Pahalgam Terror Attack 2025: पहलगाम हमले के बाद बड़ा एक्शन! पूर्व RAW चीफ को मिली ज़िम्मेदारी, मोदी सरकार ने दी सेना को खुली छूट
Pahalgam Terror Attack 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए दिल दहलाने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे।
Pahalgam Terror Attack 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए दिल दहलाने वाले आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। इसके जवाब में भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का पुनर्गठन किया है और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के पूर्व प्रमुख आलोक जोशी को इसका नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। साथ ही, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सशस्त्र बलों को जवाबी कार्रवाई की पूरी छूट दी है।
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड को और मजबूत करने का फैसला लिया। NSAB राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय को रणनीतिक सलाह देने वाली एक अहम संस्था है। नए बोर्ड में शामिल किए गए सदस्यों में अनुभवी सैन्य और खुफिया विशेषज्ञ हैं....
- एयर मार्शल पीएम सिन्हा (पूर्व कमांडर, पश्चिमी वायु कमान)
- लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह (पूर्व कमांडर, सेना की दक्षिणी कमान)
- रियर एडमिरल (रिटायर्ड) मोंटी खन्ना
- बी वेंकटेश वर्मा (पूर्व राजनयिक)
- राजीव रंजन वर्मा (रिटायर IPS अधिकारी)
- मनमोहन सिंह (रिटायर IPS अधिकारी)
आलोक जोशी की नियुक्ति इस बोर्ड की अगुवाई के लिए खास मायने रखती है। जोशी ने 2012-2014 तक RAW के प्रमुख के रूप में कई आतंकी साजिशों को नाकाम किया था। उनकी रणनीतिक सोच और खुफिया विशेषज्ञता से NSAB को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। द टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह पुनर्गठन भारत की “सक्रिय रक्षा” नीति का हिस्सा है, जो आतंकी खतरों को उनके स्रोत पर खत्म करने पर केंद्रित है।
PM मोदी का सख्त संदेश
मंगलवार को PM नरेंद्र मोदी ने एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, और तीनों सेनाओं के प्रमुख शामिल थे। इस बैठक में PM ने सशस्त्र बलों को पहलगाम हमले के जवाब में कार्रवाई का समय, तरीका और लक्ष्य चुनने की पूरी अभियानगत छूट दी। उन्होंने कहा, “आतंकवाद के खिलाफ करारा जवाब हमारा राष्ट्रीय संकल्प है। आतंकियों और उनके आकाओं को पृथ्वी के किसी भी कोने में ढूंढकर सजा दी जाएगी।”
PM का यह बयान 2016 की उरी सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक की याद दिलाता है, जब भारत ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के अनुसार, PM ने सशस्त्र बलों की क्षमता पर पूरा भरोसा जताया और कहा कि सरकार हर कदम पर उनका साथ देगी।
पहलगाम हमले में क्या हुआ था?
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ भी कहा जाता है, में 5-6 आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हुई। यह जम्मू-कश्मीर में पिछले कई सालों में नागरिकों पर सबसे घातक हमला है। भारत ने इस हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) को जिम्मेदार ठहराया है, जिसे कथित तौर पर पाकिस्तान से समर्थन मिलता है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच अपने हाथ में ले ली है और 14 आतंकियों की पहचान की है, जिनमें तीन पाकिस्तानी नागरिक—हाशिम मूसा (सुलेमान), अली भाई (तल्हा भाई), और अब्दुल हुसैन ठोकर—शामिल हैं। खुफिया एजेंसियों ने हमले के डिजिटल निशान पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची तक ट्रेस किए हैं, जो 26/11 जैसे कंट्रोल-रूम ऑपरेशन की ओर इशारा करता है।
भारत के कड़े कदम
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं:
- सिंधु जल संधि (1960) निलंबित: भारत ने इस संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया, जिसे पाकिस्तान ने “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया।
- वाघा-अटारी बॉर्डर बंद: मुख्य सीमा क्रॉसिंग को बंद कर दिया गया और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए गए।
- 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनल्स बैन: गृह मंत्रालय ने भड़काऊ सामग्री फैलाने के लिए इन चैनलों को ब्लॉक किया।
- पाकिस्तानी राजनयिकों पर कार्रवाई: नई दिल्ली में पाकिस्तानी हाई कमीशन के रक्षा सलाहकारों को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित किया गया और उन्हें एक हफ्ते में देश छोड़ने का आदेश दिया गया।
पाकिस्तान ने जवाब में भारतीय एयरलाइंस के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया, जिससे 800 से ज्यादा साप्ताहिक उड़ानें प्रभावित हुईं। साथ ही, उसने 1972 के शिमला समझौते को निलंबित करने की धमकी दी है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले की वैश्विक स्तर पर निंदा हुई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, इजरायली PM बेंजामिन नेतन्याहू, और फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने हमले की कड़ी निंदा की और भारत के साथ एकजुटता जताई। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने PM मोदी से फोन पर बात कर कहा, “ऐसे आतंकी कृत्यों का कोई औचित्य नहीं हो सकता।”
क्या है अगला कदम?
NSAB के पुनर्गठन और सेना को दी गई छूट से साफ है कि भारत इस बार कठोर जवाबी कार्रवाई की तैयारी में है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत सर्जिकल स्ट्राइक, सटीक ड्रोन हमले, या आर्थिक प्रतिबंधों जैसे कदम उठा सकता है। अल जजीरा की एक रिपोर्ट में कहा गया कि भारत की रणनीति अब केवल प्रतिक्रिया तक सीमित नहीं, बल्कि आतंकी नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने पर केंद्रित है।
हालांकि, संयुक्त राष्ट्र और कुछ देशों ने भारत और पाकिस्तान से संयम बरतने की अपील की है। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ताउल्लाह तारार ने दावा किया कि उनके पास “विश्वसनीय खुफिया जानकारी” है कि भारत अगले 24-36 घंटों में सैन्य कार्रवाई कर सकता है।