World Cancer Day News: इंटरमिटेंट फास्टिंग कैंसर को पनपने से रोकने और इलाज की प्रभावशीलता बढ़ाने में बन रही है उम्मीद की किरण, जाने यह कैसे काम करती है...

World Cancer Day News: कैंसर दुनिया भर में होने वाली मौतों को दूसरा सबसे प्रमुख कारण है। कैंसर की रोकथाम के लिए दुनियाभर में रिसर्च चलती रहती हैं, जिससे मौत का जोखिम कम हो और लोग इसके खौफ से आज़ाद हो सकें।

Update: 2024-02-02 13:15 GMT

World Cancer Day News: हर साल 4 फरवरी को वर्ल्ड कैंसर डे मनाया जाता है। कैंसर दुनिया भर में होने वाली मौतों को दूसरा सबसे प्रमुख कारण है। कैंसर की रोकथाम के लिए दुनियाभर में रिसर्च चलती रहती हैं, जिससे मौत का जोखिम कम हो और लोग इसके खौफ से आज़ाद हो सकें। इस दिशा में इंटरमिटेंट फास्टिंग उम्मीद की एक किरण बनकर आई है। एनसीबीआई ने भी इस संबंध में रिसर्च पेपर प्रकाशित किया है। इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है और यह किस तरह कैंसर का खतरा कम करने में सहयोग कर सकती है, आइए जानते हैं...

क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग?

इंटरमिटेंट फास्टिंग दिन भर में एक निश्चित अंतराल का उपवास है जिसमें खाने का एक पैटर्न बनाया जाता है। वैसे तो इसके कई पैटर्न हैं लेकिन सबसे ज्यादा प्रचलित 24 घंटे में से 16 घंटे उपवास रखने का पैटर्न है। इस दौरान आप पानी भर लें। बाकी के आठ घंटों में आप पोषण का ख्याल रखते हुए सही डाइट ले सकते हैं।

दरअसल उपवास का प्रयोजन यह होता है आप भूखे रह कर शरीर को रिपेयर और रिकवरी का मौका दें। बहुत से रिसर्च से यह बात सामने आई है कि विभिन्न बीमारियों को ठीक करने में उपवास महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बालों का झड़ना, वजन बढ़ना, हार्मोंस का असंतुलन, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने, डायबिटीज़, हार्ट,किडनी डिसीज़ से लेकर कैंसर तक के खतरे को कम करने में इंटरमिटेंट फास्टिंग के उपयोगी होने के प्रमाण मिल रहे हैं और अनवरत इस दिशा में रिसर्च जारी हैं।

कैंसर के लिए इस तरह हो सकती है प्रभावी

एनसीबीआई में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार

" इस तरह का उपवास कैंसर कोशिकाओं की अनुकूलनशीलता, अस्तित्व और वृद्धि को सीमित करने वाली स्थितियों को बढ़ावा देकर कैंसर के उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उपवास कैंसर के उपचार की प्रभावशीलता को बढ़ा सकता है और प्रतिकूल घटनाओं को सीमित कर सकता है। इस पर निरंतर शोध जारी है। "

एक नए शोध से पता चला है कि शरीर में कैलोरी की मात्रा कम किए बिना इंटरमिटेंट उपवास कैंसर के इलाज और रोकथाम की संभावित रणनीति बनाने में मदद कर सकता हैं। कुछ घंटों का स्ट्रिक्स उपवास आपके शरीर में कैंसर कोशिकाओं को पनपने और बढ़ने से रोक सकता है। एक अध्ययन से यह भी पता चला है कि रात में उपवास करने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर होने का खतरा कम हुआ है। इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके शरीर के अंदर से मृत कोशिकाओं को साफ करने में मदद करती है। यह ट्यूमर कोशिकाओं को कम करने, रेडियो और कीमोथेरेपी के प्रभावशालीता को बढ़ाने में मदद करती है। अभी इसके और सटीक परिणामों के संबंध में शोध जारी हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के अन्य लाभ

1. इंटरमिटेंट फास्टिंग से वजन कम करने में मदद मिलती है। दरअसल जब आप खाने के समय को सीमित करते हैं तो कैलोरी इंटेक में अपने आप कमी आ जाती है।कैलोरी को सीमित करने से आपके थायरॉयड पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है। फिर इसका फायदा यह भी है कि बॉडी एनर्जी के लिए पहले से स्टोर फैट का उपयोग करती है जिसकी वजह से वजन कम करने में मदद मिलती है।

2. इंटरमिटेंट फास्टिंग के कारण उम्र से संबंधित न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों से काफी हद तक राहत मिल सकती है। इससे अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसे रोगों का जोखिम काफी कम हो सकता है।

3. रात में जब हम स्वतः उपवास की स्थिति में होते हैं तब बॉडी सेल रिपेयरिंग का काम करती है। इंटरमिटेंट फास्टिंग से भी शरीर को अपने इस काम के लिए एक्स्ट्रा समय मिलता है। जिसके कारण पुरानी और डैमेज्ड सेल्स हट जाती हैं और नई सेल्स बनती हैं।

4. इंटरमिटेंट फास्टिंग लिपोप्रोटीन या "खराब" कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। इससे न केवल हार्ट हेल्थ बेहतर होती है, ब्लड प्रेशर रेग्युलेट होता है बल्कि इससे आपको कई तरह के ह्दय रोग होने की संभावना भी कम हो जाती है।

5. इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान शरीर शुगर के चयापचय के तरीके में सुधार कर सकती है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ा सकती है। सूजन को भी कम करती है। जिससे डायबिटीज पेशेंट्स को मदद मिलती है।

6. इंटरमिटेंट फास्टिंग शरीर में इंफ्लेमेशन को कम करने में भी मददगार साबित हो सकती है। इससे हार्ट, डायबिटीज़ के साथ कैंसर की भी आशंका कम होती है।

7. यह शरीर को डी टाॅक्सिफाय करने में मदद करती है।

हालांकि सभी व्यक्तियों पर यह बात समान रूप से लागू नहीं होती है। कुछ विशेष परिस्थितियों और बीमारियों जैसे हाइपरटेंशन, डायबिटीज़ आदि से पीड़ित लोगों को इसे सावधानी से करना चाहिए या इससे पूरी तरह बचना चाहिए। बिना डाॅक्टर के परामर्श के और लंबे समय तक इंटरमिटेंट फास्टिंग करना सही नहीं माना गया है।

साथ ही अगर आप किसी बीमारी से पीड़ित नहीं हैं तब भी इंटरमिटेंट फास्टिंग की शुरुआत कम अवधि से करें और समय के साथ धीरे-धीरे अवधि बढ़ाएं। और फास्टिंग तोड़ते समय, शरीर को आवश्यक विटामिन और खनिज मिलें, इसका भी ध्यान रखें।

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