Chhattisgarh Assembly Election 2023: एक फार्म लाओ 10 रुपये पाओ: महिलाओं को जोड़ने एक राजनीतिक पार्टी की रणनीति
Chhattisgarh Assembly Election 2023:
Chhattisgarh Assembly Election 2023: रायपुर। छत्तीसगढ़ में पुरुषों की तुलना में महिला वोटरों की संख्या अधिक है। कई विधानसभा सीटों पर महिलाएं ही निर्णायक वोट करती हैं। ऐसे में प्रदेश की सत्ता हासिल करने लगभग सभी राजनीतिक दल महिलाओं को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रहा है। प्रदेश में सत्तारुढ़ कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में महिलाओं पर खास फोकस किया है। दोनों पार्टियों ने रसोई गैस पर सब्सिडी देने की घोषणा की है। महिलाओं को हर महीने एक निश्चित राशि देने का भी ऐलान किया गया है। भाजपा ने अपने घोषणा पत्र में महिलाओं को सलाना 12 हजार रुपये देने का ऐलान किया। इसके जवाब में कांग्रेस ने 15 हजार रुपये देने की घोषणा कर दी है।
इस बीच एक राजनीतिक पार्टी योजना के जरिये महिलाओं को जोड़ने प्रदेशभर में अभियान चला रखा है। महिलाओं से फार्म भरवाने के लिए कार्यकर्ताओं को टारगेट दिया जा रहा है। चर्चा है कि अधिक से अधिक फार्म भरा जाए इसके लिए एक फार्म भरा कर लाने पर कार्यकर्ताओं को 10 रुपये दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि पखवाड़ेभर से गांव से लेकर शहर के वार्डों तक में पूरे जोरशोर से महिलाओं से फार्म भरवाया जा रहा है। अब तक लाखों की संख्या में फार्म भरे जा चुके हैं।
बता दें कि राज्य की 90 सीटों पर कुल 2 करोड़ 36 लाख 240 इनमें पुरुष वोटरों की संख्या एक करोड़ 12 लाख 40 और महिला मतदाताओं की संख्या एक करोड़ 23 लाख 9 हजार 410 है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार इनमें से लगभग 70 लाख महिलाएं योजना के दायरे में आएंगी। यही वजह है कि इस वोट को हासिल करने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है।
इधर, कांग्रेस और भाजपा में जुबानी जंग
महिलाओं की योजनाओं को लेकर कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस कह रही है कि भाजपा की घोषणा पूरी तरह चुनावी है। इसी वजह से वोटरों ने भी उनकी योजना को रिजेक्ट कर दिया है। उधर, भाजपा के चुनाव सह-प्रभारी डॉ. मनसुख मंडाविया ने आज प्रेसवार्ता लेकर कहा कि कांग्रेस ने भाजपा की देखा-देखी महिलाओं को 15 हजार रुपये देने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 2018 में भी महिलाओं को 500 रुपये महीना देने की घोषणा की थी, लेकिन उसका पालन नहीं किया।