Ayodhya Ram Mandir: राम मंदिर निर्माण में देश भर में इन दो लोगों ने दिया सबसे ज्यादा चंदा, एक बिजनैसमैन, दूसरे हैं आध्यत्मिक गुरु

Update: 2024-01-11 10:39 GMT

Ayodhya Ram Mandir: डेस्क। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जानवरी को होना है। देश भर से लोग इस समारोह में हिस्सा लेंगे। इस दिन श्रीराम भगवान गर्भगृह में विराजमान होंगे। राम मंदिर के निर्माण के लिए अबतक के 5500 करोड़ से अधिक का दान श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट को मिल चुका हैं। क्या आपको पता हैं सबसे चंदा देने वाले दो दान दाताओं का नाम, नहीं न तो आइए हम बताते हैं, इन दो दान-दाताओं के बारे में...

दान देने वालों में सबसे पहला नाम आध्यात्मिक गुरु मोरारी बापू का हैं। गुजरात से आने वाले मोरारी बापू ने राम मंदिर निर्माण के लिए 11.3 करोड़ रुपये दान दिये हैं। दूसरा नाम देश मे मशहूर बिजनेसमैन और हीरा कारोबारी गोविंदभाई ढोलकिया हैं। इन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए 11 करोड़ दिया हैं। गोविंदभाई ढोलकिया अपने कर्मचारियों को लेकर भी सुर्खियों में रहते हैं। हर साल दिवाली पर अपने कर्मचारियों को ऐसा तोहफा देते हैं कि वो सुर्खियां बन जाती हैं। कहा जाता हैं कि हीरा व्यापारी गोविंदभाई ढोलकिया राष्ट्रीय स्वयंसेवक से भी जुड़े हैं।

जानिए मोरारी बापू के बारे में...

मोरारी बापू का जन्म गुजरात के महुआ के पास तालगरदजा में 25 सितंबर 1846 को हुआ था। देश आजाद होने से एक साल पहले मोरारी बापू का जन्म हुआ था। उनका पूरा नाम मोरारिदास प्रभुदास हरियाणवी है। उनकी मां का नाम सावित्री बेन और पिता का नाम प्रभुदास बापू हरियाणवी है। वह लोगों के बीच मोरारी बापू के नाम से प्रसिद्ध हैं।

मोरारी बापू आठ भाई-बहन हैं, उनके छह भाई और दो बहनें हैं। मोरारी बापू अपने सभी भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उनकी पत्नी का नाम नर्मदाबेन है। उनका एक बेटा और तीन बेटियां हैं। कथावाचक मोरारी बापू फिलहाल गुजरात के तालगरजदा के चित्रकूटधाम ट्रस्ट में रहते हैं। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से की उसके बाद उन्होंने जूनागढ़ के शाहपुर कॉलेज से अपनी डिग्री पूरी की। मोरारी बापू ने अयोध्या उत्तर प्रदेश में भगवान श्री राम के जन्म स्थान राम जन्मभूमि पर राम के मंदिर के निर्माण का समर्थन किया था। 1992 में मोरारी बापू राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे। लोकप्रिय शो आप की अदालत में उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय से अपील की कि वह राम मंदिर के संबंध में निर्णय देने में देरी न करे। इसी कड़ी में उन्होंने कहा कि कोई भी नरेंद्र मोदी की देशभक्ति पर सवाल नहीं उठा सकता।

मालूम हो कि 2019 के पुलवामा हमले के बाद, मोरारी बापू ने घोषणा की कि वह प्रत्येक शहीद के परिवार को 1 लाख की वित्तीय सहायता देकर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के शहीदों की मदद करेंगे। 2019 में, मोरारी बापू ने सूरत में शहीदों के परिवारों की मदद के लिए राम कथा का आयोजन किया था।

जानिए हीरा कारोबारी गोविंदभाई ढोलकिया को

7 नवंबर 1947 को ढोलकिया का जन्मा हुआ था। उनका जन्म गुजरात के एक ​छोटे से गांव दुधाला में एक किसान परिवार में हुआ था। उनका जीवन काफी अभावों में बीता। वे कुल 7 भाई बहन थे और उनके बचपन में भी एक आम गरीब बच्चे की तरह बेहतर सुविधाओं और शिक्षा का आभाव था। ढोलकिया ने अपनी आत्मकथा में बताया कि वे 1964 में अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के पहली बार सूरत आए थे, लेकिन उनकी आंखों में कुछ अलग और बड़ा करने का सपना था। उन्होंने हीरे के व्यापार में अपने कैरियर की शुरुआत डायमांड पॉलिश करने से की। पहली बार कामयाबी उन्हें तब मिली जब उनके द्वारा 1970 में श्री रामकृष्णा एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (SRK) की स्थापना की, जो आगे चलकर दुनिया की सबसे बड़ी हीरे काटने और निर्यात करने वाली कंपनी बनी। आज श्री रामकृष्णा एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड की वैल्यू एक बिलियन डॉलर से अधिक है।


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