Banking History: 2000 BC में शुरू हुई बैंकिंग व्यवस्था, जानिए दुनिया और भारत के पहले बैंक के बारे में, साथ ही कहां से आया ये शब्द?
देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बैंकों का अहम योगदान है। देश की इकोनॉमी के साथ ही आम इंसान के जीवन में भी बैंक का बहुत महत्व है। अब आपके मन में ख्याल आ रहा होगा कि आखिर बैंकिंग प्रणाली की शुरुआत कब और कैसे हुई, तो आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
Banking History: देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में बैंकों का अहम योगदान है। देश की इकोनॉमी के साथ ही आम इंसान के जीवन में भी बैंक का बहुत महत्व है। वो अपनी छोटी-छोटी बचत को बैंक में ही सुरक्षित रखता है और आज के डिजिटल दौर में तो बैंक से लेन-देन बेहद आसान हो गया है। अपने मोबाइल के जरिए एक क्लिक में पैसों का लेन-देन संभव है। अब आपके मन में ख्याल आ रहा होगा कि आखिर बैंकिंग प्रणाली की शुरुआत कब और कैसे हुई, तो आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे।
माना जाता है कि 2000 ईसा पूर्व दुनिया में बैंकिंग प्रणाली की शुरुआत हुई थी, हालांकि उस वक्त ये आज की तरह नहीं थी। उस समय व्यापारी किसान और व्यापारियों को अनाज उधार देते थे। इससे वे दूसरे शहर जाकर सामान लाते थे। लेनदेन पैसे यानी करेंसी के बदले नहीं होता था, बल्कि लोग एक-दूसरे की मदद के लिए सामानों का लेन-देन करते थे।
बाद में सोने के सिक्कों का होने लगा विनिमय
बाद में व्यापारियों ने लेन-देन के लिए सोने के सिक्कों का इस्तेमाल किया। जब कारोबार के सिलसिले में व्यापारी समुद्री रास्तों से दूसरे देशों में जाने लगे, तो रकम को संभालने के लिए सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाने लगे, इसी तरह से सेफ डिपोजिट प्रणाली आई और बाद में इसका रूप बदलता गया। बाद में सौदागरों ने सोने के सिक्कों के बदले में व्यापारियों से ब्याज लेना शुरू कर दिया, तो ब्याज प्रणाली की शुरुआत हुई।
इटली में पहली बार हुआ बैंक शब्द का इस्तेमाल
ये जानना भी जरूरी है कि आखिर सबसे पहले बैंक शब्द का इस्तेमाल कहां हुआ, तो इसका जवाब है इटली। इटली भाषा के इस शब्द को सबसे पहले 1157 में इस्तेमाल किया गया था। दुनिया के सबसे पुराने बैंक की बात करें, तो ये मेडिसी बैंक था। इसकी स्थापना जियोवन्नी मेडिसी ने साल 1397 में की थी। इससे भी बड़ी बात ये है कि ये बैंक आज भी इटली में है और वहां का चौथा सबसे बड़ा बैंक है। इसका वर्तमान नाम बंका मोंटे देई पासची डि सिएना है।
1472 से मिल रही लोगों को बैंकिंग सेवाएं
मेडिसी बैंक की स्थापना तो 1397 में हो गई थी, लेकिन इसका काम 4 मार्च 1472 से सुचारू रूप से शुरू हुआ था। यह बैंक उस समय से लोगों को लोन देता है, जब कोलंबस ने अमेरिका की खोज की थी। फिलहाल इस बैंक की 2,000 ब्रांच है।
गुलाम भारत में बना भारत का पहला बैंक
भारत की बात करें, तो यहां पहला बैंक गुलाम भारत में बना था। इसका नाम बैंक ऑफ हिंदुस्तान था, जिसे 1770 में भारत की तत्कालीन राजधानी कलकत्ता में स्थापित किया गया था। ये बैंक करीब 50 साल तक सफलता के साथ संचालित हुआ। इसके बाद बैंक की वित्तीय स्थिति खराब हो गई। इसकी मूल फर्म मेसर्स अलेक्जेंडर एंड कंपनी 1832 में भारी वित्तीय संकट में फंस गई, और इसे 1832 में बंद कर दिया गया।
देश में शुरू हुआ दूसरा बैंक था Bank Of India
वहीं देश में शुरू हुआ दूसरा बैंक Bank Of India था, जिसे 1786 में शुरू किया गया था। यह बैंक भी 1791 में ही बंद हो गया था। इसके अलावा बैंक ऑफ हिंदोस्तान के बंद होने से पहले ब्रिटिश शासनकाल में कोलकाता में 2 जून 1806 को बैंक ऑफ कलकत्ता की स्थापना की गई थी। 3 साल के बाद बैंक को अपना चार्टर मिला। इसके बाद 2 जनवरी 1809 में इसे बैंक ऑफ बंगाल नाम दिया गया। यही बैंक आज देश का सबसे बड़ा बैंक है, जिसे हम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank Of India) के नाम से जानते हैं। ये बंगाल सरकार द्वारा प्रायोजित ब्रिटिश भारत का पहला संयुक्त स्टॉक बैंक था। इसके बाद इसका विस्तार शुरू हो गया।
तीन बैंकों के विलय से अस्तित्व में आया इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया
15 अप्रैल 1840 में मुंबई में बैंक ऑफ बॉम्बे की स्थापना हुई, जबकि 1 जुलाई 1843 में शुरू हुए बैंक ऑफ मद्रास का 27 जनवरी 1921 को बैंक ऑफ बंगाल में विलय कर दिया गया। तीनों बैंक के विलय से इम्पीरियल बैंक ऑफ इंडिया का अस्तित्व सामने आया। 1947 में भारत आजाद हो गया। साल 1955 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया को पार्लियामेंटरी एक्ट के तहत अधिग्रहित कर लिया। ऐसा करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्ट 1955 लाया गया था।
इम्पीरियल बैंक का नाम बदलकर किया गया स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
30 अप्रैल 1955 को बड़ा बदलाव किया गया और इम्पीरियल बैंक का नाम बदलकर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया कर दिया गया। इसके बाद 2017 में एसबीआई में कई बैंकों का विलय कर दिया गया और ये देश का सबसे बड़ा बैंक बन गया।
ये था भारत का पहला कमर्शियल बैंक
एक ओर जहां बैंक ऑफ हिंदोस्तान देश का पहला बैंक था, तो भारत का पहला वाणिज्यिक बैंक 'अवध कमर्शियल बैंक था, जो 1881 में फैजाबाद में स्थापित किया गया था। जानकारी के अनुसार, स्वतंत्रता से पहले देश में 600 से अधिक बैंक रजिस्टर्ड हुए थे, लेकिन उनमें से अधिकतर बाद में बंद हो गए।
जानिए कौन से थे वे बैंक?
जनरल बैंक ऑफ इंडिया (1786-1791)
अवध कमर्शियल बैंक (1881-1958)
बैंक ऑफ बंगाल (1809)
बैंक ऑफ बॉम्बे (1840)
बैंक ऑफ मद्रास (1843)
कुछ बैंकों को बाद में फिर शुरू किया गया था, जो इस प्रकार हैं।
1865- इलाहाबाद बैंक
1894- पंजाब नेशनल बैंक
1906- बैंक ऑफ इंडिया
1911- सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
1906- कैनरा बैंक
1908- बैंक ऑफ बड़ौदा