बोले मंत्री टीएस सिंहदेव “प्रदेश में कोविड को लेकर केंद्रीय अनुमान अगस्त में 63 हज़ार मरीज.. लेकिन पूरे संसाधन झोंके हमने.. फिर भी 23 हज़ार हो सकते हैं.. अत्यधिक सतर्कता की जरुरत”

Update: 2020-08-13 10:46 GMT

रायपुर,13 अगस्त 2020। केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े जो कि अनुमानों पर आधारित होते हैं उन्हें देखें तो छत्तीसगढ़ में अगस्त के महिने में कोविड-19 के अनुमानित प्रकरणों की संख्या 63 हजार होनी है। स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव इस आंकडे को चिंतित है लेकर प्रदेश में स्वास्थ्य की तैयारियों का जिक्र करते हुए उन्हें उम्मीद है कि, यह आँकड़ा बड़ी हद तक 23 हज़ार से ज़्यादा पार नहीं होना चाहिए।
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा
“हमें जो अनुमानित संभावित आंकडे केंद्र सरकार से मिलते रहे हैं जिससे हमें अपनी तैयारी और बेहतर करने और समीक्षा करने में आसानी होती है, वो आँकड़ा अगस्त को लेकर है 63 हजार। पर हमारी तैयारियाँ और जो व्यवस्थाएँ हैं उसके साथ साथ यदि जागरुकता का बेहतर स्तर बना रहा तो यह आँकड़ा बढ़ेगा जरुर पर फिर भी यह 23 हज़ार से उपर नहीं जाना चाहिए”

स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा
“कोविड वायरस को लेकर विभागवार समन्वय को बेहतर करने की लगातार क़वायदें हैं, हमने कमोबेश हर कोविड उपचार केंद्र में बेड बढ़ा दिए हैं, टेस्ट की क्षमता संख्या भी बढ़ाई गई है,विशेषज्ञों की टीम लगी हुई है, जनजागरुकता और बेहतर हो इसके प्रयास जारी हैं..कोई शक नहीं कि मसला अत्यधिक सतर्कता का है.. क्योंकि सतर्कता ही एकमात्र बचाव है.. पर डर की जरुरत नहीं है.. लेकिन सतर्कता की तो बिलकुल है”

लगातार बढ़ते मौतों के आँकड़ों को लेकर सिंहदेव चिंतित हैं, लेकिन इसके साथ ही वे आँकड़ों की ओर ध्यान दिलाते हैं, जिनमें सबसे ज़्यादा रायपुर और फिर वे शहरी इलाक़े हैं जहां रेल और सड़क दोनों की ज़बर्दस्त कनेक्टिविटी है, वे मानते हैं कि इन इलाक़ों में सतर्क होने की और ज़्यादा जरुरत सबसे ज़्यादा शासन प्रशासन और फिर नागरिकों को है। वहीं मौतों को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया

“छत्तीसगढ़ में केवल कोविड-19 से मौत हुई है, यह कहना सही नहीं है, जिनकी मृत्यु हुई है वो दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन यह साफ़ है कि, उन्हे कई गंभीर बीमारियाँ थीं, जो ज़ाहिर है शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहद कमजोर करती हैं और कोविड ऐसे में उन बीमारियों के दुष्प्रभाव और बढ़ाता है, और इसलिए सतर्कता की बात बार बार आ रही है”

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