Caste Census 2025: बड़ी खबर! पूरे देश में होगी जाति जनगणना! मोदी कैबिनेट का ऐतिहासिक फैसला, जानिए क्या बदलेगा?

Modi Government Caste Census 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार आगामी समय मे होने वाली जनगणना में जाति जनगणना को भी शामिल करेगी।

Update: 2025-04-30 12:21 GMT

Modi Government Caste Census 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार आगामी जनगणना में जाति जनगणना को भी शामिल करेगी। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने बुधवार को फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।

वैष्णव ने कॉन्फ्रेंस में कहा, "कांग्रेस सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया है। 2010 में डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा था कि जाति जनगणना के मामले पर कैबिनेट में विचार किया जाना चाहिए। इस विषय पर विचार करने के लिए मंत्रियों का एक समूह बनाया गया था। अधिकांश राजनीतिक दलों ने जाति जनगणना की सिफारिश की है।" उन्होंने कांग्रेस पर कटाक्ष कर कहा किकुछ राज्य सरकारों ने "गैर-पारदर्शी तरीके से राजनीतिक दृष्टिकोण से जाति सर्वेक्षण" किए हैं।

वैष्णव ने पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस और उसके गठबंधन सहयोगियों ने जाति जनगणना का उपयोग केवल एक राजनीतिक उपकरण के रूप में किया है। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 246 के अनुसार, जनगणना का विषय सातवीं अनुसूची की संघ सूची में 69वें नंबर पर है, जो इसे संघ का विषय बनाता है। इन चिंताओं को देखते हुए सरकार ने निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक आधार को मजबूत करना और विकास को आगे बढ़ाना है।

केंद्र सरकार ने बिहार चुनाव से पहले जाति जनगणना का फैसला लेकर सभी को चौका दिया है। सबसे बड़ा झटका विपक्ष के INDIA गठबंधन को लगा है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत तमाम नेताओं ने जाति जनगणना की मांग की थी और लगातार केंद्र पर इसे करवाने को लेकर हावी थे। कांग्रेस पहले ही जाति जनगणना तेलंगाना और कर्नाटक में करा चुकी है। अब इस मुद्दे को केंद्र ने विपक्ष से छीन लिया है।

कब होगी जनगणना?

भारत में आबादी की जनगणना हर 10 साल के अंतराल पर होती है। इस बार जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन कोरोना के कारण नहीं कराया गया। इसे लेकर विपक्ष काफी नाराज थी। अब बताया जा रहा कि सरकार इसे 2026 में करा सकती है।

राहुल गांधी का बयान: समयसीमा बताए सरकार

नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के जाति जनगणना के फैसले को ऐतिहासिक कदम करार दिया। उन्होंने कहा, “हमने संसद में कहा था कि हम जाति जनगणना करवाएंगे। हमने यह भी वादा किया था कि 50% आरक्षण की कृत्रिम सीमा को खत्म करेंगे। PM नरेंद्र मोदी पहले कहते थे कि देश में सिर्फ 4 जातियां हैं। लेकिन अचानक 11 साल बाद उन्होंने जाति जनगणना की घोषणा कर दी। हम इसका पूरा समर्थन करते हैं, लेकिन सरकार हमें बताए कि यह जनगणना कब तक होगी। हम एक स्पष्ट समयसीमा चाहते हैं।”

राहुल ने जोर देकर कहा कि जाति जनगणना केवल आंकड़े जुटाने का काम नहीं, बल्कि यह सामाजिक और आर्थिक नीतियों का आधार बनेगी। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय की दिशा में पहला कदम बताया और कहा कि कांग्रेस इसकी रूपरेखा तैयार करने में सरकार का सहयोग करेगी।

तेलंगाना मॉडल देश के लिए मिसाल

राहुल गांधी ने तेलंगाना में हाल ही में हुए जाति सर्वेक्षण को एक मॉडल के रूप में पेश किया। उन्होंने कहा, “तेलंगाना ने जाति जनगणना का एक शानदार मॉडल पेश किया है। यह पूरे देश के लिए एक खाका बन सकता है।” उन्होंने बिहार और तेलंगाना के सर्वेक्षणों की तुलना करते हुए कहा, “बिहार और तेलंगाना के सर्वे में बड़ा अंतर है। बिहार में 63% OBC, 19% SC, और 1.68% ST आबादी है, जबकि तेलंगाना में 56.33% OBC हैं। ये आंकड़े नीति निर्माण में मदद करेंगे।”

उन्होंने यह भी कहा कि तेलंगाना का सर्वेक्षण अधिक पारदर्शी और व्यवस्थित है, जिसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जा सकता है। राहुल ने केंद्र से अपील की कि वह इन मॉडलों का अध्ययन कर एक मजबूत ढांचा तैयार करे।

50% आरक्षण की सीमा हटाने की मांग

राहुल गांधी ने एक बार फिर 50% आरक्षण की सीमा को “कृत्रिम दीवार” करार देते हुए इसे हटाने की वकालत की। उन्होंने कहा, “यह सीमा सामाजिक न्याय के रास्ते में बाधा है। कांग्रेस ने अपने 2024 लोकसभा मैनिफेस्टो में वादा किया था कि हम इसे हटाने के लिए संवैधानिक संशोधन करेंगे। हम इस वादे पर कायम हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि जाति जनगणना के आंकड़े यह तय करेंगे कि देश में संसाधनों और अवसरों का वितरण कैसे हो।

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