Noida News: बिजली विभाग ने शख्स को भेजा 4 करोड़ का बिल, जानिए बिजली विभाग ने क्या कहा

Noida News: गर्मी के मौसम में आमतौर पर बिजली का बिल बढ़ जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक शख्स को 3 महीने का बिजली बिल 4 करोड़ रुपये से ज्यादा का थमा दिया गया है। बिजली बिल देखते ही घर के मालिक बसंत शर्मा भौचक्के रह गए।

Update: 2024-07-22 09:36 GMT

Noida News: गर्मी के मौसम में आमतौर पर बिजली का बिल बढ़ जाता है। लेकिन उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक शख्स को 3 महीने का बिजली बिल 4 करोड़ रुपये से ज्यादा का थमा दिया गया है। बिजली बिल देखते ही घर के मालिक बसंत शर्मा भौचक्के रह गए। वहीं बिजली वितरण कंपनी ने इसके लिए मीटर रीडिंग में गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया है। इसे ठीक करने का आश्वासन दिया है। बसंत शर्मा नोएडा के सेक्टर 122 में श्रमिक कुंज में रहते हैं। वो भारतीय रेलवे के कर्मचारी हैं। फिलहाल वो शिमला में आधिकारिक ट्रेनिंग में है।

बसंत शर्मा को बिजली कंपनी से एक एसएमएस अलर्ट मिला। इसमें बताया गया कि उनका तीन महीने 9 अप्रैल से 18 जुलाई तक का बिजली बिल 4,02,31,842.31 रुपये था। बिल राशि जमा करने की अंतिम तिथि 24 जुलाई थी। एसएमएस में कहा गया था कि अगर दी गई तारीख पर बिजली का पेमेंट कर देते हैं तो 2.8 लाख रुपये की छूट मिलेगी।

1400 रुपये से बिजली बिल 4 करोड़ पहुंचा

बसंत ने बताया कि आमतौर पर उन्हें हर महीने 1490 रुपये का बिजली मिलता था। लेकिन इस बार यह रकम उम्मीदों से बाहर निकल गई है। बसंत शर्मा अपने किराएदार रखे हुए हैं। आधिकारिक काम से नोएडा से बाहर रहते हैं। शर्मा ने जब अपने किराएदार से पूछा तो उन्होंने बताया कि वो सिर्फ बेसिक उपकरणों का ही इस्तेमाल करते हैं। शर्मा ने बताया कि बिजली बिल उनकी पत्नी प्रियंका के नाम पर जारी किया गया था। वहीं सेक्टर-122 के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष डॉ. उमेश शर्मा ने बताया कि बिजली विभाह की ओर से मीटर रीडिंग सही नहीं ली जाती है। शर्मा ने आगे कहा कि मैंने डिस्कॉम के जूनियर इंजीनियर को फोन किया। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि राशि को ठीक कर दिया जाएगा।

बिजली विभाग ने क्या कहा

वहीं उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (Uttar Pradesh Power Corporation Ltd - UPPCL) के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर शिव त्रिपाठी ने कहा कि ऐसा कोई बिल नहीं था। उन्होंने साफतौर पर कहा कि यह सिर्फ सिस्टम की ओर से जेनरेट किया गया था। इसकी वजह ये है कि कंप्यूटर सिस्टम में कुछ तकनीकी गड़बड़ी थी। हमारे सिस्टम में, बिल होल्ड पर था। इंजीनियर ने यह भी कहा कि उन्हें बसंत शर्मा से कोई शिकायत नहीं मिली है। त्रिपाठी के अनुसार, रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रमुख ने विभाग को बिल के बारे में जानकारी दी गई है। इसके बाद बिल में सुधार किया गया और बसंत शर्मा को ₹26,000 का नया बिल भेजा गया।

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