Aaj Ka Mausam 11 November: दिल्ली में प्रदूषण का कहर, AQI बेहद खराब श्रेणी में, सांस लेने में हो रही दिक्कत
Aaj Ka Mausam 11 November: दिल्ली और एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है, जिससे आम लोगों की जिंदगी पर बुरा असर पड़ रहा है।
Aaj Ka Mausam 11 November: दिल्ली और एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है, जिससे आम लोगों की जिंदगी पर बुरा असर पड़ रहा है। आज 10 नवंबर 2024 की सुबह राजधानी दिल्ली घने स्मॉग (धुंध) की चादर में लिपटी नजर आई। इस प्रदूषण के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन जैसी समस्याएं झेलनी पड़ रही हैं।
दिल्ली में प्रदूषण का गंभीर असर
भारतीय मौसम विभाग और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन यह अभी भी बेहद खराब स्थिति में है।
- दिल्ली का औसत AQI (Air Quality Index): शनिवार को 352 दर्ज किया गया, जबकि शुक्रवार को यह 380 था।
- वायु की गति: शुक्रवार को हवा की गति 4-6 किमी प्रति घंटा थी, जो शनिवार को 8-10 किमी प्रति घंटा हो गई। लेकिन हवा की गति में इस मामूली सुधार से प्रदूषण के स्तर पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा।
दिल्ली के प्रमुख इलाकों में AQI का हाल
प्रदूषण की वजह से दिल्ली के अधिकतर इलाकों में एक्यूआई (AQI) 300 से 400 के बीच बना हुआ है, जो 'बहुत खराब' और 'खतरनाक' श्रेणी में आता है। आइए जानते हैं प्रमुख इलाकों का हाल:
- अलीपुर 356
- आनंद विहार 351
- आया नगर 343
- द्वारका सेक्टर 8 341
- आईजीआई एयरपोर्ट 326
- आईटीओ 328
- जहांगीरपुरी 370
- विवेक विहार 354
- धौलकुआं 394 (बहुत खराब)
- इंडिया गेट 357
- ओखला 339
- बवाना 383
एनसीआर में भी खराब हाल
दिल्ली एनसीआर के अन्य शहरों में भी प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है।
- फरीदाबाद 195 (मध्यम)
- गुरुग्राम 294 (खराब)
- गाजियाबाद 294 (खराब)
- ग्रेटर नोएडा 259 (खराब)
- नोएडा 229 (खराब)
प्रदूषण के मुख्य कारण
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ने के कई कारण हैं:
- पराली जलाना: पड़ोसी राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में किसानों द्वारा पराली जलाने की वजह से दिल्ली की हवा में प्रदूषण बढ़ जाता है।
- वाहनों का उत्सर्जन: दिल्ली की सड़कों पर बढ़ती गाड़ियों की संख्या भी वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है।
- निर्माण कार्य: दिल्ली-एनसीआर में बड़े पैमाने पर चल रहे निर्माण कार्य और धूल भी हवा को प्रदूषित कर रहे हैं।
- औद्योगिक उत्सर्जन: फैक्ट्रियों और उद्योगों से निकलने वाला धुआं भी हवा की गुणवत्ता को बिगाड़ रहा है।
प्रदूषण के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव
वर्तमान में वायु प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि इसका सीधा असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।
- सांस लेने में दिक्कत: दिल्ली की जहरीली हवा के कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को अधिक समस्या हो रही है।
- आंखों में जलन: वायु में प्रदूषक कणों के कारण लोगों की आंखों में जलन महसूस हो रही है।
- फेफड़ों पर बुरा असर: लंबे समय तक इस प्रदूषित हवा में रहने से फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।
प्रदूषण से बचने के उपाय
मास्क का उपयोग: बाहर निकलते समय N95 मास्क का उपयोग करें।
- घर के अंदर रहें: जब तक बहुत जरूरी न हो, घर से बाहर निकलने से बचें। खासकर सुबह और शाम के समय।
- एयर प्यूरीफायर: घर के अंदर हवा को साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
- पौधों का उपयोग: घर में एलोवेरा, स्नेक प्लांट जैसे एयर प्यूरीफाइंग पौधे लगाएं।
- आहार में सुधार: अपनी डाइट में विटामिन C, विटामिन E और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त भोजन को शामिल करें, जिससे आपकी इम्यूनिटी मजबूत हो।
सरकार की पहल
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे:
- वॉटर स्प्रिंकलिंग: सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
- ग्रीन वॉल: दिल्ली के प्रमुख इलाकों में ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट शुरू किया गया है।
- निर्माण कार्यों पर रोक: निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों पर अस्थायी रोक लगाई गई है।
- ऑड-ईवन स्कीम: वाहनों के लिए ऑड-ईवन स्कीम लागू की जा सकती है।
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण नागरिकों का जीवन कठिन होता जा रहा है। समय की मांग है कि सरकार और जनता दोनों मिलकर इस समस्या का समाधान निकालें। बेहतर पर्यावरण के लिए हमें पौधारोपण, स्वच्छता और जागरूकता पर जोर देना चाहिए।