बिलासपुर में नहीं खुल पाएगा कोविड19 परीक्षण सेंटर.. बोली हाईकोर्ट “ राज्य की व्यवस्था केंद्र के नियमों के अनुरूप नही.. तो हम कुछ नहीं कर सकते”

Update: 2020-04-21 09:27 GMT

बिलासपुर,21 अप्रैल 2020। बिलासपुर में कोविड19 टेस्ट को लेकर राज्य और केंद्र के बीच गतिरोध किसी नतीजे पर नहीं पहुँच सका। यह मसला जब आज़ हाईकोर्ट में पहुँचा तो हालात में कोई परिवर्तन नहीं थे। हाईकोर्ट ने इस स्थिति पर अप्रसन्नता दर्शाई ।
केंद्र सरकार ने कोविड 19 के टेस्ट को लेकर जो मापदंड तय किए हैं, बिलासपुर में वो मापदंड पूरे नहीं हो रहे थे। न्याय मित्र प्रफुल्ल भारत ने सूझाव दिया था कि पेनेडेमिक एक्ट में यह प्रावधान है कि यदि शासन चाहें तो किसी नीजि संस्थान को जनहित या राष्ट्रीय हित में अधिग्रहीत कर सकती है।इस पर राज्य की ओर से जिस नीजि मेडिकल संस्थान का नाम आगे बढ़ाया गया उसे लेकर केंद्र के नियम आड़े आए, इस पर यह विकल्प दिया गया था कि राज्य उसे अधिशासित कर ले या कि उसे सिम्स से जोड़ दे। हाईकोर्ट ने केंद्र और राज्य के मत भिन्नता को देखते हुए कल एम्स के डायरेक्टर और स्वास्थ्य सचिव को बैठक कर नतीजे पर आने कहा था,और आज रिपोर्ट तलब की थी।
अधिग्रहीत किए जाने के मसले पर राज्य की ओर से प्रक्रिया का ब्यौरा दिया गया, जिसमें बेहद लंबा समय लगना तय है।
हाईकोर्ट ने आज फिर गतिरोध की स्थिति देखी.. और केंद्र के नियमों को और राज्य की ओर से पेश प्रस्तावपर केंद्र की नियमों के कारण असहमति देखते हुए इस मसले पर हस्तक्षेप से खुद को अलग कर लिया है.. और कहा
“केंद्र के नियमों के अनुसार राज्य तैयार नहीं है.. हम अब कुछ नहीं कर सकते.. राज्य जल्दी व्यवस्था करे”

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