NPG breaking : कोंडसावली में आगज़नी और ग्रामीणों की हत्याओं के मसले पर NHRC की तल्ख़ टिप्पणी “ये अपराध सुकमा ज़िले और राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा किया गया है”

Update: 2020-02-13 03:33 GMT

रायपुर,12 फ़रवरी 2020। सुकमा ज़िले के कोंडसावली,कमरागुड़ा और कर्रेपारा में घरों में आगज़नी और सात ग्रामीणों की हत्या मामले में NHRC ने अधिवक्ता सुधा भारद्वाज की शिकायत जो कि 2013 में की गई थी, पर जाँच में तत्कालीन राज्य सरकार और सुकमा पुलिस पर गंभीर टिप्पणी करते हुए हादसे में मृत ग्रामीणों को पाँच पाँच लाख रुपए मुआवज़ा दिए जाने के निर्देश दिए हैं।
NHRC ने इस प्रकरण में अपने निष्कर्ष में तत्कालीन राज्य सरकार और पुलिस विभाग पर कड़ी टिप्पणी की है। आयोग ने इस घटनाक्रम के लिए निष्कर्ष में लिखा है
“राज्य और ज़िला सुकमा अधिकारी द्वारा सात वर्षों तक इन घटनाओं का संज्ञान नही लेना यह बहुत मज़बूती से दर्शाता है कि यह अपराध सुकमा ज़िले/ राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा किया गया है। ये घटनाएँ पुलिस राजस्व और ज़िला सुकमा के अन्य अधिकारियों के नोटिस में घटना होने के तुरंत बाद आ गई थीं, लेकिन पुलिस और ज़िला अधिकारियों ने जानबूझकर इन हत्याओं आगज़नी की घटनाओं को नज़रअंदाज़ कर दिया। लंबी अवधि तक इन घटनाओं का संज्ञान नही लेने की जानबूझकर की गई चूक इस तथ्य को दृढ़ता से इंगित करता है कि, ये भयावह अपराध जगरगुंडा बेस के SPO द्वारा किया गया था, जैसा कि FIR में शिकायतकर्ता द्वारा आरोप लगाया गया है”
आयोग ने इस घटना में मारे गए सात ग्रामीणों के परिजनों को पाँच पाँच लाख रुपए मुआवज़ा के भुगतान 6 सप्ताह के भीतर करने और भुगतान के प्रमाण के साथ प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

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