रायपुर एयरपोर्ट में थम नहीं रहा पार्किंग माफिया राज :… फ्री पार्किंग के नाम पर 5 महीने में जनता के 30 लाख लूटे…. एयरपोर्ट आथरिटी की चुप्पी ने बढ़ाया अफसरों पर संदेह…केंद्रीय मंत्री को भेजी गयी लिखित शिकायत

Update: 2020-02-06 09:59 GMT

रायपुर 6 फरवरी 2020। लाख कोशिशों के बावजूद रायपुर एयरपोर्ट पर पार्किंग ठेकेदारों का माफियाराज खत्म नहीं हो रहा है। दिखावे के लिए रायपुर एयरपोर्ट आथिरिटी पार्किंग फ्री और नये-नये स्कीम की ढिंढोरा जरूर पीट रहा है, लेकिन हकीकत यही है कि पार्किंग माफियाओं का राज बदस्तूर जारी है और ये राज इसलिए फल-फूल रहा है क्योंकि एयरपोर्ट आथरिटी की इसमें मौन सहमति बनी हुई है। अब पार्किंग मामले में केंद्रीय मंत्री से शिकायत की गयी है। आरोप है कि एयरपोर्ट के पार्किंग माफियाओं ने 5 माह में 30 लाख रुपये ज्यादा की लूट जनता की गाढ़ी कमाई पर की है।

देखिये कैसे हुआ लूट का ये पूरा खेल

दरअसल कुछ दिन पहले रायपुर एयरपोर्ट आथिरिटी ने ये ऐलान किया था कि 30 मिनट तक निजी गाड़ियों की पार्किंग फ्री रहेगी। लेकिन फ्री के खेल के पीछे नियम-शर्तें जोड़कर पैसे की वसूली बदस्तूर जारी रही। 30 मिनट पार्किंग निशुल्क होने के बावजूद प्रत्येक वाहन से वसूली होती रही यही नहीं पार्किंग शुल्क राशि और उस शुल्क के रेट का निर्धारण भी ठेकेदार ने ही किया?

शिकायतकर्ता ब्यासमुनि द्विवेदी ने आरटीई से प्राप्त दस्तावेज के अनुसार बताया कि पार्किंग ठेका देने के लिए जारी की गई निविदा के शेड्यूल आफ पार्किंग टैरिफ के अनुसार एयरपोर्ट पर प्रथम 30 मिनट का पार्किंग निशुल्क रखा गया है। 30 मिनट के बाद से 2 घंटे तक के लिए ₹35 पार्किंग शुल्क निर्धारित किया गया है। परंतु ठेकेदार ने तीन जगह अलग-अलग बोर्ड लगा रखे हैं जिसमें 30 मिनट तक पार्किंग शुल्क ₹20 उल्लेखित है। ठेकेदार द्वारा प्रतिदिन लगभग 1000 गाड़ियों से जो कि 30 मिनट से कम रूकती हैं रुपए 20 वसूल किया जा रहा है इस प्रकार कम से कम ₹20000 प्रतिदिन अवैध वसूली की जा रही है जो कि 5 महीने में ₹30 लाख से भी अधिक होती है। गौरतलब है कि ठेकेदार को ठेका 13 अगस्त 2019 को दिया गया।

पिकअप लेन ना होना और प्रत्येक पिकअप करने वाली गाड़ी से रुपए 20 वसूला जाना।

पार्किंग ठेके की स्पेशल टर्म और कंडीशन के अनुसार पिकअप और ड्रॉप प्लेन रहेगी और वहां पर किसी एक स्थान पर कोई भी वाहन अधिकतम 3 मिनट तक रुक सकता है। रायपुर एयरपोर्ट पर ड्रॉप लेन की तो व्यवस्था की गई है जिसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता परंतु पिकअप लेन की कोई व्यवस्था नहीं है तथा एंट्री के पश्चात निकलने के लिए दो एग्जिट बैरियर लगे हैं, जहां पर बोर्ड में लिखा है कि पिकअप और ड्रॉप करने वाली गाड़ी से 4 मिनट तक के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। शिकायत के साथ एक रसीद भी लगाई गई है जिसमें पिकअप के लिए गए वाहन से 3 मिनट में ही बाहर निकलने पर ₹20 वसूल किए गए। बैरियर पर प्रत्येक पिकअप करने वाली गाड़ी से रुपए 20 शुल्क लिया जाता है। एयरपोर्ट पर प्रत्येक दिन 1000 गाड़ियां पिकअप के लिए आती है प्रत्येक से ठेकेदार द्वारा रुपए 20 वसूला जाता है।

मनमानी पैनल्टी वसूल करना

ठेकेदार के साथ हुए अनुबंध के अनुसार पिकअप और ड्रॉप के लिए किसी वाहन से अगर पैनल्टी ली जानी है तो वह 30 मिनट से 2 घंटे के स्लैब अर्थात रुपए 35 का 4 गुना यानी कि रुपए 140 होगी. परंतु ठेकेदार द्वारा जो नोटिस बोर्ड लगाया गया है उसमें रु 500 प्रति वाहन जुर्माना वसूलने के आदेश लिखे हैं, यह आदेश एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के आदेशानुसार जारी किया जाना लिखा है।

अलग-अलग किस्म की रसीदें जारी किया जाना

ठेकेदार द्वारा वाहनों को अलग-अलग किस्म की रसीदें दी जाती है। किसी रसीद में वाहन का प्रकार, प्रवेश का समय और वाहन का नंबर अंकित नहीं रहता, किसी रसीद में वाहन का प्रकार अंकित रहता है तो प्रवेश का समय और वाहन का नंबर अंकित नहीं रहता। किसी किसी रसीद में यह सभी अंकित रहते हैं। शिकायत में बताया गया है कि एयरपोर्ट जैसी जगह पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह बहुत गंभीर चूक की जा रही है। शिकायत में यह भी बताया गया है कि पार्किंग स्थल पर वाहन अव्यवस्थित तरीके से रखे जाते हैं और ठेकेदार के कर्मचारी यूनिफॉर्म में भी नहीं रहते। शिकायत में आरोप लगाया गया है। कि ठेकेदार द्वारा एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों के संरक्षण तले अवैध वसूली की जा रही है।

शिकायतकर्ता ब्यास मुनि द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने पिछले शनिवार, 1 फ़रवरी 2020 को हो रही अनियमितता की शिकायत एयरपोर्ट डायरेक्टर राकेश सहाय को व्हाट्सअप मे भेजी और फ़ोन से बात करने पर उन्होंने लिखित में शिकायत करने को कहा जिसके बाद शनिवार को ही केंद्रीय विमानन मंत्री को शिकायत कर प्रतिलिपि एयरपोर्ट डायरेक्टर को भेजी गई। बाद में सहाय से पुनः संपर्क करने पर सहाय ने कहा कि क्योंकि शिकायत ई-मेल से ऊपर भेज दी गई है इसलिए वे भी ईमेल से ही जवाब देंगे। एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा 5 दिन बाद भी शिकायत पर अपना पक्ष नहीं भेजा गया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी का जवाब ना देना हो रहे भ्रष्टाचार मे संलिप्तता का संदेह दिखता है.

 

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