Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ FIR दर्ज, सिद्धारमैया ने मांगा इस्तीफा, जानिए पूरा मामला

Nirmala Sitharaman: बेंगलुरु की विशेष जनप्रतिनिधि अदालत ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली के मामले में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है।

Update: 2024-09-28 09:15 GMT

Nirmala Sitharaman: बेंगलुरु की विशेष जनप्रतिनिधि अदालत ने शुक्रवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली के मामले में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। मामला जनाधिकार संघर्ष परिषद (JSP) के सह-अध्यक्ष आदर्श अय्यर द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि सीतारमण और अन्य भाजपा नेता चुनावी बॉन्ड का इस्तेमाल कर धमकी देकर जबरन वसूली में शामिल थे।

FIR में जेपी नड्डा, नलिन कुमार कटिल और बीवाई विजयेंद्र का भी नाम शामिल

शिकायत में सीतारमण के अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कर्नाटक के पूर्व अध्यक्ष नलिन कुमार कटिल और बीवाई विजयेंद्र का भी नाम शामिल है। अदालत ने बेंगलुरु के तिलक नगर पुलिस थाना प्रभारी को इस मामले में FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री ने मांगा सीतारमण का इस्तीफा

FIR दर्ज होने के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने निर्मला सीतारमण से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने कहा, "वित्त मंत्री पर चुनावी बॉन्ड के मामले में FIR दर्ज की गई है, क्या उन्हें भी इस्तीफा नहीं देना चाहिए?"

सुप्रीम कोर्ट का चुनावी बॉन्ड पर फैसला

गौरतलब है कि फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक बताते हुए इसे रद्द कर दिया था। विपक्षी दलों ने पिछले साल इस योजना को बंद करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, क्योंकि इस योजना के तहत राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे की पारदर्शिता पर सवाल उठे थे।

3 महीने के भीतर रिपोर्ट की मांग

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 17A का हवाला देते हुए 3 महीने के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। यह धारा लोक सेवकों को जांच से अतिरिक्त संरक्षण प्रदान करती है।

क्या है चुनावी बॉन्ड योजना?

2018 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई चुनावी बॉन्ड योजना का उद्देश्य राजनीतिक दलों को नकद दान के बजाय पारदर्शी तरीके से चंदा दिलवाना था। इस योजना के तहत भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के जरिए लोग राजनीतिक दलों को चंदा दे सकते हैं, लेकिन यह चंदा गुमनाम रहता है।

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