फेसबुक ने कहा- अगर ट्रंप ने नफरत वाला पोस्ट किया तो उसे भी डिलीट करेंगे….

Update: 2020-08-19 16:13 GMT

नईदिल्ली 19 अगस्त 2020. कुछ दिन पहले जब ट्विटर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक पोस्ट का फैक्ट चेक किया था जिसके बाद फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने ट्विटर की आलोचना की थी लेकिन जैसे-जैसे अमेरिकी चुनाव नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे जुकरबर्ग के सुर बदल रहे हैं।फेसबुक की मुख्य परिचालन अधिकारी शेरिल सैंडबर्ग ने कहा है कि यदि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पोस्ट घृणा भाषण और झूठी जानकारी संबंधी, कंपनी की नीतियों का उल्लंघन करती हैं तो उन्हें हटा दिया जाएगा। फेसबुक ने तीन नवंबर को अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले अपने मंच से दुष्प्रचार रोकने के लिए अनेक कदम उठाये हैं।

इन उपायों में विवादास्पद विषय वस्तु को रोकना शामिल है। सैंडबर्ग ने मंगलवार को एमएसएनबीसी समाचार चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा कि कंपनी नफरत भरी बातों और झूठी जानकारियों को हटाएगी, भले ही ट्रंप ने वो पोस्ट डाली हों। उन्होंने कहा, ”यदि राष्ट्रपति हमारे घृणा भाषण संबंधी मानकों का उल्लंघन करते हैं या मतदाताओं को लेकर अथवा कोरोना वायरस पर गलत जानकारी देते हैं तो उन पोस्ट को हटाया जाएगा।

फेसबुक ने पिछले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति की एक पोस्ट हटा ली थी जिसमें उन्होंने दावा किया था कि बच्चे कोविड-19 से लगभग सुरक्षित हैं। इस पोस्ट को ‘गलत सूचना फैलाने के तहत चिह्नित कर दिया गया।

गौरतलब है कि पूरा विवाद अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट के बाद आरंभ हुआ। इस रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक भाजपा विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में दखलंदाजी की थी।

उधर, फेसबुक ने इस तरह के आरोपों के बीच सोमवार को सफाई देते हुए कहा कि उसके मंच पर ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है।

उन्होंने जुकरबर्ग को सुझाव दिया, ‘फेसबुक मुख्यालय की तरफ से उच्च स्तरीय जांच आरंभ की जाए और एक या दो महीने के भीतर इसे पूरा कर जांच रिपोर्ट कंपनी के बोर्ड को सौंपी जाए। इस रिपोर्ट को सार्वजनिक भी किया जाए।’ वेणुगोपाल ने यह आग्रह भी किया कि जांच पूरी होने और रिपोर्ट सौंपे जाने तक फेसबुक की भारतीय शाखा के संचालन की जिम्मेदारी नयी टीम को सौपीं जाए ताकि जांच की प्रक्रिया प्रभावित नहीं हो।फेसबुक ने इसके साथ ही यह स्वीकार किया है कि वह नफरत फैलाने वाली सभी सामग्रियों पर अंकुश लगाती है, लेकिन इस दिशा में और बहुत कुछ करने की जरूरत है। वेणुगोपाल ने फेसबुक के संस्थापक को लिखे पत्र में इस मामले का हवाला दिया और कहा कि इससे कांग्रेस को बहुत निराशा हुई है।

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