Tirupati Laddu Mandir Controversy: तिरुपति लड्डू में गोमांस और सूअर की चर्बी...पवन कल्याण ने की 'सनातन धर्म रक्षण बोर्ड' बनाने की मांग

Tirupati Laddu Mandir Controversy: तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद में मिलावट की पुष्टि हुई है. प्रसाद बनाने वाले घी में गोमांस की चर्बी, मछली के तेल और जानवरों का फैट मिले हैं.

Update: 2024-09-20 07:49 GMT

Tirupati Laddu Mandir Controversy: देशभर में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर विवाद चल रहा है. देश की सियासत गरमा गयी है. दरअसल तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के प्रसाद में मिलावट की पुष्टि हुई है. प्रसाद बनाने वाले घी में गोमांस की चर्बी, मछली के तेल और जानवरों का फैट मिले हैं. 

तिरुपति लड्डू में जानवर की चर्बी 

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार को आरोप लगाया था कि पिछली वाईएसआर कांग्रेस (वाईएसआरसीपी) सरकार पर तिरुपति लड्डू बनाने में पशु वसा और घटिया सामग्री का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. जिसके एक दिन बाद यानी गुरुवार को लैब रिपोर्ट जारी की गयी है.

गुजरात में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को विश्व प्रसिद्ध तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर के लड्डू के सैंपल भेजे गए थे. लैब रिपोर्ट में पता चला है कि तिरुमाला मंदिर में लड्डू बनाने के लिए जिस घी का इस्तेमाल किया जाता है. वो घी मिलावटी है. घी में गोमांस की चर्बी और पशु वसा - लार्ड(लार्ड - वसा सूअरों से बनाई जाती है) और मछली के तेल का उपयोग किया गया है. 

डिप्टी सीएम ने की कार्रवाई की मांग

घी में मिलावट के बाद से देश भर में विवाद छिड़ गया है. इसी बीच आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "पिछली सरकार के कार्यकाल दौरान, तिरुपति बालाजी प्रसाद में पशु मेद (मछली का तेल, सूअर की चर्बी और बीफ़ वसा) मिलाए जाने की बात के संज्ञान में आने से हम सभी अत्यंत विक्षुब्ध हैं. तत्कालीन वाईसीपी (YCP) सरकार द्वारा गठित टीटीडी (TTD) बोर्ड को कई सवालों के जवाब देने होंगे! इस सन्दर्भ में हमारी सरकार हरसंभव सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. 

लेकिन, यह समूचा प्रकरण मंदिरों के अपमान, भूमि संबंधी मुद्दों और अन्य धार्मिक प्रथाओं से जुड़े कई मुद्दों पर चिंतनीय प्रकाश डालता है. अब समय आ गया है कि पूरे भारत में मंदिरों से जुड़े सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अविलंब ‘सनातन धर्म रक्षा बोर्ड’ का गठन किया जाए. सभी नीति निर्माताओं, धार्मिक प्रमुखों, न्यायपालिका, आम नागरिकों, मीडिया और अपने-अपने क्षेत्रों के अन्य सभी दिग्गजों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर एक सार्थक बहस होनी चाहिए. मेरा मानना है कि हम सभी को किसी भी रूप में ‘सनातन धर्म’ के अपमान को रोकने के लिए अविलंब एक साथ आना चाहिए." 


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