International Yoga Day 2024 : योग शरीर, मन और भावना के स्तर पर काम करता है... आइए जानते हैं "योग" के फायदे

प्रतिवर्ष वैश्विक स्तर पर 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य योग के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और वैश्विक स्तर पर योग के अभ्यास को प्रोत्साहित करना है।

Update: 2024-06-20 09:29 GMT

International Yoga Day 2024 : योग शरीर और मन को निरोगी बनाता है। यदि आपको कोई रोग हो गया है और वह ज्यादा गंभीर अवस्था में नहीं है तो आप योग के  अचूक उपाय किसी योग टीचर की सलाह से आजमा सकते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन्हें करने से रोग जड़ से ही मिट जाता है। हालांकि इसको किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही करना चाहिए।

हर साल योग दिवस की एक खास थीम होती है। इस साल योग दिवस की थीम महिलाओं पर आधारित है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2024 की थीम 'स्वयं के लिए और समाज के लिए योग (Yoga For Self And Society)' है।

भारत ने योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और योग के जरिए सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा दिया। शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए योग लाभकारी है। यह शरीर को रोगमुक्त रखता है और मन को शांति प्रदान करता है।

भारतीय संस्कृति से जुड़ी ये क्रिया अब विदेशों तक फैल चुकी है। हर साल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है और इस दौरान दुनियाभर के लोग सामूहिक रूप से योगाभ्यास करते हैं।



कब मनाया जाता है योग दिवस


प्रतिवर्ष वैश्विक स्तर पर 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य योग के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और वैश्विक स्तर पर योग के अभ्यास को प्रोत्साहित करना है।

21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस


योग दिवस मनाने के लिए 21 जून का ही दिन निर्धारित करने की एक खास वजह है। 21 जून उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। यह दिन साल का सबसे लंबा दिन मना जाता है। ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन में प्रवेश करता है जिसे योग और अध्यात्म के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला लिया गया।


योग दिवस का महत्व




रायपुर की योग टीचर मधु बहादुर सिंग के अनुसार योग का जीवन में कई महत्त्व है. यह कई प्रकार से हमारे लिए फायदेमंद है. योग शरीर, मन और भावना के लेवल पर काम करता है है. चार प्रकार के योग होते हैं - भक्ति योग जिसमें भावना जुडी है. योग के प्रति भावना का होना जरुरी है. कर्म योग जब शरीर से आसान होता है. ज्ञान योग जहाँ योग का ज्ञान जरुरी है मन और बुध्दि का उपयोग होना जरुरी है. क्रिया योग जहाँ शरीर से क्रिया होती है. कुल मिलाकर चारों के ज्ञान के बिना योग अधूरा है. 

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य : योग के माध्यम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। शरीर स्वस्थ रहता है और रोगों की चपेट में आने से बच जाता है। वहीं अगर कोई रोग से ग्रस्त हैं तो उसके निवारण के लिए भी नियमित योग असरदार होता है।

सकारात्मक जीवनशैली : योग एक स्वस्थ और संतुलित जीवन शैली को प्रोत्साहित करता है। ध्यान व योग मानसिक शांति देता है, जिससे सकारात्मक विचार आते हैं और लोग स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।

सांस्कृतिक एकता : योग एक प्राचीन भारतीय परंपरा है, जो अब वैश्विक संस्कृति का हिस्सा बन चुकी है। योग से परस्पर देश विदेश के योगी एक दूसरे से जुड़ते हैं और सांस्कृतिक एकता को बढ़ावा देते हैं।


निरोगी बनने के लिए पहले करें ये 5 महत्वपूर्ण कार्य-

  • चाय, कॉफी, दूध, कोल्ड ड्रिंक, मैदा, तेल, शक्कर, नमक, बेसन, बैंगन, समोसे, कचोरी, पोहे, पिज्जा, बर्गर आदि जंग और फास्ट फूड।
  • शक्कर की जगह खांड का उपयोग करें और नमक की जगह सेंधा नमक लें।
  • तेल की जगह आप राइस ब्रांड या फिर बगैर तेल से बनी चीजों का उपयोग करें। इसके लिए प्याज या टमाटर की ग्रेवी का उपयोग कर सकते हैं।
  • अधिक से अधिक फाइबर युक्त भोजन करें।
  • चकोतरा या नींबू का रस पिएं।

रोज की दिनचर्या में ये जरूर करें 

1. ध्यान

सबसे पहले प्रतिदिन 20 मिनट का ध्यान सुबह और शाम को करना प्रारंभ कर दें। ध्यान से धीरे-धीरे आपका दिमाग शांत होकर नई सकारात्मक ऊर्जा से भर जाएगा। चिंता, भय, घबराहट, बेचैनी, अवसाद, शोक, शंकालु प्रवृत्ति, नकारात्मकता, द्वंद्व या भ्रम आदि सभी मन से हट जाएंगे तो शरीर में भी इसकी सकारात्मक प्रतिक्रिया होने लगेगी।


2. ये तीन प्राणायाम करें

चंद्रभेदी, सूर्यभेदी और भ्रामरी प्राणायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लें। इन्हें आसानी से सीखा जा सकता है। यह शरीर में ऑक्सीजन को शुद्ध करके रक्त संचार को सुचारू बनाएंगे।

3. पंचकर्म क्रिया

एक बार इस क्रिया को जरूर करें। आयुर्वेद और योग के अनुसार पंचकर्म या पंचक्रिया अर्थात पांच तरह की ऐसी क्रिया है जिससे शरीर स्वस्थ होता है। इसमें वमन, विरेचन, निरूहवस्थी, नास्या, अनुवासनावस्ती सहित अन्य थेरेपी होती है। क्रियाओं में उड्डियान, नौली, धौति कर्म, बस्ती क्रिया, गणेश क्रिया, शंख प्रक्षालन और वमन क्रिया भी होती है। क्रिया नहीं कर सकते हैं तो करें ये योगासन करें- मलासन, वज्रासन, वक्रासन, सर्पासन, कटिचक्रासन, विपरीतकरणी आसन। इससे आर्थराइटिस, मधुमेह, तनाव, गठिया, लकवा, पाचन, फेफड़े, सिरदर्द, एड़ी में दर्द, जोड़ों में दर्द, फटी एड़ियों में फायदा, स्मृति दोष, नेत्र रोग, सर्वाइकल सहित कई रोग में लाभ मिलता है।

4. सूर्य नमस्कार

प्रतिदिन आप सूर्य नमस्कार करें। सूर्य नमस्कार की 12 स्टेप को आप कम से कम 5 बार जरूर करें। सूर्य नमस्कार में अधिकतर आसनों का समावेश हो जाता है। यह शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने की क्षमता रखता है बशर्ते कि इसे नियमित रूप से किया जाए। 3 माह में इसके परिणाम मिलना प्रारंभ हो जाते हैं।

5. व्रत

योग के यम नियम का ही अंग है व्रत या उपवास। उपवास से शरीर के भीतर जमा गंदगी बाहर निकलती है। उपवास करें 16 घंटे का। जैसे यदि आप रात को आठ बजे भोजन करते हैं तो फिर अगले दिन सुबह 12 बजे ही भोजन करें। इस बीच आपको कुछ भी नहीं खाना या पीना है। सुबह पानी, नारियल पानी या सब्जी का ज्यूस पी सकते हैं। ऐसा करने लगेंगे तो शरीर स्थित नया-पुराना भोजन पूर्णत: पचकर बाहर निकलने लगेगा।



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