Chhattisgarh Assembly Election 2023 Khallari Assembly Seat: 41. खल्लारी विधानसभा: छत्तीसगढ़ गठन के बाद से हर बार यहां की जनता बदल देती है पार्टी, लक्ष्मीनारायण के अलावा विधायक रहते किसी ने नहीं जीता चुनाव
Chhattisgarh Assembly Election 2023 Khallari Assembly Seat: 41
Chhattisgarh Assembly Election 2023 Khallari Assembly Seat: एनपीजी एक्सक्लूसिव
रायपुर। महासमुंद जिले की खल्लारी विधानसभा सीट में छत्तीसगढ़ गठन के पहले और बाद में कुल 14 विधानसभा चुनाव हुए हैं। आजादी के बाद साल 1951 में इस सीट में पहला चुनाव हुआ। तब से लेकर साल 2018 तक ऐसा कोई विधायक नहीं हुआ, जिसने लगातार दो बार चुनाव जीता हो। कांग्रेस के लक्ष्मीनारायण इंदूरिया ही एकमात्र ऐसे विधायक रहे, जिन्होंने लगातार दो विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। इसी तरह रमेश के नाम खल्लारी से सर्वाधिक बार विधायक चुने जाने का रिकॉर्ड दर्ज है। रमेश ने खल्लारी से 1977 में पहली बार जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव जीता। इसके बाद 1980 और 1985 का चुनाव वे लक्ष्मीनारायण इंदूरिया से हार गए। 1990 में रमेश ने जनता दल की टिकट पर चुनाव लडक़र जीत दर्ज की। इसी तरह साल 1998 में वे तीसरी बार विधायक बनें। इस बार वे भाजपा की टिकट पर चुनावी मैदान में थे और कांग्रेस के भेखराम को हराया।
खल्लारी के पहले विधानसभा सीट का नाम पिथौरा था
आजादी के बाद देश में जब पहली बार चुनाव हुए तो खल्लारी विधानसभा का नाम पिथौरा था। 1951 में जब देशभर में विधानसभा चुनाव हुए तो पिथौरा सीट पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया। यहां से गनपत राव दानी ने 2811 वोट के अंतर से जीत दर्ज की। उन्होंने किसान मजदूर पार्टी के बुरहान सिंह को हराया था। इसके बाद 1957 में यहां चुनाव नहीं हुए, क्योंकि इस साल पिथौरा सीट विलुप्त कर दिया गया। इसके बाद पिथौरा सीट पर 1962, 1967 और 1972 में भी विधानसभा चुनाव हुए। परिसीमन के बाद साल 1977 में खल्लारी सीट अस्तित्व में आई और पिथौरा सीट विलुप्त हो गई।
सबसे कम वोट से जीत रमेश और सर्वाधिक वोट से जीत का रिकॉर्ड द्वारिकाधीश के नाम..
खल्लारी विधानसभा सीट में अब तक हुए चुनावों में सबसे कम वोट के अंतर से जीत का रिकॉर्ड भाजपा के डॉ रमेश के नाम पर है। वहीं सर्वाधिक वोट से जीत वर्तमान विधायक द्वारिकाधीश यादव ने दर्ज की है। साल 1998 में जब चुनाव हुए तो भाजपा की ओर से दो बार के विधायक डॉ रमेश प्रत्याशी बनाए गए। वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक भेखराम साहू को प्रत्याशी बनाया। इस चुनाव में रमेश को 23918 वोट मिले। वहीं भेखराम के खाते में 23883 वोट आए। इस तरह से डॉ रमेश ने यह चुनाव महज 35 वोट के अंतर से जीता। इसी तरह साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस के द्वारिकाधीश यादव ने रिकॉर्ड 56978 वोट के अंतर से जीत दर्ज की। ये खल्लारी में अब तक हुए विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक वोट के अंतर से जीत का रिकॉर्ड है।
अब एक नजर साल 2018 के विधानसभा चुनाव पर
साल 2018 में संपन्न विधानसभा चुनाव अपने आप में खास रहा। क्योंकि छत्तीसगढ़ में हमेशा से ही कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला रहा, जबकि साल 2018 में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जोगी) भी चुनावी मैदान में थी। ऐसे में मुकाबला त्रिकोणीय रहा। इस चुनाव में जोगी कांग्रेस के परेश बागबाहरा को छोड़ कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही नए प्रत्याशी पर दांव खेला। कांग्रेस ने द्वारिकाधीश यादव को प्रत्याशी बनाया। वहीं भाजपा ने मोनिका दिलीप साहू को। इस चुनाव में खल्लारी विधानसभा में कुल मतदाताओं की संख्या 199188 थी, जिसमें से 165872 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जब परिणाम सामने आए तो कांग्रेस के द्वारिकाधीश यादव को 96108 वोट मिले। दूसरे नंबर पर भाजपा की मोनिका रही, जिसे 39130 वोट मिले। वहीं पूर्व विधायक परेश बागबाहरा 12649 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे। इस चुनाव में खल्लारी विधानसभा से कुल 20 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें से 18 की जमानत जब्त हो गई।
खल्लारी विधानसभा से अब तक के विधायकों की जानकारी
वर्ष | विधायक | पार्टी |
1951 | गनपत राव दानी | कांग्रेस |
1957 | इस साल यह सीट विलुप्त थी | |
1962 | प्रताप सिंह | प्रजा सोशलिस्ट पार्टी |
1967 | बीएस गिरीराज सिंह | कांग्रेस |
1972 | ठाकुर भानुप्रताप सिंह | कांग्रेस |
1977 | रमेश | जनता पार्टी |
1980 | लक्ष्मीनारायण इंदूरिया | कांग्रेस |
1985 | लक्ष्मीनारायण इंदूरिया | कांग्रेस |
1990 | रमेश | जनता दल |
1993 | भेखराम साहू | कांग्रेस |
1998 | रमेश | बीजेपी |
2003 | प्रीतम सिंह ध्रुव | बीजेपी |
2008 | परेश बागबाहरा | कांग्रेस |
2013 | चुन्नीलाल साहू | बीजेपी |
2018 | द्वारिकाधीश यादव | कांग्रेस |