Indian Government Media Advisory: केंद्र सरकार ने मीडिया चैनलों को दी सख्त चेतावनी, जानिए पूरी एडवाइजरी, डिफेंस ऑपरेशन पर बरतें संयम
ndian Government Media Advisory: नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस बीच, भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक अहम एडवाइजरी जारी कर सभी न्यूज चैनलों, समाचार एजेंसियों, और सोशल मीडिया यूजर्स को रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों की रियल-टाइम कवरेज से बचने की सख्त हिदायत दी है।

Indian Government Media Advisory: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस बीच, भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने एक अहम एडवाइजरी जारी कर सभी न्यूज चैनलों, समाचार एजेंसियों, और सोशल मीडिया यूजर्स को रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों की रियल-टाइम कवरेज से बचने की सख्त हिदायत दी है। राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया गया है ताकि संवेदनशील जानकारी के लीक होने से सैन्य अभियानों और जवानों की सुरक्षा पर कोई आंच न आए। आइए जानते हैं इस एडवाइजरी की पूरी जानकारी और इसके पीछे का कारण।
रियल-टाइम कवरेज पर रोक
सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि रक्षा अभियानों, आतंकवाद विरोधी ऑपरेशंस, या सुरक्षा बलों की गतिविधियों से जुड़ी कोई भी जानकारी, वीडियो, या "सूत्रों" पर आधारित खबर को रियल-टाइम में प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए। ऐसी खबरें दुश्मन ताकतों तक पहुंच सकती हैं, जिससे सैन्य अभियानों की रणनीति और जवानों की जान खतरे में पड़ सकती है। मंत्रालय ने कहा, "मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, और व्यक्तियों की नैतिक जिम्मेदारी है कि उनकी गतिविधियां सुरक्षा बलों के प्रयासों को प्रभावित न करें।"
Ministry of Information and Broadcasting issues advisory to all Media channels to refrain from showing live coverage of defence operations and movement of security forces in the interest of national security. pic.twitter.com/MQjPvlexdr
— Ministry of Information and Broadcasting (@MIB_India) April 26, 2025
क्यों जरूरी है यह कदम?
पिछली घटनाओं से मिले सबक इस एडवाइजरी की मुख्य वजह हैं....
- कारगिल युद्ध (1999): लाइव कवरेज के कारण सैन्य रणनीतियों का खुलासा हुआ, जिससे दुश्मनों को फायदा मिला।
- 26/11 मुंबई हमला (2008): टीवी चैनलों की रियल-टाइम रिपोर्टिंग से आतंकियों को सुरक्षाबलों की स्थिति की जानकारी मिली, जिसने हमले को और घातक बनाया।
- कंधार अपहरण (1999): अनियंत्रित कवरेज ने सरकार पर दबाव बढ़ाया और रणनीतिक फैसलों को प्रभावित किया।
इन अनुभवों को ध्यान में रखते हुए, मंत्रालय ने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए यह सख्त कदम उठाया है।
कानूनी दिशा-निर्देश
मंत्रालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के तहत पहले भी टीवी चैनलों को निर्देश दिए थे कि वे आतंकवाद विरोधी अभियानों या सैन्य गतिविधियों का लाइव प्रसारण न करें। नियम 6(1)(p) के अनुसार...
- ऐसी खबरें केवल सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारियों की आधिकारिक ब्रीफिंग तक सीमित रहें।
- किसी भी संवेदनशील जानकारी को समय से पहले सार्वजनिक न किया जाए।
- मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी।
मीडिया और सोशल मीडिया की जिम्मेदारी
मंत्रालय ने न केवल न्यूज चैनलों, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया यूजर्स से भी अपील की है कि वे सतर्कता और जिम्मेदारी के साथ काम करें। सोशल मीडिया पर अनियंत्रित पोस्ट्स, जैसे जवानों की तस्वीरें, लोकेशन, या ऑपरेशन की जानकारी, दुश्मनों तक पहुंच सकती हैं। मंत्रालय ने कहा, "राष्ट्रीय सुरक्षा हर नागरिक की जिम्मेदारी है। मीडिया की भूमिका सूचना देने में महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे संवेदनशीलता के साथ निभाना होगा।"
क्या करें, क्या न करें
- न करें: रियल-टाइम में सैन्य ऑपरेशंस, जवानों की लोकेशन, या हथियारों की जानकारी शेयर न करें।
- न करें: अनधिकृत सूत्रों से मिली खबरों को बिना सत्यापन के प्रसारित न करें।
- करें: आधिकारिक ब्रीफिंग और सरकारी बयानों पर भरोसा करें।
- करें: खबरों को संवेदनशीलता के साथ पेश करें और राष्ट्र हित को प्राथमिकता दें।
पुलवामा हमले के बाद भारत सरकार का यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। रियल-टाइम सैन्य कवरेज पर रोक लगाकर सरकार ने साफ कर दिया है कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है। मीडिया, डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, और आम नागरिकों की जिम्मेदारी है कि वे इस संवेदनशील समय में सतर्कता और जिम्मेदारी दिखाएं। X पर लोग इस फैसले का समर्थन कर रहे हैं और सेना के आक्रामक रुख की सराहना कर रहे हैं। यह एडवाइजरी न केवल कानूनी निर्देश है, बल्कि हर भारतीय को देश की सुरक्षा के प्रति अपनी जिम्मेदारी याद दिलाती है।