, विपक्ष में महज 22 विधायक थे। इनमें 15 भाजपा, 5 जनता कांग्रेस और 2 बहुजन समाज पार्टी के थे। 3 उप चुनावों के बाद विपक्ष की संख्या घटकर 19 रह गई थी। इसके बावजूद सदन में सरकार को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था, क्योंकि विपक्ष के आधे से ज्यादा विधायक बेहद अनुभवी और संसदीय ज्ञान रखने वाले थे। अजय चंद्राकर, सौरभ सिंह, शिवरतन शर्मा, बृजमोहन अग्रवाल, नारायण चंदेल और धर्मजीत सिंह ही सरकार के नाक में दम कर देते थे। इस बार विपक्ष में ऐसा एक भी विधायक नहीं है।
कांग्रेस के 35 विधायकों में सबसे अनुभवी भूपेश बघेल हैं, वे छठवीं बार सदन में पहुंचे हैं। विधायकी की दृष्टि से कोंटा से लगातार पांचवीं बार चुनाव जीते कवासी लखमा दूसरे सबसे अनुभवी हैं। हालांकि उन्हें अक्षर ज्ञान नहीं है, बावजूद इसके वे 5 साल तक मंत्री रहे। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी के लिए उनके नाम पर विचार हो सकता है। इसके बाद नंबर डॉ. चरणदास महंत का है। महंत चौथी बार विधायक चुने गए हैं। 2 बार वे एमपी विधानसभा में विधायक रह चुके हैं। सांसद और केंद्रीय में मंत्री रह चुके हैं। अभी वे विधानसभा अध्यक्ष थे। संसदीय ज्ञान और अनुभव के लिहाज से वे सबसे अनुभवी हैं, लेकिन वे आक्रामक नहीं हैं।
कांग्रेस के 35 विधायकों में तीसरी बार चुनाव जीतने वाले 6 विधायक हैं। इनमें उमेश पटेल, लालजीत सिंह राठिया, अनिला भेंड़िया, दलेश्वर साहू, भोला राम साहू और लखेश्वर बघेल शामिल हैं। बघेल 2013 में कांग्रेस विधायक दल के सचेतक रह चुके हैं। उमेश पटेल मंत्री रहे चुके हैं, लेकिन वे शांत रहते हैं। बाकी दूसरी और पहली बार के विधायक हैं। ऐसे में राजनीतिक जानकार अभी से इस बात की आशंका जताने लगे हैं कि सदन में सत्ता पक्ष पूरी तरह बेखौफ रहेगा। विपक्ष की तरफ से शोर-शराबा तो हो सकता है, लेकिन सरकार की घेराबंदी बेहद कठिन होगा।
विधानसभा क्षेत्र | विधायक | विधायकी |
सारंगढ़ | उत्तर गणपत जांगड़े | दूसरी बार |
मस्तूरी | दिलीप लहरिया | दूसरी बार |
चंद्रपुर | रामकुमार यादव | दूसरी बार |
खल्लारी | द्वारिकाधीश यादव | दूसरी बार |
सिहावा | अंबिका मरकाम | दूसरी बार |
संजारी बालोद | संगीता सिन्हा | दूसरी बार |
गुंडरदेही | कुंवर सिंह निषाद | दूसरी बार |
भिलाई नगर | देवेन्द्र यादव | दूसरी बार |
रागढ़ | यशोदा नीलांबर वर्मा | दूसरी बार |
मोहला-मानपुर | इंद्रशाह मंडावी | दूसरी बार |
भानुप्रतापपुर | सावित्री मनोज मंडावी | दूसरी बार |
बीजापुर | विक्रम मंडावी | दूसरी बार |
लैलूंगा | विद्यावती सिदार | पहली बार |
रामपुर | फूलसिंह राठिया | पहली बार |
कोटा | अटल श्रीवास्तव | पहली बार |
अकलतरा | राघवेंद्र कुमार | पहली बार |
जांजगीर-चंपा | ब्यास कश्यप | पहली बार |
जैजैपुर | बालेश्वर साहू | पहली बार |
पामगढ़ | शेषराज हरवंश | पहली बार |
सरायपाली | चतुरी नन्द | पहली बार |
बिलाईगढ़ | कविता प्राण लाहरे | पहली बार |
कसडोल | संदीप साहू | पहली बार |
भाटापारा | इंद्र साव | पहली बार |
बिंद्रानवागढ़ | जनक ध्रुव | पहली बार |
धमतरी | ओंकार साहू | पहली बार |
डोंगरगढ़ | हर्षिता स्वामी बघेल | पहली बार |
खरसिया | उमेश पटेल | तीसरी बार |
धरमजयगढ़ | लालजीत सिंह राठिया | तीसरी बार |
डोंडी लोहारा | अनिला भेंडिया | तीसरी बार |
डोंगरगांव | दलेश्वर साहू | तीसरी बार |
खुज्जी | भोलाराम साहू | तीसरी बार |
बस्तर | बघेल,लखेश्वर | तीसरी बार |