Ladakh Pregnancy Tourism : यहाँ होती है प्रेग्नेंसी टूरिज्म, यहाँ के आदिवासी युवाओं के पीछे पागल है विदेशी महिलाएं

Ladakh Pregnancy Tourism : इस गांव को आर्य वैली के नाम से जाना जाता है. यहां विदेशी खासकर यूरोपीय देशों की महिलाएं सिर्फ इसीलिए आती हैं ताकि यहां के मर्दों से वो गर्भवती हो सकें.

Update: 2025-10-24 13:27 GMT

Ladakh Pregnancy Tourism :  यहाँ विदेशी सैलानी सिर्फ घूमने नहीं बल्कि प्रेग्नेंसी के लिए भी आते हैं. यहाँ विदेशी महिलाएं आदिवासी युवाओं के पीछे पागल हैं. हम बात कर रहे हैं लद्दाख की, जो अपनी सुंदरता और चट्टानों वाले पहाड़ों के कारण जाना जाता है.  लेकिन लद्दाख में एक ऐसा गांव है, जहां पर विदेशी महिला प्रेग्नेंट होने के लिए आती हैं.


लद्दाख भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां पर दुनियाभर के पर्यटक आते हैं. वैसे तो भारत के तमाम राज्य विदेशियों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है, लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर लद्दाख के एक गांव में विदेशी महिलाएं प्रेग्नेंट होने के लिए क्यों आती हैं.

बता दें कि लद्दाख में कारगिल से 70 किलोमीटर दूर एक गांव है. इस गांव को आर्य वैली के नाम से जाना जाता है. दावा किया जाता है कि यहां विदेशी खासकर यूरोपीय देशों की महिलाएं सिर्फ इसीलिए आती हैं ताकि यहां के मर्दों से वो गर्भवती हो सकें. सुनने में ये थोड़ा अजीब है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये सही है.




 क्या है कारण ?

लद्दाख के आर्य वैली में ब्रोकपा जनजाति के लोग रहते हैं. इनको लेकर कहा जाता है कि ये लोग अलेक्जेंडर द ग्रेट (सिकंदर महान) की सेना के वंशज हैं. इतना ही नहीं दावा तो ये भी है कि वे दुनिया के बचे हुए आखिरी शुद्ध आर्य हैं. कहा जाता है कि सिकंदर महान जब भारत से जा रहा था, तो उसकी फौज का कुछ भाग भारत में ही रह गया था और उनके वंशज भारत में आज भी हैं.

सिकंदर की सेना की तरह बच्चे की चाहत  

विदेशी महिलाएं सिकंदर की सेना की तरह ही अच्छे कद काठी, शारीरिक बनावट, मजबूत शरीर वाले औलाद की चाहत में यहां पहुंचती हैं और प्रेग्नेंट होने के बाद यहां से चली जाती हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि पहले इस समुदाय के लोगों का बहुत अधिक क्रेज नहीं था, लेकिन इंटरनेट पर प्रचार-प्रसार के बाद विदेशी महिलाओं की संख्या बढ़ने लगी है. विदेशी महिलाएं शारीरिक संबंध बनाने के बदले में पुरुषों को पैसे देती हैं.

हालांकि ब्रोकपा दावा करते हैं कि वे ही आर्य के वंशज हैं, लेकिन इसका कोई प्रमाण नहीं है. उनकी कोई जांच भी नहीं है, लेकिन अपनी कद काठी , शारीरिक बनावट और कुछ कहानियों, लोककथाओं के आधार पर वे शुद्ध आर्य होने का दावा करते हैं. वहीं कई जानकारों का कहना है कि प्रेग्नेंसी टूरिज्म एक बस बनी बनाई कहानी है.

शारीरिक संबंध बनाने के लिए देती हैं पैसे

ऐसा भी कहा गया है कि विदेशी महिलाएं शारीरिक संबंध बनाने के बदले पुरुषों को पैसे भी देती हैं. पहले इस गांव के बारे में बहुत कम लोग जानते थे, लेकिन इंटरनेट और सोशल मीडिया के कारण अब यहां विदेशी महिलाएं ज्यादा आने लगी हैं.




 क्या यह सब सच है ?

ब्रोकपा आदिवासी समुदाय खुद को आर्य बताता है, लेकिन इसके बारे में कोई वैज्ञानिक प्रमाण या डीएनए जांच मौजूद नहीं है. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि “प्रेग्नेंसी टूरिज्म” जैसी बातें असली कम और कहानियां ज्यादा लगती हैं. हो सकता है कि यह कुछ लोगों के अनुभव पर आधारित हो, लेकिन इसे पूरी सच्चाई मान लेना सही नहीं होगा. वहीं The Parrey नामक यूट्यूबर ने जब इस गांव का दौरा करके एक जोबांग डोलमा नामक बूढ़ी महिला से बात किया तो उन्होंने कहा कि पहले ऐसा होता था. लेकिन अब ऐसा नहीं होता. वहीं, कुछ स्थानीय पुरुषों का कहा कि प्रेगनेंसी वाली बात सच है. ऐसा अब भी होता है. यूरोप से आने वाली महिलाएं दो-दो महीने यहां रूकती है, लेकिन नाम खराब होने की वजह से खुलकर कोई इसका खुलासा नहीं करता है.

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