Vat Savitri Vrat 2024 : हर वट वृक्ष की पूजा न करें...वट वृक्ष की डाल तोड़कर पूजा करना अशुभ

इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र की कामना लिए बट वृक्ष की पूजा आराधना करती है. वट वृक्ष मे भगवान शिव का वास रहता है. लेकिन, हर वट वृक्ष की पूजा आराधना नहीं करनी चाहिए

Update: 2024-06-05 05:49 GMT

समस्त सुहागिनों के लिए अखंड सौभाग्य का व्रत,वट सावित्री व्रत, जिसे सावित्री अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है गुरुवार 6 तारीख यानि की कल  मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं।

इस दिन व्रत रखकर सुहागिनें वट वृक्ष की पूजा लंबी आयु, सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य देने के साथ ही हर तरह के कलह और संतापों का नाश करने वाली मानी जाती है।

इस दिन सुहागिन महिलाएं अपनी पति की लंबी उम्र की कामना लिए बट वृक्ष की पूजा आराधना करती है. वट वृक्ष मे भगवान शिव का वास रहता है. लेकिन, हर वट वृक्ष की पूजा आराधना नहीं करनी चाहिए. जैसे की वट सावित्री पूजा के दिन कई लोग वट का डाल तोड़कर उनकी पूजा करते है. ऐसा करने से जातक को कभी भी शुभ फल की प्राप्ति नहीं होगी.


कौन से वट वृक्ष की पूजा करे

वट सावित्री पूजा के दिन सुहागिन महिलाओं को ऐसे वटवृक्ष की पूजा आराधना करनी चाहिए. जिसमें फूल और फल दोनों हो. इसके साथ ही वह वट वृक्ष हरा और छायादार होना चाहिए. तभी वटवृक्ष की पूजा शुभ मानी जाएगी.


इन वट वृक्ष की ना करे पूजा



ऐसी वटी वृक्ष की पूजा आराधना नहीं करनी चाहिए. जिसमें फल नहीं होता है. इसके साथ हीं बट वृक्ष के आसपास गंदगी नहीं होनी चाहिए. सबसे बड़ी बात वट सावित्री पूजा के दिन वट वृक्ष की ढाणी तोड़कर पूजा बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिए. इससे शुभ फल की प्राप्ति नहीं होगी.


वट सावित्री व्रत पूजा मुहूर्त

पूजा के लिए शुभ मुहूर्त प्रातः 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट पर होगा।

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