CG High Court: पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रमुख सचिव अमन सिंह व उनकी पत्नी यास्मीन सिंह को आय से अधिक संपत्ति मामले में हाईकोर्ट से मिली अग्रिम जमानत...
CG Bilaspur High Court: बिलासपुर। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह व उनकी पत्नी यास्मीन सिंह को आय से अधिक संपत्ति मामले में हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत प्रदान कर दी है। सत्र न्यायालय से अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद अमन सिंह एवं उनकी पत्नी यास्मीन सिंह ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया है।
सामाजिक कार्यकर्ता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट उचित शर्मा की शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने पूर्व मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह एवं उनकी पत्नी यास्मीन सिंह पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया था। जिसको रद्द करवाने के लिए अमन सिंह ने एफआईआर क्वेश के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में अमन सिंह के अधिवक्ता ने तर्क दिया था कि अमन सिंह एवं उनकी पत्नी ने पूर्व में ही अपनी संपत्ति का विवरण दे दिया है। उनकी समस्त संपत्ति वैध स्त्रोत से अर्जित की गई है। लिहाजा उन पर आय से अधिक संपत्ति का मामला नहीं बनता। जिसके बाद हाईकोर्ट ने उन पर ईओडब्ल्यू के द्वारा की गई एफआईआर रद्द कर दी थी। एफआईआर रद्द करने के खिलाफ शिकायतकर्ता उचित शर्मा एवं राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए पलट दिया था। हालांकि अमन सिंह एवं उनकी पत्नी यास्मीन सिंह की गिरफ्तारी पर 3 सप्ताह के लिए रोक लगाते हुए उन्हें अंतरिम राहत प्रदान की थी तथा उन्हें 3 सप्ताह में जमानत लेने का मौका प्रदान किया था।
जिसके बाद अमन सिंह व उनकी पत्नी ने सत्र न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी जहां उनकी जमानत याचिका खारिज हो गई थी। जिसके बाद अमन सिंह हाईकोर्ट पहुंचे थे। यहां जस्टिस राकेश मोहन पांडे की सिंगल बेंच में 20 मार्च को मामले की सुनवाई हुई थी। अमन सिंह व उनकी पत्नी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश खरे, अभिषेक सिन्हा व विवेक शर्मा ने तर्क प्रस्तुत किए थे। अमन सिंह के अधिवक्ताओं ने अदालत को बताया था कि उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति की जानकारी पूर्व में ही दे दी है। साथ ही उन्होंने पूरी संपत्ति वैध स्त्रोतों से अर्जित की है। राज्य सरकार राजनीतिक दुर्भावना के तहत कार्य कर रही है। उन्होंने पूरी संपत्ति का लेखा-जोखा दे रखा है और स्वयं से आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को सहयोग करने के उद्देश्य से ई-मेल कर जांच में सहयोग करने व पूछताछ के लिए आने की बात कही है। जिसके बाद 6 मार्च को अमन सिंह को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो कार्यालय बुलाया गया था। जहां वह सुबह से शाम तक उपस्थित रहे इस दौरान 300 पन्नों में उनसे सवाल किया गया जिसका उन्होंने जवाब भी दिया है।
राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अमृतो दास ने तर्क रखें। वही शिकायतकर्ता उचित शर्मा के अधिवक्ताओं ने भी अपने तर्क प्रस्तुत किए। दोनों पक्षों की दलीले सुनने के पश्चात अदालत ने अपना फैसला रिजर्व कर लिया था। आज जस्टिस राकेश मोहन पांडे की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाते हुए अमन सिंह एवं उनकी पत्नी यास्मीन सिंह की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार करते हुए उन्हें जमानत प्रदान कर दी है।