मेडिकल कॉलेज तीन टुकड़ों में…NPG की खबर पर हेल्थ डिपार्टमेंट का आया जवाब….जल्दीबाजी में नहीं, सोच-समझकर लिया गया फैसला

Update: 2020-04-08 16:01 GMT

रायपुर, 8 अप्रैल 2020। रायपुर के पं0 जवाहर लाल नेहरु मेडिकल कॉलेज अस्पताल को तीन टुकड़ों में बांटे जाने की खबर पर आज स्वास्थ्य विभाग का जवाब आया। विभाग ने कहा है कि यह फैसला जल्दीबाजी में नहीं, बल्कि सोच-समझकर लिया गया।
ज्ञातव्य है, छत्तीसगढ़ के विश्वसनीय नम्बर-वन न्यूज वेबसाइट एनपीजीडॉटन्यूज ने कोरोना अस्तपाल के लिए सूबे के सबसे पुराने मेडिकल कॉलेज अस्पताल को तीन टुकड़ों में बांटने की खबर प्रकाशित की थी। आज सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है मेडिकल कालेज के संबंध में जल्दीबाजी में नहीं, बल्कि सोच-समझकर फैसला लिया गया।

सरकार ने बताया है कि कोरोना पीड़ितों के ईलाज के लिए आधुनिक चिकित्सा सुविधा से युक्त हॉस्पिटल की जरुरत को देखते हुए राज्य शासन ने रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर चिकित्सालय, मेकाहारा को कोविड हॉस्पिटल में तब्दील किए जाने का निर्णय लिया है । इसे जल्दबाजी में बिना सोचे समझे लिया गया फैसला कहा जाना उपयुक्त नहीं है। इसके पीछे कई ऐसे कारण है जिसकी वजह से डॉ. भीमराव अंबेडकर चिकित्सालय, मेकाहारा को वर्तमान में कोविड हॉस्पिटल में कन्वर्ट कर कोरोना के खिलाफ जारी जंग को मजबूती से लड़ा जा सकता है ।

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छत्तीसगढ़ शासन के अधीन डॉ. भीमराव अंबेडकर चिकित्सालय, मेकाहारा ही एक मात्र ऐसा हॉस्पिटल है, जहाँ आधुनिक चिकित्सा सुविधा के साथ ही 500 बेड का हॉस्पिटल एवं 100 बेड वाला आईसीयू उपलब्ध है। यहाँ योग्य चिकित्सकों की टीम व प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ भी उपलब्ध है।वर्तमान में राज्य के किसी भी शासकीय अस्पताल मे उपरोक्त सुविधा नही है। मेकाहारा में कोरोना संक्रमण का बेहतर इलाज़ आसानी से कम खर्च में किया जाना
संभव होगा ।

चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में कोरोना के संक्रमण के बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता । अभी तक कोरोना को लेकर के जो स्थिति देश -विदेश में उभर कर सामने आई है, उसको देखते हुए इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कोरोना से संक्रमित मरीजों में से कम से कम 10 से 15 प्रतिशत मरीजों को आई सीयू में रखने की जरुरत पड़ेगी | यदि राज्य में एक समय में मरीज़ों की संख्या 500 के आसपास होती है तो कम से कम 75 से 100 मरीजों को आई सी यू में रखना पड़ सकता है। मेकाहारा रायपुर के अलावा यह व्यवस्था राज्य के किसी अन्य हॉस्पिटल में उपलब्ध नहीं है। इन सब को ध्यान में रखते हुए मेकाहारा को फिलहाल COVID हॉस्पिटल में तब्दील किया जाना ज्यादा तर्क संगत है | मेकाहारा से शिफ्ट किए जाने वाले विभागों को इसके आसपास के ही चिकित्सालयों में संचालित करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है ताकि मरीज़ों को वहां तक पहुचने एवं ईलाज करने में किसी भी तरह की परेशानी न उठानी पड़े ।

डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय मेकाहारा को अतिशीघ्र COVID हॉस्पिटल के रूप में शुरू कराए जाने के मद्देनज़रअब यहां नए मरीज भर्ती नहीं किए जाएंगे । मेकाहारा का स्त्री रोग विभाग डॉक्टरों, नर्सों, तक्नीशियनों एवं अन्य स्टॉफ तथा उपकरणों सहित पंडरी स्थित जिला चिकित्सालय से संचालित होगा साथ ही कालीबाड़ी स्थित मातृ एवं शिशु अस्पताल का भी पूर्ववत उपयोग किया जाएगा।
डॉ. भीमराव अंबेडकर चिकित्सालय, मेकाहारा में कोविड-19 अस्पताल संचालित होने के दौरान शिशु रोग विभाग को शांतिनगर स्थित एकता अस्पताल स्थानांतरित किया जा रहा है । शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष अपने सभी स्टॉफ एवं उपकरण सहित एकता अस्पताल से कार्य संपादित करेंगे।
डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल का ब्लड बैंक, पैथोलॉजी, एनिस्थिसिया, रेडियोलॉजी एवं प्रशासनिक विभाग वहां यथावत कार्य करते रहेगा। क्षेत्रीय कैंसर संस्थान यहां से पूर्ववत संचालित होते रहेगा| डीकेएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल जो की मेकाहारा का ही एक अस्पताल है यहाँ चिकित्सा की सभी आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं ।डीकेएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल 500 बिस्तर का है। यहाँ विभिन्न प्रकार की बीमारियों की सर्जरी के लिए 13 आपरेशन थियेटर हैं | मेकाहारा से इसकी दूरी लगभग 500 मीटर है | अंबेडकर अस्पताल के अन्य विभागों के मरीजों को डीकेएस सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कर चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराया जाना सहज होगा । डीकेएस सुपरस्पेशलिटी में स्थापित सभी 60 डायलिसिस मशीन पूर्ववत संचालित रहेंगी।

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