CG: प्रोफेसर के 595 पदों के लिए दस्तावेज सत्यापन दूसरे दिन ही स्थगित, 3 साल बाद भी भर्ती प्रक्रिया नहीं हो पाई पूरी
CG News: प्राध्यापक भर्ती के लिए 2 दिसंबर से 16 दिसंबर तक होने वाला दस्तावेज सत्यापन का कार्य दूसरे दिन ही स्थगित कर दिया गया। भर्ती प्रक्रिया में अपात्रों को दस्तावेज सत्यापन में शामिल शामिल करने के आपत्तियों के बाद यह निर्णय लिया गया। वर्ष 2021 में प्रोफेसर के पदों पर भर्ती हेतु विज्ञापन जारी हुए थे। जो 3 साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है।
रायपुर। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रोफेसर के रिक्त 595 पदों पर की जा रही भर्ती के लिए दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया दूसरे दिन ही स्थगित कर दी गई। वर्ष 2021 में इसके लिए आवेदन जारी किए गए थे इसके बाद 3 सालों तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। 2 दिसंबर से दस्तावेज सत्यापन का कार्य होना था, पर दूसरे ही दिन 3 दिसंबर को 220 सत्यापन का कार्य स्थगित कर दिया गया। जिसके चलते यहां पहुंचे अभ्यार्थी निराशा वापस लौटे। बता दे की 2 दिसंबर से 16 दिसंबर तक दस्तावेज सत्यापन का कार्य होना था। दस्तावेज सत्यापन स्थगित होने से 3 वर्ष बाद भी भर्ती अधर में लटक गई है।
उच्च शिक्षा विभाग में प्राध्यापक के 595 पदों में भर्ती हेतु 7 अक्टूबर 2021 में ज्ञापन जारी हुआ था। इसके बाद वर्ष 2024 में ज्ञापन में गड़बड़ी का शुद्धि पत्र जारी हुआ। भर्ती के लिए 1545 अभ्यर्थियों को बुलाया गया था। 2 दिसंबर से 16 दिसंबर तक दस्तावेज सत्यापन का कार्य होना था। 2 दिसंबर को कंप्यूटर के अभ्यर्थियों के लिए साक्षात्कार हुआ था। जिसके दूसरे दिन 3 दिसंबर को होने वाला दस्तावेज परीक्षण का कार्य स्थगित कर दिया गया। जिसके चलते रायपुर के बाहर से आए अभ्यर्थियों को वापस लौटना पड़ा। पीएससी के परीक्षा नियंत्रक ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्राध्यापक के कुल 595 विज्ञापित पदों की पूर्ति हेतु दस्तावेज सत्यापन 2 दिसंबर से 16 दिसंबर तक आयोजित किया गया था। जिसे आयोग ने अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दिया है। आगामी तिथि की कोई सूचना पीएससी के द्वारा नहीं दी गई है। बल्कि पीएससी ने बताया है कि संशोधित तिथि की सूचना आयोग की अधिकृत वेबसाइट पर पृथक से जारी की जाएगी।
दस्तावेज सत्यापन का कार्य टालने के चलते पीएससी ने कोई कारण तो नहीं बताया है,पर मिली जानकारी के अनुसार विभिन्न विसंगतियों और नियमों का पालन नहीं होने के चलते फिलहाल दस्तावेज सत्यापन का कार्य टाला गया है। पहले दिन कंप्यूटर विषय के अभ्यर्थियों का दस्तावेज सत्यापन हुआ था। दूसरे दिन अंग्रेजी विषय के अभ्यर्थियों का दस्तावेज प्रकाशन होना था। पर नियमों में खामियों को लेकर एक्सपर्ट समेत कुछ अभ्यर्थियों ने भी आपत्ति जताई थी। जिन उम्मीदवारों को दस्तावेज सत्यापन के लिए बुलाया गया था वह उसे पर हेतु योग्य है भी या नहीं यह नहीं देखा जा रहा था। आयोग ने इसके लिए एपीआई कैलकुलेशन की पॉलिसी नहीं बनाई थी। ऐसे में केवल सत्यापन के नाम पर रिजल्ट देखा जा रहा था।
योग्यताओं का पैमाना स्पष्ट नहीं
प्राध्यापक पद के लिए पीएचडी डिग्री होने के अलावा अपने मार्गदर्शन में किसी एक अभ्यर्थी को पीएचडी पूरा करवाया भी होना चाहिए। पर बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी पहुंचे थे जिन्होंने खुद तो पीएचडी की थी पर पी किसी को नहीं करवाई थी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने इस पद के लिए 10 पेपर यूजीसी केयर जनरल में प्रकाशित होने की शर्त रखी थी। पर विज्ञापन में इसको लेकर कोई स्पष्ट आदेश नहीं था और ना ही आवेदन के फॉर्मेट में इस संबंध में कालम था। इन सब खामियों पर आपत्तियों को देखते हुए पीएससी ने कोई रिस्क ना उठाते हुए फिलहाल दस्तावेज सत्यापन का कार्य स्थगित कर दिया है।
प्राध्यापकों के प्रमोशन के बाद खाली है पद
उच्च शिक्षा विभाग के द्वारा प्राध्यापकों का प्रमोशन प्राचार्य के पद पर कर दिया गया है। प्राध्यापकों द्वारा प्राचार्य के पद पर ज्वाइनिंग देने के बाद बड़ी संख्या में प्राध्यापकों के पद खाली है। भर्ती प्रक्रिया स्थगित होने से रिसर्च समेत अकादमिक गतिविधियों में असर पड़ता दिखाई दे रहा है।