CG बीजेपी में बड़ा हॉच-पॉच: सारे प्रमुख नेता लड़ रहे चुनाव...कोई सिस्टम नहीं, हर फैसले के लिए दिल्ली की ओर टकटकी

छत्तीसगढ़ में केंद्रीय स्तर के पदाधिकारियों को चुनाव प्रभारी बनाकर बैठा दिया गया है, लेकिन फैसला लेने का किसी के पास पॉवर नहीं है, इसलिए प्रत्याशी और संगठन के नेता भी परेशान हैं. मीडिया मैनेजमेंट भी लड़खड़ाया हुआ है।

Update: 2023-11-02 13:28 GMT

Rajasthan BJP 

Chhattisgarh Assembly Election 2023

रायपुर. छत्तीसगढ़ संगठन स्तर पर बड़ी अव्यवस्था ने प्रत्याशियों से लेकर कार्यकर्ताओं को परेशान कर दिया है. कोर ग्रुप से लेकर संगठन के सारे प्रमुख नेता चुनाव लड़ रहे हैं और संगठन में समन्वय बनाने वाला कोई नहीं है. हर फैसले के लिए दिल्ली की ओर टकटकी लगाकर देखना पड़ रहा है. आलम यह है कि केंद्रीय स्तर के पदाधिकारी, जो संभाग और जिलों के प्रभारी बने बैठे हैं, वे भी कोई निर्णय नहीं ले पा रहे हैं. उन्हें भी हर काम के लिए दिल्ली से पूछना-बताना पड़ रहा है. 15 साल की सत्ता के बाद पिछले 5 साल विपक्ष में रहने के बाद पहले ही कार्यकर्ता डिमोरलाइज हैं, उस पर इस अव्यवस्था ने उन्हें और परेशान कर दिया है. ऐसी स्थिति में चुनावी मैनेजमेंट गड़बड़ाता दिख रहा है, जबकि भाजपा के लिए राजस्थान और मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ ज्यादा महत्वपूर्ण है, क्योंकि दूसरे राज्यों से ज्यादा बड़ी चुनौती भाजपा को छत्तीसगढ़ से मिल रही है.

ओम माथुर सिर्फ संगठन चला रहे, फैसले दिल्ली में

छत्तीसगढ़ प्रभारी ओमप्रकाश माथुर वैसे तो संगठन के सीनियर नेता हैं, जो पीएम नरेंद्र मोदी के गुजरात सीएम रहते हुए भी चुनाव का संचालन कर चुके हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में हालात जुदा हैं. वे संगठन स्तर पर तो बैठकें ले रहे हैं और माहौल को देख-परख रहे हैं, लेकिन फैसले लेने का अधिकार उन्हें भी नहीं है. सारी चीजें केंद्रीय स्तर पर तय हो रही हैं. माथुर के रहते मनसुख मांडविया को यहां सह प्रभारी बनाया गया है. मांडविया फैसले के बजाय रिपोर्ट करने के लिए तैनात हैं.

मीडिया की टीम बुलाई पर दिल्ली के इशारे पर चल रहे

भाजपा ने मीडिया के लिए भी कई राज्यों से टीम बुलाई है. यूपी के पूर्व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह को यहां मीडिया का ओवरऑल इंचार्ज बना दिया गया है. इससे पहले सुभाष राव और रसिक परमार ही स्थानीय स्तर पर मीडिया का मैनेजमेंट देखते थे. दिल्ली से संजय मयूख आते थे। वे भी सभी मीडिया हाउस में पहुंचकर बेहतर संवाद रखते थे. इस बार मीडिया मैनेजमेंट के मामले में भी भाजपा कमजोर दिख रही है, जबकि कांग्रेस ने कई सीनियर पत्रकारों को ही अपनी टीम का पूरा मैनेजमेंट दे रखा है.

जानें... कौन-कौन से संगठन के नेता चुनाव में...

कोर ग्रुप: अरुण साव, डॉ. रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, नारायण चंदेल, रेणुका सिंह, रामविचार नेताम, पुन्नूलाल मोहले, बृजमोहन अग्रवाल, केदार कश्यप, विष्णुदेव साय, विक्रम उसेंडी।

प्रदेश पदाधिकारी: शिवरतन शर्मा, लखनलाल देवांगन, सरला कोसरिया, उद्धेश्वरी पैकरा, विजय शर्मा, केदार कश्यप, ओपी चौधरी, प्रबल प्रताप जूदेव, अजय चंद्राकर, राजेश मूणत, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, रंजना साहू, देवलाल ठाकुर।

कार्यसमिति सदस्य: विजय बघेल, गोमती साय, अमर अग्रवाल, प्रेमप्रकाश पांडेय, दयालदास बघेल, भैयालाल राजवाड़े, महेश गागड़ा, ननकीराम कंवर, रामदयाल उइके, पुरंदर मिश्रा, विक्रांत सिंह।

संभागीय प्रभारी : सौरभ सिंह, किरण देव।

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