Bhopal Crime News: MP के पूर्व DGP पर जानलेवा हमला: केयरटेकर ने गला दबाया, मौत से बाल-बाल बचे! जानें पूरी कहानी
Bhopal Crime News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अरेरा कॉलोनी में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें 100 वर्षीय पूर्व डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) एचएम जोशी के साथ उनके केयरटेकर रफीक ने मारपीट की।

Bhopal Crime News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के अरेरा कॉलोनी में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें 100 वर्षीय पूर्व डीजीपी (पुलिस महानिदेशक) एचएम जोशी के साथ उनके केयरटेकर रफीक ने मारपीट की। यह घटना 9 अप्रैल 2025 को हुई, जब रफीक ने पैसे की मांग करते हुए जोशी का गला दबाया और उन्हें धमकाया। जोशी, जो 1948 बैच के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी हैं और 1980 के दशक में मध्य प्रदेश के डीजीपी रह चुके हैं, ने इस मामले में हबीबगंज पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। आइए जानते हैं इस घटना के बारे में विस्तार से।
क्या है पूरा मामला?
एचएम जोशी ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने रफीक को एक निजी एजेंसी (रचना एजेंसी, बिट्ठल मार्केट मेट्रो प्लाजा, अरेरा कॉलोनी, भोपाल) के जरिए केयरटेकर के रूप में नियुक्त किया था। रफीक को हर महीने 10,000 रुपये वेतन के साथ परिवहन खर्च अलग से दिया जाता था। 9 अप्रैल को, जब जोशी अपने घर में अकेले थे, रफीक ने अचानक उनका गला दबाकर पैसे की मांग की और धमकी दी। इस दौरान जोशी की घरेलू सहायिका गीता, जो उनके लिए खाना बनाती है, वहां पहुंची। गीता को देखते ही रफीक घबरा गया और उसने जोशी को छोड़ दिया।
जोशी ने पुलिस को बताया कि घटना के बाद उन्हें घर से नकदी और एक छोटी गणेश मूर्ति गायब मिली, जिसके पीछे रफीक का हाथ होने का शक है। जोशी ने यह भी उल्लेख किया कि रफीक नियमित रूप से नशा करता था, और एजेंसी को इसकी जानकारी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पुलिस और एजेंसी की प्रतिक्रिया
हबीबगंज पुलिस थाने के प्रभारी संजीव चौकसे ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। जोशी की उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए पुलिस उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नियमित जांच की व्यवस्था कर रही है। हालांकि, खबर लिखे जाने तक इस मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज नहीं की गई थी।
एजेंसी के संचालक शक्ति खरे ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही उन्होंने रफीक को नौकरी से हटा दिया और उसे पुलिस के हवाले कर दिया। खरे ने कहा, "रफीक की सैलरी का ज्यादातर हिस्सा उसकी पत्नी को दिया जाता था, क्योंकि वह नशे की लत के कारण घर पर पैसे नहीं देता था। उसकी सैलरी 10,000 रुपये थी, जिसमें से 1,000 रुपये बाकी हैं।"
गीता की मौजूदगी ने बचाई जान
घटना के दौरान गीता की समय पर मौजूदगी ने जोशी की जान बचा ली। गीता के आने पर रफीक ने माफी मांगी और जोशी को छोड़ दिया। जोशी ने अपनी शिकायत में कहा कि यह घटना उनके लिए डरावनी थी, और उन्होंने पुलिस से अपने घर की नियमित निगरानी की मांग की है।
एचएम जोशी का परिचय
एचएम जोशी 1948 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और 1980 के दशक में मध्य प्रदेश के डीजीपी रह चुके हैं। उनकी छवि एक कड़क और निष्ठावान अधिकारी की रही है। चंबल के डकैतों के खिलाफ अभियान और 1970 के दशक में जेपी आंदोलन के दौरान डकैतों के सामूहिक आत्मसमर्पण में उनकी भूमिका को आज भी याद किया जाता है। जोशी बर्खास्त आईएएस अधिकारी अरविंद जोशी के पिता और टीनू जोशी के ससुर हैं। अरविंद जोशी का निधन 2022 में हो गया था।
यह घटना बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर सवाल उठाती है। जोशी जैसे सम्मानित व्यक्ति के साथ इस तरह की घटना से समाज में विश्वास की कमी और देखभाल करने वालों की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बुजुर्गों के लिए केयरटेकर नियुक्त करते समय उनकी पृष्ठभूमि की गहन जांच जरूरी है।
क्या करें बुजुर्गों के परिजन?
- पृष्ठभूमि जांच: केयरटेकर की नियुक्ति से पहले उनकी पुलिस वेरिफिकेशन और पिछले रिकॉर्ड की जांच करें।
- विश्वसनीय एजेंसी: केवल पंजीकृत और विश्वसनीय एजेंसियों से ही सेवाएं लें।
- सुरक्षा उपाय: घर में सीसीटीवी कैमरे और आपातकालीन अलार्म सिस्टम लगवाएं।
- नियमित संपर्क: बुजुर्ग परिजनों से नियमित बात करें और उनकी दिनचर्या पर नजर रखें।
पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और रफीक के खिलाफ उचित कार्रवाई की बात कही है। जोशी की उम्र को देखते हुए पुलिस उनकी सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दे रही है। इस घटना ने समाज में बुजुर्गों की देखभाल और उनकी सुरक्षा को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है।