ग़ुलाम नबी आज़ाद की विदाई पर भावुक हुए PM मोदी, गीली आँखें..रुँधे कंठ से सैल्यूट करते हुए बोले मोदी – “पार्टी सत्ता आते रहती है उसे पचाना कोई आज़ाद से सीखे”

Update: 2021-02-09 00:51 GMT

नई दिल्ली,8 फ़रवरी 2021। राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष ग़ुलाम नबी आज़ाद के कार्यकाल समाप्ति पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद भावुक हो गए। 41 वर्ष का संसदीय जीवन जी चुके ग़ुलाम नबी आज़ाद के राज्यसभा कार्यकाल का अंतिम दिन था।
सदन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी तब बेहद भावुक हो गए जबकि ग़ुलाम नबी आज़ाद का जिक्र आया। गुजरात के पर्यटकों पर आंतकी हमले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने ग़ुलाम नबी आज़ाद की भुमिका का जिक्र किया, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आज़ाद से जुड़े उस वाकये का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-
“पहला फोन गुलाम नबी जी का आया था, वे रो रहे थे,उस समय प्रणब मुखर्जी जी रक्षा मंत्री थे। मैंने उनसे कहा कि अगर मृतक शवों को लाने के लिए सेना का हवाई जहाज मिल जाए तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए मैं करता हूं व्यवस्था। गुलाम नबी जी उस रात को एयरपोर्ट पर थे।मैं श्री आजाद के प्रयासों और श्री प्रणब मुखर्जी के प्रयासों को कभी नहीं भूलूंगा, जब गुजरात के लोग कश्मीर में हुए आतंकी हमले के कारण फंस गए थे। गुलाम नबी जी लगातार इसकी निगरानी कर रहे थे। वे उन्हें लेकर इस तरह से चिंतित थे जैसे वे उनके परिवार के सदस्य हों।”
PM मोदी यह बताते हुए बेहद भावुक हो गए।रुँधे कंठ और गीली आँखों के साथ सैल्यूट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा –
“पद आते हैं, उच्च पद आते हैं, सत्ता आती है और इन्हें किस तरह से संभालना है, यह इनसे सीखना चाहिए”
PM मोदी ने कहा –
“गुलाम नबी जी अपने दल की चिंता करते थे, लेकिन देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे”
जबकि उच्च सदन में प्रधानमंत्री मोदी यह कह रहे थे, ग़ुलाम नबी आज़ाद मौजुद थे। सैल्यूट के साथ कहे गए पीएम मोदी के भावुक संबोधन के प्रत्युत्तर में ग़ुलाम नबी आज़ाद ने हाथ जोड़ कर अभिवादन किया।

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