Narak Chatutdashi: आज नहीं करें ये गलतियां, जानिए क्यों निकालते हैं यम का दीपक

Narak Chatutdashi: नरक चतुर्दशी यम का दीपक जलाते समय कुछ बाते हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए। लेकिन इससे पहले हम आपको बताते हैं कि नरक चतुर्दशी क्यों मनाई जाती है

Update: 2023-11-11 09:30 GMT

Narak Chatutdashi:सनातन धर्म में इस दिन दीप दान का बहुत अधिक महत्व है इस दिन सूर्य के उगने से पहले स्नान किया जाता है और यम तर्पण किया जाता है इसके साथ ही इस दिन शाम के समय दीप दान किया जाता है जिसका बहुत बड़ा महत्व है। ये त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है।नरक चतुर्दशी का त्योहार इस साल 11 और 12 नवंबर को है। यह त्योहार धनतेरस के एक दिन बाद और दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है। कार्तिक मास में पड़ने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इसे रूप चौदस, नरक चतुर्दशी, छोटी दिवाली, नरक निवारण चतुर्दशी और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है।  इस दिन यम के लिए दीपक जलाया जाता है आपको बता दें कि यम का दीपक जलाते समय कुछ बाते हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए। लेकिन इससे पहले हम आपको बताते हैं कि नरक चतुर्दशी क्यों मनाई जाती है

 नरक चतुर्दशी क्यों मनाई जाती है?

मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल में नरकासुर नाम का एक राक्षस था वो बहुत ही शक्तिशाली था उसने अपनी शक्तियों के बल पर ऋषि-मुनियों और देवताओं के साथ ही सोलह हजार एक सौ सुंदर राजकुमारियों को अपना बंधक बना लिया था नरकासुर के अत्याचारों से परेशान होकर देवता और साधू-संत भगवान कृष्ण के पास गए। आपको बता दें कि नरकासुर को स्त्री के हाथों मरने का श्राप मिला हुआ था इसलिए भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की मदद से नरकासुर का वध किया था। और उसकी कैद से 16 हजार एक सौ कन्याओं को आजाद कराया था और जिस दिन उन्होंने नरकासुर का वध किया था उस दिन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि थी,आपको बता दें कि कैद से आजाद करने के बाद समाज में इन कन्याओं को मान- सम्मान दिलाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने इन सभी कन्याओं से विवाह कर लिया था। नरकासुर से मुक्ति पाने की खुशी में देवगण और पृथ्वीवासी बहुत खुश हुए। माना जाता है कि तभी से इस त्योहार को मनाने की परंपरा शुरू हुई।

 नरक चतुर्दशी यम का दीपक जलाते समय इन बातों का रखें ध्यान

 बता दें कि यम के लिए दीपक कार्तिक कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि पर ही जलाना चाहिए।  इस दिन दीप जलाने से पहले स्नान करें और साफ सुथरे कपड़े पहने। ध्यान रखें की घर के बड़े या बुजुर्ग व्यक्ति ही इस दीप को जलाए। नरक चतुर्दशी के दिन यम के लिए दीप को जलाते समय ध्यान रखें कि उसका मुख दक्षिण दिशा की ओर ही होना चाहिए। शाम के समय प्रदोष काल में यम के लिए दीप को जलाना चाहिए

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