Mahakal Bhasma Aarti Live : भस्म आरती में छिपी शक्ति और बाबा का मनोहारी शृंगार, देखें लाइव
Mahakal Bhasma Aarti Live : भस्म आरती का पारंपरिक समय सुबह 4 बजे ही है, और यह आरती ही दिन की शुरुआत करती है। महत्वपूर्ण परिवर्तन भस्म के स्वरूप में आया है: अब इस अनुष्ठान में श्मशान की राख (चिता भस्म) का उपयोग नहीं किया जाता।
Mahakal Bhasma Aarti Live : भस्म आरती में छिपी शक्ति और बाबा का मनोहारी शृंगार, देखें लाइव
Mahakal Bhasma Aarti Live : उज्जैन | उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में होने वाली विश्व-प्रसिद्ध भस्म आरती आज भी आस्था और परंपरा का अद्भुत केंद्र बनी हुई है। दिसंबर 2025 में, जबकि भक्तों का आगमन सामान्य हो चुका है, मंदिर प्रशासन ने भीड़ नियंत्रण और दर्शन की पवित्रता बनाए रखने के लिए कुछ कड़े नियम जारी रखे हैं।
Mahakal Bhasma Aarti Live : आरती का समय और स्वरूप
भस्म आरती का पारंपरिक समय सुबह 4 बजे ही है, और यह आरती ही दिन की शुरुआत करती है। महत्वपूर्ण परिवर्तन भस्म के स्वरूप में आया है: अब इस अनुष्ठान में श्मशान की राख (चिता भस्म) का उपयोग नहीं किया जाता। इसके स्थान पर, शुद्ध और पवित्र सामग्री जैसे चंदन, गाय का गोबर (कंडे), भांग, कपूर और अन्य जड़ी-बूटियों से तैयार की गई भस्म का उपयोग होता है, जो परंपरा और शुचिता दोनों को बनाए रखता है। भस्म आरती के बाद दिन भर में बालभोग, भोग, संध्या और शयन आरती समेत पाँच अन्य आरतियाँ भी होती हैं।
प्रवेश और बुकिंग की अनिवार्य शर्तें
भस्म आरती में शामिल होने के लिए ऑनलाइन बुकिंग या मंदिर के प्रोटोकॉल काउंटर से टिकट/पास लेना अनिवार्य है। वर्तमान में, केवल 1700 भक्तों को ही प्रवेश की अनुमति है ताकि मंदिर परिसर में अत्यधिक भीड़ न हो और सभी सुगमता से दर्शन कर सकें। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ₹750 और ₹1500 जैसी सशुल्क टिकट प्रणालियाँ भी प्रभावी हैं।
सख्त ड्रेस कोड
आरती में शामिल होने के लिए मंदिर द्वारा निर्धारित ड्रेस कोड का पालन करना अत्यंत आवश्यक है। पुरुषों को अनिवार्य रूप से धोती पहननी होगी। महिलाओं के लिए साड़ी या पूर्ण रूप से शालीन सलवार-सूट पहनना अनिवार्य है।
आज के लिए विशेष: चूंकि दिसंबर का महीना सामान्य दिनों में आता है, इसलिए सुबह 4 बजे की आरती के लिए ऑनलाइन बुकिंग की उपलब्धता की जाँच करना सबसे अच्छा है। वीकेंड (शनिवार/रविवार) पर भीड़ अत्यधिक होने की संभावना है, जिस कारण गर्भगृह में प्रवेश को बंद रखा जा सकता है।
भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे असुविधा से बचने के लिए समय से पहले बुकिंग कराएँ और निर्धारित नियमों का पालन करते हुए बाबा महाकाल के दर्शन करें।