ANTI DRUGS DAY 2024 SPECIAL : दिमाग की कार्यप्रणाली को बाधित करती है "गांजा", करोड़ों का गांजा फूंक रहे रायपुरवासी

जब कोई गांजा स्मोक करता है तो गांजे में पाए जाने वाले दो केमिकल्स (THC और CBD) अलग-अलग काम करते हैं.

Update: 2024-06-26 14:44 GMT

छत्तीसगढ़ में हर साल गांजा तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में साफ जाहिर होता है कि यहां गांजा सेवन करने वालों की कमी नहीं है। इस बारे में जब एक्सपर्ट से बात की गई तो उन्हें बताया गया जब कोई गांजा स्मोक करता है तो गांजे में पाए जाने वाले दो केमिकल्स (THC और CBD) अलग-अलग काम करते हैं.

THC नशे को बढ़ाने का काम करता है तो वहीं, CBD उसके असर को कम करता है. दरअसल, CBD लोगों की घबराहट को कम करने में काफी मदद करता है. लेकिन, जब गांजे में THC की मात्रा CBD की मात्रा से ज्यादा होती है तो यह दिमाग की कार्यप्रणाली को बाधित करने का काम करती है.

गांजा स्मोक करने पर THC खून के साथ हमारे दिमाग तक पहुंच जाता है और उसमें गड़बड़ करने लगता है. हमारा दिमाग अपना सारा काम न्यूरॉन्स की मदद से करता है, लेकिन गांजा पीने के बाद न्यूरॉन्स कंट्रोल से बाहर हो जाते हैं.

आंकडा एक नज़र 




छत्तीसगढ़ में हर साल गांजा तस्करी के मामले बढ़ रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो सिर्फ अकेले रायपुर में ही एनडीपीएस एक्ट कार्यवाही के तहत ०१-०१-२०२३ से ३१-१२-२०२३ तक गांजा तस्करी के १६८ मामले हुए हैं जिसमे २३५ गिरफ्तारी हुई है वहीँ १४५४ किलोग्राम गांजा जब्त किया गया है, जिसकी कुल कीमत १४५३४२७० रुपये है. इस हिसाब से यह कह पाना आश्चर्यजनक नहीं होगा की रायपुर शहर नशे में उड़ रही है और गांजा फुकने में रायपुरवासी अव्वल है. 

इस रास्ते से हो रही तस्करी 

जानकारों की माने तो ओडिशा से छत्तीसगढ़ होते हुए देशभर में गांजा तस्करी की जा रही है। प्रदेश से कटा हुआ मलकानगिरी की पहाड़ी का हिस्सा ओडिशा में आता है। इस पहाड़ी से छत्तीसगढ़, ओडिशा व आंध्रप्रदेश की सीमा जुड़ी हुई है। यहीं से गांजे की खरीदी कर ट्रेनों के जरिए दूसरे राज्यों,शहरों में आपूर्ति की जा रही है। पुलिस अधिकारी भी स्वीकार करते है कि ओड़िशा से हो रही गांजे की तस्करी का दस प्रतिशत हिस्सा ही पकड़ा जाता है,शेष की भनक तक नहीं लग पाती।



गांजा पूर्ण रूप से प्रतिबंधित, इसके बावजूद बड़े स्तर पर इसका धंधा और सेवन

नशा मुक्ति केंद्र रायपुर की ममता शर्मा के अनुसार भारत समेत छत्तीसगढ़ में लोग अलग-अलग तरह के नशे करते हैं, जिसमें एक नशा गांजे का भी शामिल है. भारत में सरकार ने गांजे (Cannabis) को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया हुआ है, इसके बावजूद चोरी-छिपे बड़े स्तर पर इसका धंधा और सेवन होता है. 


क्या है ये गांजा


दुनिया के भारत समेत कई देशों ने गांजे पर प्रतिबंध लगाया हुआ है, वहीं दूसरी ओर कई देशों में ये पूरी तरह से लीगल है. गांजा का अंग्रेजी नाम कैनेबिस (Cannabis) है. गांजा कैनेबिस के फूलों से बनाया जाता है. आमतौर पर गांजे का इस्तेमाल स्मोकिंग के लिए किया जाता है, लेकिन कई लोग इसे खाकर या घोल पीकर भी इससे नशा करते हैं. भारत में गांजे को NDPS के अंतर्गत लाकर इसे बैन करने की सबसे बड़ी वजह इसका मनोसक्रिय मादक (Psychoactive Drug) पदार्थ होना है. गांजे का सेवन करने के बाद हमारे दिमाग में कई तरह की असामान्य गतिविधियां होने लगती हैं. कैनेबिस के पौधे में लगभग 150 तरह के कैनेबिनॉइड्स (Cannabinoids) पाए जाते हैं. जिनमे से दो केमिकल्स THC और CBD दिमाग पर सबसे ज्यादा असर डालते हैं.

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