Maha Shivaratri Mahatva: महाशिवरात्रि के दिन इस मंत्र से शिवजी को करें प्रसन्न, जानिए कैसे बरसेगी कृपा
Maha Shivaratri Mahatva: इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें भक्त उनके चारों तरफ दीप जलाते हैं, ध्यान करते हैं और मंत्र जपते हैं।
Maha Shivaratri Mahatva:
महाशिवरात्रि का पर्व भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण और उत्सवी दिन है, जिसे फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है, जिसमें भक्त उनके चारों तरफ दीप जलाते हैं, ध्यान करते हैं और मंत्र जपते हैं।
इस विशेष दिन को मनाने के लिए व्रत रखा जाता है, जिसमें भक्त निराहार रहते हैं और शिव की पूजा करते हैं। इसके अलावा, प्रचलित मान्यता है कि इस दिन कुंआरी लड़कियाँ व्रत रखती हैं ताकि उन्हें अपने मनचाहे जीवनसाथी का प्राप्ति हो।
व्रत रखने के लिए सबसे अच्छा समय उठकर सूर्योदय के समय से पहले होता है। शिव मंदिर या शिवलिंग के पास बैठकर पूजा किया जाता है, जिसमें ध्यान, अर्चना और अभिषेक किया जाता है। पूजा के बाद, भक्त शिव के भजन गाते हैं और उनकी कथाएं सुनते हैं।
गृह प्रवेश का शुभ मुहूर्त चांद के उदय के समय का माना जाता है, जब वास्तु दोषों से मुक्त और शुद्ध माहौल होता है। इस समय में नए घर में प्रवेश करने से समृद्धि और सौभाग्य मिलता है।
महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का आरंभ 8 मार्च को 9 बजकर 57 मिनट से होगा जो अगले दिन यानि 9 मार्च को 6 बजकर 17 मिनट तक रहेगा.
महाशिवरात्रि का निशिता मुहूर्त देर रात 12 बजकर 7 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 56 मिनट तक रहेगा
निशिता पूजा समय - 9 मार्च को सुबह 12 बजकर 12 मिनट से 1 बजकर 1 मिनट तक रहेगा।
रात्रि पहला प्रहर पूजा समय- शाम 6 बजकर 29 मिनट से रात 9 बजकर 33 मिनट तक रहेग।
रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 9 मार्च को सुबह 12 बजकर 37 मिनट से 3 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 9 मार्च सुबह 3 बजकर 40 मिनट से 06 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
महाशिवरात्रि पारण का समय
महाशिवरात्रि के दिन पारण का समय 9 मार्च को 6 बजकर 44 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
महाशिवरात्रि पूजा विधि
महाशिवरात्रि की पूजा के समय शिवलिंग का दूध से अभिषेक करना अत्यंत फलदायी माना गया है. शिवलिंग का दूध से रुद्राभिषेक करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है.
महाशिवरात्रि की पूजा के समय शिवलिंग को जल चढ़ाना भी अत्यंत शुभ माना जाता है. ऊं नम: शिवाय: का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाने से मानसिक परेशानियां दूर हो जाती है.
महाशिवरात्रि की पूजा के समय शिवलिंग को लाल केसर से तिलक लगाएं. इससे जीवन में सौम्यता आती है और मांगलिक दोष दूर हो जाते हैं.
महाशिवरात्रि की पूजा के समय शिवलिंग पर शहद का लेप करने से वाणि को मधुरता मिलती है. इससे जीवन में राग और द्वेष कम होते हैं.
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन कठोर तप के बाद माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था. इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए महाशिवरात्रि का व्रत रखती हैं.
शिवरात्रि के दिन शुरुआत के लिए शुभ मुहूर्त-महाशिवरात्रि मंत्र
8 मार्च 2024, शुक्रवार, शुभ मुहूर्त समय: सुबह 06:38 से रात 09:57 बजे तक, नक्षत्र: श्रवण, धनिष्ठा
ध्याये नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारूचंद्रां वतंसं। रत्नाकल्पोज्ज्वलांगं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम।। पद्मासीनं समंतात् स्तुततममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं। विश्वाद्यं विश्वबद्यं निखिलभय हरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम्।।
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
देवदेव महादेव नीलकंठ नमोस्तु ते। कुर्तमिच्छाम्यहं देव शिवरात्रिव्रतं तव।। तव प्रभावाद्धेवेश निर्विघ्नेन भवेदिति। कामाद्या: शत्रवो मां वै पीडां कुर्वन्तु नैव हि।।