1.40 करोड़ की रिकवरीः कर्मचारियों का पीएफ काटकर जमा न करना स्वास्थ्य विभाग को पड़ा भारी, पीएफ आफिस ने निकाली रिकवरी

Update: 2021-12-03 16:29 GMT

रायपुर, 3 दिसंबर 2021। कोरबा जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा कर्मचारियों का पीएफ काटने के बाद भी विभाग में जमा न करना महंगा पड़ गया। रिजनल पीएफ आफिस ने स्वास्थ्य समिति के खिलाफ एक करोड़ चालीस लाख की रिकवरी निकाल दी है।

जला स्वास्थ्य समिति, कोरबा, छत्तीसगढ़, भ.नि. कोड संख्या सीजी/22392 के विरूद्ध कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 की धारा 7ए के अंतर्गत चूक अवधि 09/2008 से 01/2016 के लिए भविष्य निधि कार्यालय द्वारा 10469511 रुपए के बकाया देय का निर्धारण किया गया है।

उल्लेखनीय है कि संस्थान मेसर्स जिला स्वास्थ्य समिति, कोरबा, कोड संख्या सी.जी/22392 ने भविष्य निधि अधिनियम के अंतर्गत अगस्त 2008 से जनवरी 2016 तक अपने कर्मचारियों का भविष्य निधि अंशदान नियमानुसार भ.नि. कार्यालय में जमा नहीं किया था, जिसे संज्ञान में लेते हुए भविष्य निधि कार्यालय ने उक्त चूक अवधि के लिए अधिनियम की धारा 7ए के अंतर्गत, जांच कार्रवाई प्रारंभ की थी तथा संस्थान के विरुद्ध रू. 10469511 रुपए की बकाया देय राशि का निर्धारण किया है। संस्थान को निर्धारित देय राशि के भुगतान के लिए 15 दिन का समय दिया गया है, जिसमें विफलता की दशा में कार्यालय द्वारा भविष्य निधि अधिनियम की धारा 14 (सहपठित पैरा 76) के अंतर्गत वसूली कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। देय बकाया राशि की वसूली से संस्थान के 225 अंशधारको को भविष्य निधि अधिनियम, 1952 के अंतर्गत रचित योजनाओं यथा भविष्य निधि, बीमा योजना (ईडीएलआई) तथा पेंशन का नियमानुसार लाभ मिलेगा।

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